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उत्तर प्रदेश सरकार का बड़ा कदम, बालू की जगह प्रयोग करेंगे एम सैंड

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UP News : उत्तर प्रदेश सरकार ने पर्यावरण सुरक्षा तथा निर्माण की क्वालिटी बेहतर बनाने की दिशा में आगे बढ़ रही है। उत्तर प्रदेश सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है। उत्तर प्रदेश सरकार ने तय किया है कि जल्दी ही उत्तर प्रदेश में एम सैंड नीति लागू की जाएगी। उत्तर प्रदेश सरकार का दावा है कि एम सैंड बालू तथा मौरंग का बेहतरीन विकल्प है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को निर्देश दे दिए हैं कि पूरे उत्तर प्रदेश में एम सैंड नीति लागू कर दी जाए।

क्या होता है एम सैंड?

उत्तर प्रदेश सरकार ने नए कदम से पहले एम सैंड को समझ लेना जरूरी है। दरअसल एम सैंड एक प्रकार के कृत्रिम रेत यानि मानव द्वारा तैयार किए गए बालू को कहा जाता है। एम सैंड बड़े-बड़े पत्थरों को पीसकर तथा उसकी धुलाई करके तैयार किया जाता है। विशेषज्ञों का मत है कि निर्माण कार्यों के लिए एम सैंड बालू तथा मौरंग से ज्यादा अच्छा विकल्प है। एम सैंड बालू तथा मोरंग से सस्ता भी पड़ता है।

उत्तर प्रदेश सरकार लाएगी एम सैंड नीति

शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बड़ा निर्देश दिया है। यह निर्देश उत्तर प्रदेश के CM योगी ने खनन विभाग की समीक्षा करने के बाद दिया है। उन्होंने कहा है कि उत्तर प्रदेश में जल्दी से जल्दी एम सैंड नीति बनाकर उसे जल्दी लागू किया जाए।

बैठक में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मुख्यमंत्री ने कहा कि एम-सैंड रेत और मौरंग का बेहतर विकल्प है। इससे पर्यावरण एवं नदियों के ईको सिस्टम को बिना नुकसान पहुंचाए विकास को गति उन्होंने कहा कि नदियों में बालू की सीमित मात्रा और बढ़ती मांग को देखते हुए ‘एम-सैंड’ को बढ़ावा दिया जाना चाहिए। सभी एम- सैंड निर्माता बीआईएस प्रमाणपत्र अनिवार्य रूप से लेंगे। नोडल विभाग के रूप में खनन विभाग इसके उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए समन्वय स्थापित करे। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि आमजन को एम-सैंड आसानी से और प्राकृतिक बालू-मौरंग की तुलना में दी जा सकती है। ओवरलोडिंग पर प्रभावी अंकुश लगाने के दिए निर्देश सस्ता मिले, यह सुनिश्चित कराएं।

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उत्तर प्रदेश के CM योगी ने खनन पट्टा धारकों की सुविधा के लिए ई-अभिवहन प्रपत्र (ईएमएम-11) जारी करने की व्यवस्था को सरल बनाने के निर्देश दिए। कहा, निश्चित समय में प्रपत्र जनपद से ही जारी किए जाएं। ओवरलोडिंग पर प्रभावी अंकुश लगाएं। इसके लिए टास्क फोर्स प्रभावी बनाएं और जहां से बालू-मौरंग व गिट्टी आदि का खनन व लोड होता है, वहीं जाकर जांच करें। उन्होंने वाहनों की जांच में व्यावहारिकता बरतने को कहा है।

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