UP News : उत्तर प्रदेश सरकार ने शहरी पर्यावरण को हरा-भरा और सतत विकास के अनुरूप बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए अर्बन ग्रीन पॉलिसी (Urban Green Policy) को मंजूरी दे दी है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में इस नीति को हरी झंडी दिखा दी गई। इस नीति के जरिए राज्य के शहरों में हरियाली बढ़ाने, जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभावों को कम करने और स्वच्छ वातावरण सुनिश्चित करने की व्यापक योजना बनाई गई है।
हरियाली का व्यापक खाका
अर्बन ग्रीन पॉलिसी को तीन चरणों में और तीन स्तरों (शहर, मोहल्ला और भवन) पर लागू किया जाएगा।
पहला चरण (2025–2027): स्मार्ट सिटी और बड़े मेट्रो शहरों में योजना की शुरुआत।
दूसरा चरण (2027–2030): एक लाख से अधिक आबादी वाले शहरों को शामिल किया जाएगा।
तीसरा चरण (2030 के बाद): सभी नगर पालिकाएं और नगर पंचायतें इस नीति के तहत आ जाएंगी।
शहरों में उगेंगे मियावाकी जंगल
शहर स्तर पर तेजी से हरियाली बढ़ाने के लिए जापानी मियावाकी तकनीक से मिनी जंगल तैयार किए जाएंगे। यह तकनीक कम जगह में घने और टिकाऊ जंगल विकसित करने के लिए जानी जाती है। मोहल्ला स्तर पर सामुदायिक पार्क और ग्रीन जोन विकसित किए जाएंगे ताकि आमजन को हरियाली के नजदीक लाया जा सके।
ग्रीन स्टार रेटिंग से होगी शहरों की निगरानी
भवन स्तर पर ग्रीन बिल्डिंग के मानकों को लागू किया जाएगा, जिसमें हरित छतें (रूफटॉप गार्डन), ऊर्जा संरक्षण तकनीक, और पर्यावरण-अनुकूल निर्माण सामग्री का इस्तेमाल अनिवार्य होगा। इससे न केवल ऊर्जा की बचत होगी बल्कि शहरी गर्मी के प्रभाव को भी कम किया जा सकेगा। इस नीति के तहत ‘ग्रीन सिटी मॉनिटरिंग सिस्टम’ भी विकसित किया जाएगा। यह सिस्टम शहरों को उनकी हरित उपलब्धियों और पर्यावरणीय संरचना के आधार पर ‘ग्रीन स्टार’ रेटिंग देगा। इससे नगर निकायों के बीच एक स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा मिलेगा और हरित विकास की दिशा में प्रयासों को बल मिलेगा।
जलवायु परिवर्तन से मुकाबले की ठोस पहल
शहरी क्षेत्रों में वायु प्रदूषण और तापमान में बढ़ोतरी की चुनौती को देखते हुए, वर्टिकल गार्डन, रूफटॉप गार्डन और मियावाकी जंगलों को प्राथमिकता दी गई है। विशेषज्ञ मानते हैं कि इन उपायों से शहरी तापमान में गिरावट आएगी और ऑक्सीजन स्तर में सुधार होगा। ‘अर्बन ग्रीन पॉलिसी’ न सिर्फ उत्तर प्रदेश सरकार की दूरदर्शी सोच को दर्शाती है बल्कि यह संकेत भी देती है कि विकास की दौड़ में पर्यावरण संरक्षण को अनदेखा नहीं किया जा सकता। यह नीति शहरों को अधिक सुंदर, स्वच्छ और टिकाऊ बनाएगी और आने वाली पीढ़ियों के लिए एक बेहतर और संतुलित पर्यावरण तैयार करेगी। UP News