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उत्तर प्रदेश के हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, धार्मिक स्वतंत्रता की आड़ में धर्मांतरण गलत

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UP News :  उत्तर प्रदेश के हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। उत्तर प्रदेश के हाईकोर्ट के इस फैसले की खूब तारीफ हो रही है। उत्तर प्रदेश के हाईकोर्ट के ताजा फैसले से धर्म के नाम पर अपना धंधा चलाने वालों पर रोक लगेगी। धर्मांतरण के एक मामले में जमानत याचिका खारिज करते हुए उत्तर प्रदेश के हाईकोर्ट ने अपने फैसले में बड़ी बात कही है।

बड़ी बात कही उत्तर प्रदेश के हाईकोर्ट ने

उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि संविधान प्रत्येक व्यक्ति को अपने धर्म को मानने और प्रचार करने का मौलिक अधिकार देता है। धर्म की स्वतंत्रता के व्यक्तिगत अधिकार को धर्मांतरण करने के अधिकार के रूप में नहीं बदल सकते। न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल की पीठ ने यह टिप्पणी कर जबरन धर्म परिवर्तन कराने और यौन शोषण के आरोपी अजीम को जमानत देने से इन्कार कर दिया।

उत्तर प्रदेश के बदायूं से जुड़ा है मामला

यह पूरा मामला उत्तर प्रदेश के बदायूं से जुड़ा हुआ है। आपको बता दें कि बदायूं के थाना कोतवाली में अजीम पर युवती का जबरन धर्म परिवर्तन कराने व उसका यौन शोषण करने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया है। आरोपी ने जमानत के लिए हाईकोर्ट से गुहार लगाई है। वकील ने दलील दी कि आवेदक को झूठा फंसाया गया है। पीडि़ता ने संबंधित मामले में अपने बयान में आवेदक से शादी की पुष्टि की है। वहीं, अपर शासकीय अधिवक्ता ने जमानत का विरोध करते हुए पीडि़ता के सूचना देने वाले के बयान का हवाला दिया, जिसमें इस्लाम में धर्म परिवर्तन के लिए दबाव डालने का आरोप लगाया गया था। कोर्ट ने तथ्यों का अवलोकन कर कहा कि सूचना देने वाले ने धारा 164 सीआरपीसी के तहत दर्ज अपने बयान में स्पष्ट रूप से कहा था कि आवेदक और उसके परिवार के सदस्य उसे मजबूर कर रहे थे। UP News

उत्तर प्रदेश के हाईकोर्ट ने मान लिया फास्टैग व्यवस्था सही है

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