Tuesday, 15 October 2024

गरीबी हटाने के मामले में सबसे आगे है उत्तर प्रदेश

UP News : भारत के नीति आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक गरीबी मिटाने के मामले में उत्तर प्रदेश सबसे आगे…

गरीबी हटाने के मामले में सबसे आगे है उत्तर प्रदेश

UP News : भारत के नीति आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक गरीबी मिटाने के मामले में उत्तर प्रदेश सबसे आगे है। नीति आयोग का कहना है कि पिछले सात साल में उत्तर प्रदेश ने चार करोड़ से भी अधिक लोगों को गरीबी के दलदल से बाहर निकाला है। नीति आयोग की यह रिपोर्ट वर्ष-2023 के अध्ययन के आधार पर जारी की गई है। दरअसल नीति आयोग ने बीते दिनों National Multidimentional Poverty Index 2023 के नाम से साल 2015-16 और साल 2019-21 की राज्यों की एक तुलनात्मक स्टडी प्रगति रिपोर्ट (Comparative Study Progress Report) जारी की है।

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जिसके मुताबिक देश में गरीबों की संख्या में बड़ी गिरावट दर्ज की गई है। गरीबों का प्रतिशत वित्तवर्ष 2015-16 के 24. 85 प्रतिशत से घटकर 2019-21 में 14.96 पर आ गया है। आपको बता दें कि Multidimensional Poverty Index (MPI) स्वास्थ्य, जीवनस्तर, शिक्षा के आयामों में अभावों को मापता है। रिपोर्ट में 36 राज्यों, संघ शासित प्रदेश 707 जिलों के लिए बहुआयामी गरीबों के अनुमान दिए हैं। इसी रिपोर्ट के मुताबिक उत्तर प्रदेश में बीते पांच सालों में शहरों की तुलना में ग्रामीण इलाके में रहने वाली आबादी के जीवन स्तर में ज्यादा तेजी से सुधार हुआ है। जिसमे पूर्वी उत्तर प्रदेश में महाराजगंज, बुंदेलखंड में चित्रकूट और पश्चिम ने रामपुर अग्रणी जिलों में शामिल हुआ है।

उत्तर प्रदेश के 5 अमीर जिले UP News

नीति आयोग की रिपोट में उत्तर प्रदेश के देवीपाटन मंडल के तीन जिले प्रदेश में शीर्ष पर हैं। दूसरी ओर अमीरों की श्रेणी में टॉप रैंक पर गाजियाबाद काबिज है वंही दूसरी रैंक पर लखनऊ और तीसरी रैंक पर कानपुर का कब्जा है। आंकड़ों पर नजर डाले तो हम पाएंगे कि उत्तर प्रदेश के सबसे अमीर जिले गाजियाबाद में गरीबों की संख्या सबसे कम करीब 7 फीसदी जबकि अमीरों का आंकड़ा 93 प्रतिशत है। इसके बाद लखनऊ में करीब 9 फीसदी और कानपुर में 10 फीसदी गरीब आबादी है। गौतमबुद्धनगर 12. 16 फीसदी गरीबी के साथ चौथे नंबर पर जबकि 12.60 फीसदी गरीबी के साथ हापुड़ पांचवा सबसे अमीर जिला है। यही पूरे प्रदेश की बात करें तो गांवों में पहले 44 फीसदी लोग गरीब थे। अब ये घटकर 26 फीसदी रह गए हैं। शहरों में पहले 17 फीसदी लोग गरीब थे, जो अब घटकर 11 फीसदी रह गए हैं।

नीति आयोग की रिपोर्ट में सभी राज्यों के सबसे पिछे ? जिलों पर भी चर्चा की गयी है। जिसके मुताबिक आज भी बहराइच, श्रावस्ती और बलरामपुर की आधी आबादी गरीब है। बहराइच 55 फीसदी गरीबी के साथ टॉप गरीब जिला है जबकि श्रावस्ती 50 फीसदी गरीबों के साथ दूसरे नंबर पर, बलरामपुर 42त्न के साथ तीसरे नंबर पर, बंदायू 40% के साथ चौथे जबकि सीतापुर करीब 40 % के साथ पांचवे नंबर का सबसे गरीब जिला है। हालांकि साल 2015-16 की तुलना में इन जिलों में काफी सुधार देखा गया है।

नीति आयोग की इस रिपोर्ट में बताया गया है कि बीमारू राज्य कहे जाने वाले बिहार में गरीबों की संख्या 51.89 त्न से घटकर 33.76 त्न पर आ गयी है। इसे देश में गरीबी सूचकांक में होने वाली सबसे तेज कमी कहा जा रहा है जिसके चलते बिहार गरीबी कम करने वाले राज्यों की रैंक में शीर्ष पर है। इसके बाद सबसे तेज कमी मध्य प्रदेश में और तीसरे नंबर पर यूपी में देखी गई। मध्य प्रदेश में गरीबों का अनुपात 20.63 और यूपी में 22.93 फीसदी रह गया है। गरीबों की संख्या के मामले में बात करें तो पिछले पांच वर्ष में 3.43 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकालने के साथ यूपी टॉप रैंक पर है। इसके बाद 2.25 करोड़ लोगो के साथ बिहार दूसरे जबकि 1.36 करोड़ लोगो के साथ मध्य प्रदेश तीसरे नंबर पर हैं। UP News

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