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उत्तर प्रदेश का विवादित कानून रहेगा या जाएगा, सुनवाई जनवरी में

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UP News : उत्तर प्रदेश का एक विवादित कानून लगातार चर्चा का विषय बना हुआ है। उत्तर प्रदेश का यह विवादित कानून कायम रहेगा अथवा समाप्त हो जाएगा? यह सवाल लगातार पूछा जा रहा है। भारत का सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court of India) जनवरी के पहले सप्ताह में उत्तर प्रदेश के विवादित कानून पर सुनवाई करेगा। इस बीच उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश के विवादित कानून के नए दिशा निर्देश बनाकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के सामने रखने का बड़ा फैसला किया है। उत्तर प्रदेश सरकार के वकील ने सरकार के बड़े फैसले की जानकारी सुप्रीम कोर्ट को भी दे दी है।

क्या है उत्तर प्रदेश का विवादित कानून?

आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश गैंगस्टर्स और असामाजिक गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम शुरू से ही विवादित रहा है। उत्तर प्रदेश के इस कानून को गैंगस्टर एक्ट (Gangster Act) कहा जाता है। वर्ष 1986 में लागू किए गए उत्तर प्रदेश गैंगस्टर एक्ट पर पहले दिन से ही विवाद रहा है। उत्तर प्रदेश गैंगस्टर एक्ट में दो से 10 साल तक की कैद तथा कम से कम पांच हजार रुपये जुर्माने का प्रावधान है। हालांकिकिसी सरकारी कर्मी या सरकारी कर्मी के परिवार के सदस्य के खिलाफ अपराध में कम से कम तीन साल की जेल की सजा हो सकती है। किसी गैंगस्टर की मदद करने वाले सरकारी कर्मी को तीन से 10 साल की जेल की सजा हो सकती है। उत्तर प्रदेश गैंगस्टर एक्ट को उत्तर प्रदेश पुलिस का बड़ा हथियार माना जाता है। आरोप है कि किसी भी नागरिक के विरुद्ध मनमानी ढंग से उत्तर प्रदेश पुलिस गैंगस्टर एक्ट का उपयोग करती है। उत्तर प्रदेश गैंगस्टर एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है।

उत्तर प्रदेश सरकार ने दिए बदलने के संकेत

उत्तर प्रदेश गैंगस्टर एक्ट पर सुनवाई के दौरान उत्तर प्रदेश सरकार ने एक्ट को बदलने के संकेत दिए हैं। सुप्रीम कोर्ट के सामने उत्तर प्रदेश सरकार के वकील ने इस विषय पर अपना पक्ष रखा है। इस पक्ष में कहा गया है कि उत्तर प्रदेश सरकार उन मौजूदा आपराधिक मामलों पर फिर से विचार करेगी जिन में सख्त गैंगस्टर विरोधी कानून को लागू किया गया है। यूपी सरकार ने शीर्ष अदालत को यह भी बताया कि कानून के प्रावधानों को कैसे लागू किया जाए, इस पर नए दिशा-निर्देश तैयार किए जा रहे हैं।

सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्जल भुइयां की पीठ ने उत्तर प्रदेश सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे एडिशनल सॉलिसिटर जनरल केएम नटराज से कहा कि, उत्तर प्रदेश गैंगस्टर्स और असामाजिक गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के कुछ प्रावधान कठोर प्रतीत होते हैं। सरकार को यह जांच करनी चाहिए कि इसे कहां लागू किया जाना चाहिए और कहां नहीं। जवाब में नटराज ने कहा, अदालत के पहले के आदेश के अनुपालन में सरकार उत्तर प्रदेश गैंगस्टर्स और असामाजिक गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के प्रावधानों को लागू करने के नए दिशा-निर्देश तैयार कर रही है। यह लगभग तैयार है और हम इसे रिकॉर्ड में रखेंगे। नटराज ने बताया कि मौजूदा मामले को भी जांचा जाएगा। पीठ ने इसके बाद अगली सुनवाई जनवरी के पहले हफ्ते में करने का फैसला किया। UP News

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