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उत्तर प्रदेश की धरती से उठी वक्फ विधेयक के विरुद्ध आवाज

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UP News : उत्तर प्रदेश की धरती से वक्फ संशोधन विधेयक-2024 के विरुद्ध आवाज उठी है। यह पहला अवसर है जब उत्तर प्रदेश की धरती से वक्फ संशोधन विधेयक (Waqf Amendment Bill) को मुसलमानों के ऊपर बड़ा हमला बताया गया है। उत्तर प्रदेश के एक सांसद ने दो टूक शब्दों में कहा है कि वक्फ संशोधन विधेयक मुस्लिम समाज तथा संविधान के ऊपर बड़ा हमला है।

क्या है वक्फ संशोधन विधेयक? What is the Waqf Amendment Bill?

उत्तर प्रदेश की धरती से उठी आवाज को जानने से पहले वक्फ संशोधन विधेयक को समझना बेहद जरूरी है। दरअसल भारत में वक्फ की अवधारणा दिल्ली सल्तनत के समय से चली आ रही है, जिसके एक उदाहरण में सुल्तान मुइज़ुद्दीन सैम ग़ौर (मुहम्मद ग़ोरी) की ओर से मुल्तान की जामा मस्जिद को एक गांव समर्पित कर दिया गया था। साल 1923 में अंग्रेजों के शासन काल के दौरान मुसलमान वक्फ अधिनियम इसे विनियमित करने का पहला प्रयास था। साल 1954 में स्वतंत्र भारत में वक्फ अधिनियम पहली बार संसद की ओर से पारित किया गया था। साल 1995 में इसे एक नए वक्फ अधिनियम से बदला गया, जिसने वक्फ बोर्डों को और ज्यादा शक्ति दी। शक्ति में इस इजाफे के साथ अतिक्रमण और वक्फ संपत्तियों के अवैध पट्टे और बिक्री की शिकायतों भी बढ़ गईं। साल 2013 में, अधिनियम में संशोधन किया गया, जिससे वक्फ बोर्डों को मुस्लिम दान के नाम पर संपत्तियों का दावा करने के लिए असीमित अधिकार प्रदान किए गए। संशोधनों ने वक्फ संपत्तियों की बिक्री को असंभव बना दिया।

वक्फ इस्लामी कानून के तहत धार्मिक या धर्मार्थ उद्देश्यों के लिए विशेष रूप से समर्पित संपत्तियों को संभालने का काम करता है। एक बार वक्फ के रूप में नामित होने के बाद संपत्ति दान करने वाले व्यक्ति से अल्लाह को ट्रांसफर हो जाती है और यह अपरिवर्तनीय होती है। इन संपत्तियों का प्रबंधन वक्फ या सक्षम प्राधिकारी की ओर से नियुक्त मुतव्वली द्वारा किया जाता है। रेलवे और रक्षा विभाग के बाद वक्फ बोर्ड कथित तौर पर भारत में तीसरा सबसे बड़ा भूमि धारक है। वक्फ बोर्ड भारत भर में 9.4 लाख एकड़ में फैली 8.7 लाख संपत्तियों को नियंत्रित करते हैं, जिनकी अनुमानित कीमत 1.2 लाख करोड़ रुपये है। उत्तर प्रदेश और बिहार में दो शिया वक्फ बोर्ड सहित 32 वक्फ बोर्ड हैं। राज्य वक्फ बोर्ड का नियंत्रण लगभग 200 व्यक्तियों के हाथों में है।

वक्फ संशोधन विधेयक-2024 मौजूदा वक्फ कानून में लगभग 40 बदलावों का प्रस्ताव रखता है। इसके तहत वक्फ बोर्डों को सभी संपत्ति दावों के लिए अनिवार्य सत्यापन से गुजरना होगा, जिससे पारदर्शिता सुनिश्चित होगी। इसका उद्देश्य वक्फ बोर्डों की संरचना और कामकाज को बदलने के लिए धारा 9 और 14 में संशोधन करना है, जिसमें महिलाओं के लिए प्रतिनिधित्व को शामिल किया गया है। इसके अलावा, विवादों को निपटाने के लिए वक्फ बोर्डों द्वारा दावा की गई संपत्तियों का नया सत्यापन किया जाएगा और दुरुपयोग को रोकने के लिए, जिला मजिस्ट्रेट वक्फ संपत्तियों की निगरानी में शामिल हो सकते हैं।

उत्तर प्रदेश के सांसद ने उठाया बड़ा सवाल

उत्तर प्रदेश के सहारनपुर लोकसभा क्षेत्र से इमरान मसूद सांसद हैं। इमरान मसूद कांग्रेस टिकट पर लोकसभा सदस्य निर्वाचित हुए हैं। वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर सांसद इमरान मसूद ने बड़ा हमला बोला है। इमरान मसूद ने कहा है कि वक्फ संशोधन विधेयक मुसलमानों के ऊपर बड़ा हमला है। सोमवार को ईमरान मसूद उप चुनाव के प्रचार अभियान में लगे हुए थे। इस दौरान सांसद इमरान मसूद ने कहा कि देश में भाजपा सरकार ने अजीब सा माहौल पैदा कर दिया है। आज मुसलमानों की प्रॉपर्टी खत्म की जा रही है। यह विधेयक संविधान का उल्लंघन करता है। हमारे पास क्या बचेगा। कब्रिस्तान कहां जाएंगे और मदरसों एवं मस्जिदों की संपत्ति भी खत्म हो जाएगी। इमरान मसूद ने आरोप लगाया कि मंदिरों के लिए भी बोर्ड बनवाने की मांग भाजपा सरकार ने उठवानी शुरू कर दी है। यह देश नफरत से नहीं चलेगा, बल्कि भाईचारे से चलेगा, लेकिन भाजपा हिंदू-मुस्लिम के बीच खाई पैदा कर रही है, लेकिन कांग्रेस ऐसा नहीं होने देगी।

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