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यूपी के पोस्टमार्टम हाउस में मुर्दों के साथ गलत हरकत, सिपाही की बहन को भी नहीं बख्शा

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UP News : उत्तर प्रदेश से इंसानियात को शर्मसार कर देने वाली घटना सामने आई है। यहां पोस्टमार्टम के कमरे में तैनात कर्माचरियों ने मुर्दों को भी नहीं छोड़ा। बताया जा रहा है कि मुर्दा घर में काम करने वाली कर्मचारी शवों के आभूषण को चोरी कर लेते थे। कर्मचारी इस हद तक गिरे हुए थे कि कई बार असली आभूषणों को आर्टिफिशियल ज्वैलरी से बदल देते थे। उनकी इस हरकत का खुलासा तब हुआ जब एक महिला सिपाही की बहन का शव पोस्टमार्टम के लिए आया था। यह पूरी घटना उत्तर प्रदेश के हरदोई के एक पोस्टमार्टम हाउस की है।

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शव से चुरा लेते थे आभूषण

आपको बता दें कि जब पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंपा गया तो डेड बॉडी से सोने के आभूषण गायब मिले। महिला सिपाही ने इसकी शिकायत सीएमओ से कर दी और जांच करने की मांग की। जब यह जांच कर्मचारियों की कारस्तानी सामने आई है। फिलहाल, दो कर्मचारियों को सस्पेंड कर दिया है। साथ ही उनके द्वारा लगाए गए आरोपों की भी जांच की जा रही है।

कर्मचारियों ने कुबूल किया अपना जुर्म

इस मामले में बर्खास्त कर्मचारियों ने पूछताछ में अपना जुर्म कुबूल कर लिया है। उन्होंने बताया कि मुर्दों से लूट में चीरघर में तैनात अन्य कर्मचारी भी अपना हिस्सा लेते थे। वे केवल शवों के जेवर नहीं गायब करते थे बल्कि असली जेवरों को निकालकर उसकी जगह पर आर्टिफिशियल ज्वैलरी पहने देते थे। शवों से जेवर चोरी करने का वीडियो भी वायरल हो रहा था। दरअसल सीएमओ ने इन तमाम आरोपों की जांच के लिए चार डॉक्टरों की एक कमेटी गठित की है। जांच के बाद दोषी पाए जाने पर सभी कर्मियों के खिलाफ केस दर्ज कराये जाने के निर्देश दिए गए हैं।

क्या है पूरी घटना

मिली जानकारी के अनुसार महिला आरक्षी (सिपाही) निक्की की 26 साल बड़ी बहन पिंकी ने 9 अप्रैल को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। मौत के बाद उसका शव पोस्टमार्टम के लिए आधुनिक चीरघर उत्तर प्रदेश के हरदोई लाया गया था। पोस्टमार्टम के बाद शव लेकर परिजन घर चले गए थे। इसके बाद 17 जून को निक्की ने सीएमओ डॉ. रोहिताश्व कुमार से मुलाकात की और उन्हें शिकायती प्रार्थना पत्र दिया कि उनकी बहन के कान में जो सोने की बाली और नाक में नथ थी मौजूद थी, जो पोस्टमार्टम हाउस से गायब हो गई है।

इस घटना की जानकारी मिलने के बाद सीएमओ ने पूरे प्रकरण की जांच के लिए कमेटी गठित कर दी। कमेटी ने जांच रिपोर्ट में स्वास्थ्य विभाग के पोस्टमार्टम हाउस में तैनात फार्मासिस्टों को बचा लिया, जबकि पूरे मामले में वहां तैनात संविदा कर्मी जिनमें एक वार्ड बॉय और एक स्वीपर पर आरोप साबित कर दिया। इस मामले में एक्शन लेते हुए सीएमओ ने पोस्टमार्टम हाउस में तैनात रूपेश पटेल और वाहिद को सस्पेंड कर दिया। UP News

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