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UP News : पितृपक्ष में मंत्रिमंडल विस्तार कर योगी ने भी दोहराई कल्याण सिंह वाली गलती

राष्ट्रीय ब्यूरो। पितृपक्ष में योगी आदित्यनाथ  (CM Yogi Aditya Nath) के मंत्रिमंडल विस्तार को धार्मिक नजरिए से सवालों के घेरे में आ गया है। है। कर्मकांड के जानने वाले बता रहे हैं कि विधानसभा चुनाव से ठीक पहले सामाजिक समीकरण साधने की जद्दोजहद में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पितृपक्ष में मंत्रिमंडल विस्तार कर पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह वाली गलती दोहरा दी।

बतादें कि उत्तरप्रदेश में 21 सितम्बर 1997 को कल्याण सिंह ने दूसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। उस समय भी पितृपक्ष का पखवारा चल रहा था। दिन रविवार और तिथि पंचमी थी। इसके बाद कुछ ऐसे हालात बने कि कल्याण सिंह को महज दो साल में ही कुर्सी छोड़नी पड़ी। यही नहीं वे पार्टी से बाहर भी चले गए। हिंदू हृदय सम्राट एक लोध नेता बन कर रह गए। यहां तक की धुर विरोधी सपा की लाल टोपी तक पहननी पड़ गई। इस दौरान वे दो बार भाजपा से गए और आए। हालांकि उनका पुनर्वास भी भाजपा में ही हुआ,जब 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें राज्यपाल बना दिया। ज्योतिषाचार्य पंडित अभिनय शर्मा कहते हैं कि मुख्यमंत्री योगी ने भी  पितृपक्ष में तिथि पंचमी व वार रविवार को अपने मंत्रिपरिषद विस्तार किया है। हालांकि 4.30 से 6 बजे तक राहुकाल था,इसलिए इस विस्तार का समय ऐन वक्त पर 5.30 बजे से बढ़ाकर 6 बजे कर दिया गया। बावजूद पितृपक्ष के इस विस्तार को लेकर कर्मकांडी पुरोहित, योगी आदित्यनाथ के भविष्य को लेकर कई तरह के सवाल खड़ा कर रहे हैं। अब देखना है खांटी हिंदुत्व की राजनीति करने वाले आदित्यनाथ इस पितृपक्ष के दोष को पार कर पाते हैँ अथवा कल्याण सिंह (Kalyan Singh ) की तरह सिंहासन छोड़ने को मजबूर होते हैं।

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