Muzaffarnagar : मुजफ्फरनगर। पश्चिमी उत्तर प्रदेश की महत्वपूर्ण खतौली विधानसभा सीट पर मुकाबला दिलचस्प होने जा रहा है। इस चुनाव में राष्ट्रीय लोकदल को देश की बड़ी पार्टी कांग्रेस वाकओवर देगी। यहां भाजपा को हर हाल में शिकस्त मिले, इसे लेकर नए राजनीतिक समीकरण बन चुके हैं।
ज्ञात रहे कि साल-2014 में जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भाजपा नेतृत्व वाले राजग की अगुवाई में प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया था, तब इसी मुजफ्फरनगर के दंगों को प्रचार का केन्द्र बनाया गया था। पूरे देश में इसी को लेकर भाजपा आगे चली और प्रचंड जीत हासिल की। राजनीतिक हालात ऐसे हुए कि रालोद सुप्रीमो चौधरी अजित सिंह उनके सुपुत्र और मौजूदा रालोद मुखिया जयंत चौधरी तक चुनाव हार गए। कहते हैं इतिहास अपने आपको दोहराता है। इन्हीं दंगों के आरोपी विक्रम सैनी को जीत के बाद अयोग्य घोषित कर दिया गया। अब वे न्यायालय के आदेश के बाद अयोग्य घोषित हो गए हैं। इस सीट पर उपचुनाव हो रहा है। यदि साल- 2022 के चुनाव की बात करें तो खतौली से रालोद ने राजपाल सैनी को चुनाव में उतारा था। बसपा से करतार सिंह भड़ाना चुनाव मैदान में थे। जबकि कांग्रेस ने गौरव कुमार भाटी पर अपना दांव लगाया था। पीछे चलें तो इस सीट पर 1967 से तत्कालीन प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह उसके बाद चौ. अजित सिंह का दबदबा रहा। असर ये था कि फरीदाबाद से तकरीबन 175 किलोमीटर दूर खतौली ले जाकर चौधरी अजित सिंह ने करतार भड़ाना को यहां का विधायक बनाया था। खतौली में कुल 2 लाख 72 हजार 214 मतदाता हैं। इनमें से बड़ी संख्या में गुर्जर, जाट और मुस्लिम मतदाता हैं। सैनी समाज की भी यहां खासी आबादी है। साल-2022 के विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय लोकदल पूरे प्रदेश में आठ विधायकों के साथ विधानसभा में हैं। यदि देखा जाए तो ये बसपा से कहीं आगे है। प्रदेश में बसपा का केवल एक विधायक है। हाल ही में विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने रामपुर के विधायक मोहम्मद आजम खां की सदस्यता समाप्त की। इसके बाद एक पत्र रालोद मुखिया चौधरी जयंत ने उन्हें लिखा। इस पत्र में उन्होंने खतौली का जिक्र किया और भाजपा विधायक विक्रम सैनी अयोग्य घोषित हो गए।
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राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि राजनीति में आक्रामकता का होना बहुत जरूरी है। जिस तरह से रालोद मुखिया जयंत चौधरी इन दिनों अपने भाषणों में प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर आक्रामक हैं, उससे विपक्षी दलों के रणनीतिकारों को लगने लगा है कि खतौली पर भाजपा की नाव डूब सकती है। सपा-रालोद गठबंधन को मूक समर्थन देते हुए कांग्रेस के वाकओवर से भी बीजेपी की चिंता बढ़ गई है। आजाद समाज पार्टी के मुखिया चंद्रशेखर आजाद ने भी अपना पूर्ण समर्थन रालोद उम्मीदवार मदन भैया को देने का ऐलान कर दिया है। देखना दिलचस्प होगा कि खतौली में ऊंट किस करवट बैठता है।
कांग्रेस ने की पुष्टि :
युवा कांग्रेस के पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष ओमवीर यादव ने चेतना मंच से बातचीत में इस बात की पुष्टि की है कि कांग्रेस ने खतौली सीट पर अपना उम्मीदवार नहीं उतारने का फैसला किया है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि ये चुनाव कई मायनों में अहम है। पार्टी के जिम्मेदार नेता चाहते हैं कि खतौली में किसी भी कीमत पर भाजपा को हराया जाए। इससे साल-2024 में होने वाले लोकसभा चुनावों में स्वाभाविक तौर पर फायदा होगा। पार्टी के कार्यकर्ताओं को इस निर्णय से बल मिलेगा।
ये होगा असर :
खतौली से पूर्व विधायक मदन भैया को चुनाव में उतारने के पीछे बड़ी राजनीतिक सोच काम कर रही है। सूत्र बताते हैं कि मदन भैया खेकड़ा से तीन बार विधायक रहे हैं। इस विधायकी के पीछे जयंत चौधरी के पिता चौधरी अजित सिंह की बड़ी रणनीति थी। खेकड़ा में उस समय बड़ा वोट बैंक गुर्जर और मुस्लिम जाति का मदन भैया के साथ रहता था। इनमें से कुछ लोग यदि नाराज भी होते थे तो लगभग 18 हजार जाट वोटरों का समर्थन चौधरी साहब की वजह से मदन भैया को मिल जाता था और वे घर बैठे चुनाव फतह कर लेते थे। अब नए परिसीमन में परिस्थितियां बदल चुकी हैं। यही वजह है कि मदन भैया बड़बोले नंद किशोर गुर्जर से लोनी में चुनाव हार गए। मदन भैया का असर लोनी यानि बागपत संसदीय क्षेत्र में है।
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खतौली से यदि मदन भैया चुनाव जीतते हैं तो वे केवल खतौली तक सीमित नहीं रहेंगे। उनका राजनीतिक उपयोग साल-2024 में मुजफ्फरनगर और बागपत के अलावा सहारनपुर लोकसभा सीट पर भी होगा। राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि यह चुनाव कई मायनों में जयंत चौधरी और रालोद के राजनीतिक भविष्य से जुड़ा हुआ है। इसलिए रालोद से खतौली सीट पर टिकट की दावेदारी कर रहे दादरी मंडोरा निवासी अभिषेक चौधरी को बुलाकर पुचकार दिया गया है। उन्हें संगठन में जिम्मेदारी दी जाएगी।
मदन भैया के बेहद करीबी कर्मवीर प्रमुख से चेतना मंच ने बात की। उन्होंने बताया कि आज एक अहम बैठक जयंत चौधरी के साथ हुई है। इस बैठक में चुनाव की रणनीति पर चर्चा हुई है। पूरी मजबूती के साथ चुनाव लड़ा जाएगा। वहीं, राष्ट्रीय लोकदल के नेता यतेन्द्र बागी ने चेतना मंच को बताया कि पार्टी किसान मजदूर के साथ खड़ी है। खतौली के चुनाव में जनता हमें अपना आशीर्वाद अवश्य देगी। उन्होंने कहा कि राजस्थान के उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट मदन भैया का चुनाव प्रचार करने के लिए खतौली आएंगे। इस चुनाव को हम बड़ी शिददत के साथ लड़ेंगे।