World Thalassemia Day : विश्व थैलेसीमिया दिवस पर गोरखपुर की थैलेसीमिया फाइटर कहे जाने वाली स्निग्धा चटर्जी किस तरह से बचपन से ही थैलेसीमिया से फाइट कर रही है। स्निग्धा चटर्जी जब 3 महीने की थी तभी डॉक्टरों ने उनके परिजनों को बताया की स्निग्धा को थैलेसीमिया है। जो एक लाइलाज बीमारी है लेकिन 3 महीने की उम्र से ही जहां बीमारियों का नाम सुनते ही लोग हिम्मत छोड़ देते हैं वहां स्निग्धा ने थैलेसीमिया फाइटर बनके दिखाया। अब गोरखपुर में जितने भी थैलेसीमिया के पेशेंट है। उनके लिए अभियान चलाते हैं और उनकी मदद करती हैं।
World Thalassemia Day :
फाइट अगेंस्ट थैलेसीमिया
फाइट (Fight) स्निग्धा पिछले कई समय से एक ट्रस्ट चलाती है। जिसका नाम फाइट अगेंस्ट थैलासीमिया इस ट्रस्ट के जरिए वह जिन भी लोगों को थैलेसीमिया होती है उनकी मदद करते हैं। क्योंकि स्निग्धा ने 3 महीने की उम्र से ही थैलेसीमिया को झेला है। स्निग्धा को पहले हर महीने ब्लड चढ़ाना पड़ता था लेकिन जैसे-जैसे समय बढ़ता गया तो अब स्निग्धा को 15 दिनों में 2 यूनिट ब्लड चढ़ाना पड़ता है। लेकिन इन सबके बीच स्निग्धा ने हार नहीं मानी और अपना ट्रस्ट फाइट अगेन थैलेसीमिया के जरिए लोगों की मदद कर रही है।
बीमारी के बीच पूरी की स्टडी
स्निग्धा को इस बीमारी से ग्रसित होने के बाद लोगों को लगता होगा कि वह अपनी स्टडी और जिंदगी की कई पहलुओं को छोड़ चुकी होगी। लेकिन स्निग्धा आज भी इस लाइलाज बीमारी के बीच हर रोज नॉर्मल जिंदगी जीते हैं। थैलेसीमिया के बीच ही स्निग्धा गोरखपुर विश्वविद्यालय से अपना ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन पूरा किया। अपने स्टडी को पूरा टाइम देती है अपनी ग्रेजुएशन टाइम में स्निग्धा इंजेक्शन लगा के 12 घंटे के बीच ग्रेजुएशन के क्लास करती थी। स्निग्धा बताती है की आगे की जिंदगी में थैलेसीमिया के साथ ही रिसर्च और PHD भी करूंगी।
मुख्यमंत्री भी कर चुके हैं सम्मानित
स्निग्धा के इस फाइटर पहचान से हर कोई रूबरू है। इतना ही नहीं स्निग्धा को शहर के तमाम एनजीओ और ट्रस्ट भी अपने यहां बुला कर सम्मानित करते हैं। लेकिन वही स्निग्धा को सबसे पहले यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने सम्मानित किया था और अभी वर्तमान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी स्निग्धा को सम्मानित किया है। लेकिन इन सबके बीच स्निग्धा ने बताया इस बीमारी में परिवार का सपोर्ट सबसे जरूरी होता है।