कुदरत का कहर: सोनप्रयाग-मुनकटिया मार्ग टूटा, केदारनाथ यात्रा फिर ठप!

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calendar01 Dec 2025 12:48 AM
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भारी बारिश के चलते फिर रोकी गई केदारनाथ यात्रा: उत्तराखंड में बारिश का कहर लगातार जारी है और इसका सीधा असर श्रद्धालुओं की आस्था पर पड़ रहा है। एक बार फिर से केदारनाथ यात्रा को अस्थाई रूप से रोक दिया गया है। वजह बनी है सोनप्रयाग और मुनकटिया के बीच का वह मार्ग जो भारी बारिश और लैंडस्लाइड के चलते पूरी तरह ध्वस्त हो गया है।

अचानक मलबा गिरा, श्रद्धालु फंस गए

प्राप्त जानकारी के अनुसार, यह घटना देर रात की है जब सोनप्रयाग-मुनकटिया के बीच अचानक भारी मलबा गिरा। इसके कारण उस समय वहां से गुजर रहे कई श्रद्धालु रास्ते में ही फंस गए। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए तुरंत राहत और बचाव दल को मौके पर भेजा गया।

SDRF और NDRF ने बचाई 40 ज़िंदगियाँ

घटना के बाद राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) ने तेजी से मोर्चा संभाला। टीमों ने कठिन परिस्थितियों के बावजूद मलबे के बीच रास्ता बनाते हुए करीब 40 फंसे हुए श्रद्धालुओं को सुरक्षित बाहर निकाला। यह राहत कार्य त्वरित और साहसिक कार्रवाई का उदाहरण है।

हर साल दोहराई जाती है ऐसी स्थिति

यह पहली बार नहीं है जब केदारनाथ यात्रा को बारिश के चलते रोका गया हो। हर साल जुलाई के महीने में पहाड़ों में लैंडस्लाइड और भारी बारिश की घटनाएं आम हो गई हैं। इसी वजह से प्रशासन और आपदा प्रबंधन टीमें हमेशा सतर्क रहती हैं। इस तरह की रोक यात्रियों की सुरक्षा के लिए लगाई जाती है ताकि किसी बड़े हादसे को टाला जा सके।

यात्रियों से अपील: सावधानी बरतें

प्रशासन की ओर से यात्रियों से अपील की गई है कि वे मौसम की जानकारी लेकर ही यात्रा पर निकलें और आपात स्थिति में धैर्य और सतर्कता बनाए रखें। लैंडस्लाइड की संभावना वाले क्षेत्रों में फिलहाल जाने से बचें और स्थानीय अधिकारियों के निर्देशों का पालन करें। अयोध्या को सुरक्षा का अभेद कवच : 8 एकड़ में बनेगा एनएसजी का हब, कैबिनेट से मिली मंजूरी

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केदारनाथ यात्रा में बाल-बाल बची 6 ज़िंदगियाँ, हेलिकॉप्टर की क्रैश-लैंडिंग, ब्लेड कार से टकराया

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calendar02 Dec 2025 04:16 AM
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उत्तराखंड/ देहरादून: रविवार सुबह एक बड़ा हादसा होते-होते टल गया जब देहरादून से केदारनाथ जा रहा एक हेलिकॉप्टर अचानक दुर्घटनाग्रस्त हो गया। यह घटना उत्तराखंड के गौरीकुंड क्षेत्र की है, जहां हेलिकॉप्टर की क्रैश-लैंडिंग करनी पड़ी। हेलिकॉप्टर में कुल छह लोग सवार थे, जो इस खतरनाक घटना में चमत्कारिक रूप से बाल-बाल बच गए।

त्रिजुगीनारायण और गौरीकुंड के बीच गायब हुआ संपर्क

उत्तराखंड पुलिस के एडीजी (कानून व्यवस्था) डॉ. वी. मुरूगेशन ने बताया कि हेलिकॉप्टर का संपर्क त्रिजुगीनारायण और गौरीकुंड के बीच अचानक टूट गया था। इसके बाद तलाश शुरू हुई और पता चला कि हेलिकॉप्टर तकनीकी खराबी के कारण इमरजेंसी लैंडिंग की कोशिश में क्रैश हो गया।

ब्लेड टूटकर कार से टकराया

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आई है कि उड़ान के दौरान हेलिकॉप्टर के फ्लाइट कंट्रोल्स जाम हो गए थे, जिससे पायलट को मजबूरन क्रैश-लैंडिंग करनी पड़ी। इस दौरान हेलिकॉप्टर का रोटर ब्लेड टूटकर अलग हो गया और पास खड़ी एक कार से टकरा गया। हालांकि इस घटना में किसी के घायल होने की कोई खबर नहीं है।

जान-माल का नुकसान नहीं

सबसे राहत की बात यह रही कि इस भयावह हादसे के बावजूद किसी भी यात्री को गंभीर चोट नहीं आई है। सभी छह यात्री सुरक्षित बताए जा रहे हैं। प्रशासन और बचाव टीम मौके पर पहुंच चुकी है और मामले की जांच जारी है। Greater Noida में हुआ भव्य ‘Dikshant 2025’, देश की पहली महिला IPS बनीं प्रेरणा स्रोत

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नगर निगम जमीन घोटाले में सीएम धामी का बड़ा एक्शन, हरिद्वार डीएम ससपेंड

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calendar03 Jun 2025 10:07 PM
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Uttarakhand News : उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हरिद्वार नगर निगम में सामने आए जमीन घोटाले को लेकर भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी अटूट प्रतिबद्धता का परिचय दिया है। उन्होंने स्पष्ट संदेश दिया है कि राज्य में किसी भी स्तर पर अनियमितता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। मुख्यमंत्री धामी के निर्देशानुसार, इस गंभीर मामले में दो आईएएस, एक पीसीएस सहित कुल दस अधिकारियों को निलंबित किया गया है, जबकि दो अन्य अधिकारियों का सेवा विस्तार भी रद्द कर दिया गया है।

क्या है मामला?

हरिद्वार नगर निगम द्वारा ग्राम सराय में, कूड़े के ढेर के नजदीक स्थित मात्र 2.3070 हेक्टेयर की असंगत और अनुपयोगी जमीन को करोड़ों रुपये की कीमत पर खरीदने के मामले ने प्रशासन में हड़कंप मचा दिया। इस संदिग्ध सौदे ने सरकार को तत्काल कार्रवाई के लिए मजबूर कर दिया और जांच की गहन पड़ताल शुरू हो गई।  मुख्यमंत्री धामी ने तत्काल जांच के निर्देश दिए। इस जांच का जिम्मा सचिव रणवीर सिंह चौहान को सौंपा गया, जिन्होंने 29 मई को प्रारंभिक जांच रिपोर्ट शासन को सौंपी।

इस रिपोर्ट के आधार पर मुख्यमंत्री ने कार्मिक विभाग को दोषी अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के आदेश दिए। मंगलवार को कार्मिक एवं सतर्कता विभाग ने सात अधिकारियों को निलंबित करने का आदेश जारी किया। इनमें हरिद्वार नगर निगम के तत्कालीन प्रशासक और वर्तमान जिलाधिकारी कर्मेंद्र सिंह, पूर्व नगर आयुक्त वरुण चौधरी, पूर्व उपजिलाधिकारी अजयवीर सिंह, वरिष्ठ वित्त अधिकारी निकिता बिष्ट, वरिष्ठ वैयक्तिक सहायक विक्की, रजिस्ट्रार कानूनगो राजेश कुमार तथा तहसील के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी कमलदास शामिल हैं।

इसके अलावा इस घोटाले में पहले भी कुछ अधिकारियों पर कार्रवाई हो चुकी है। प्रभारी सहायक नगर आयुक्त रविंद्र कुमार दयाल और सम्पत्ति लिपिक वेदपाल के सेवा विस्तार समाप्त कर दिए गए हैं। वहीं, प्रभारी अधिशासी अभियंता आनंद सिंह मिश्रवाण, कर एवं राजस्व अधीक्षक लक्ष्मी कांत भट्ट्, और अवर अभियंता दिनेश चंद्र कांडपाल निलंबित हैं।

सीएम धामी का संदेश

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा, "हमारी सरकार ने हमेशा स्पष्ट किया है कि लोक सेवा में पद नहीं, बल्कि कर्तव्य और जवाबदेही मायने रखती है। कोई भी अधिकारी चाहे कितना भी वरिष्ठ क्यों न हो, यदि जनहित और नियमों की अवहेलना करता है, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी। हम उत्तराखंड में भ्रष्टाचार मुक्त कार्यसंस्कृति को प्रोत्साहित करना चाहते हैं, जिसके लिए सभी लोक सेवकों को उच्चतम मानकों पर खरा उतरना होगा।

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