Joshimath Trouble : जोशीमठ (उत्तराखंड)। उत्तराखंड के जोशीमठ में भूधंसाव से प्रभावित सैकड़ों परिवारों के विस्थापन के चलते इस हिमालयी शहर में एक और त्रासदी उत्पन्न हो गई है। यहां अनेक कुत्ते, मवेशी और अन्य घरेलू जानवरों को उनके हाल पर छोड़ दिया गया है, क्योंकि भूधंसाव के बचने के लिए मालिकों को सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए मजबूर होना पड़ा है।
Joshimath Trouble
दीवारों में दरारों के और गहरा होने के कारण परिवार वालों के घर छोड़कर चले जाने के बीच कुछ जानवर घरों में अकेले ही रह गए हैं, जबकि कुछ छोटे पालतू जानवरों को एक कमरे में रहने को मजबूर परिवारों के साथ आश्रय गृहों में रहना पड़ रहा है। वहीं, बर्फबारी और गिरते तापमान ने दिक्कतों को और बढ़ा दिया है।
इस बीच, कुछ पशु प्रेमी जानवरों को सुरक्षित रखने के प्रयास में जुटे हैं।
‘पीपुल्स फॉर एनीमल्स’ (पीएफए) से जुड़ी रूबीना अय्यर ने कहा कि कोई भी आपदा जानवरों के लिए भी उतनी ही संकट भरी होती है, जितनी मनुष्यों के लिए।
प्रभावित जानवरों को बचाने में मदद करने के लिए अपने सहयोगियों के साथ देहरादून से जोशीमठ पहुंचीं अय्यर ने कहा कि हम जानवरों की सुरक्षा और कल्याण सुनिश्चित करना चाहते हैं। लोग इंसानों की देखभाल कर रहे हैं और हम यहां जानवरों की मदद के लिए पहुंचें हैं।
जोशीमठ में भूधंसाव की समस्या सामने आने के बाद से प्रभावित परिवारों को आनन-फानन में सुरक्षित जगहों पर विस्थापित होना पड़ा, जिसके चलते संकट से जूझ रहे कई लोग अपने पालतू और घरेलू जानवरों को नजरअंदाज करने पर मजबूर हुए।
भूधंसाव से प्रभावित सुनील इलाके की निवासी नेहा सकलानी ने कहा कि मेरे पास चार पालतू जानवर हैं। इनमें से एक मेरे साथ होटल में है जबकि तीन घर में ही हैं। हालांकि, हम दिन में जाकर उनकी देखभाल करते हैं और उन्हें खाना देते हैं।
अय्यर ने कहा कि पालतू जानवरों या आवारा जानवरों की गिनती के लिए सर्वेक्षण किए जा रहे हैं और यदि आवश्यक हो तो उन्हें आश्रय घरों में स्थानांतरित करने में मदद की जाएगी।
Jacqueline Fernandez जैकलीन फर्नांडीज के खिलाफ मानहानि मामले की सुनवाई 25 मार्च को
देश–दुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमें फेसबुक पर लाइक करें या ट्विटर पर फॉलो करें।
News uploaded from Noida