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Uttrakhand : बेटियों ने तोड़ी रूढ़िवादिता, दिवंगत पिता को दिया कंधा, दी मुखाग्नि

Uttrakhand News

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Uttrakhand News: अल्मोडा (उत्तराखंड): कहते हैं कि बेटियां पिता की लाडली होती है। ऐसे में अगर वही बेटियां अपने पिता की अर्थी को कंधा दे तो आसमां भी रो पड़ता है। लेकिन ऐसा हुआ है। वर्षों से चली आ रही रूढ़िवादी परपंरा को तोड़ते हुए उत्तराखंड के अल्मोड़ा में तीन बेटियों ने अपने पिता की अर्थी को कंधा देकर सबको रूला दिया। इसके बाद बाद श्मशान घाट पर चिता को मुखाग्नि भी दी। पूरा नजारा देख हर किसी की आंख नम हो गई।

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जानकारी के अनुसार, अल्मोड़ा के रानीधारा निवासी एसबीआई से प्रबंधक पद से रिटायर्ड हुए बसंत बल्लभ पांडे की 85 वर्ष की उम्र में निधन हो गया था। बताया जा रहा है कि उनके पुत्र अधिवक्ता और पत्रकार दिनेश पांडे का कुछ समय पहले निधन हो गया था। ऐसे में कंधा देने और चिता का मुखाग्नि देने की बात आयी तो उनकी तीनों बेटियां सुनीता, भावना और भारती आगे आयी। तीनों बहनों ने अपने दिवंगत पिता की अर्थी को कंधा दिया।

पिता की चिता को मुखाग्नि दी

शव यात्रा के साथ तीनों बहनें विश्वनाथ श्मशान घाट पहुंचीं और पिता की चिता को मुखाग्नि दी। इन बेटियों वर्षों से चली आ रही रूढ़िवादी सोच को तोड़ा है। सुनीता पांडे ने कहा कि बेटियां भी किसी से कम नहीं होती हैं। उन्होंने अपने पिता का अंतिम संस्कार कर फर्ज निभाया है। बेटियों के आगे आने से समाज की रूढ़िवादी सोच आने वाले समय में खत्म होगी।

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