Locust Pose: खतरनाक साबित हो सकता है यह योगासन!

इसे टिड्डी मुद्रा या शलभासन योगाभ्यास भी कहते हैं।

कोर मांसपेशियों को मजबूत करके पीठ को टोन करता है।

रीढ़, गर्दन, छाती और कंधों को मजबूत बनाता है।

शलभासन से ग्लूटियल मसल्स मजबूत होते हैं।

डायबिटीज और प्रोस्टेट ग्लैंड से जुड़ी परेशानियों में लाभदायक।

पेट की चर्बी घटाने में मददगार! कब्ज, गैस्ट्रिक परेशानियों, स्लिप डिस्क से राहत देता है।

गर्दन के मसल्स को रिलैक्स करता है।

तनाव और स्ट्रेस को कम करने में काफी फायदेमंद।

गर्दन में चोट या बार-बार सिरदर्द रहता है, तो इस आसन को करने से बचें।

सावधानियां

पेट की सर्जरी, पेप्टिक अल्सर, हर्निया के मरीज इस आसन को ना करें।