makar sankranti 2023 date : सूर्य एक बार फिर अपनी राशि बदलने वाले हैं. सूर्य अभी तक वृश्चिक राशि में एक महीने से गोचर में हैं लेकिन अब धनु संक्रांति के दिन सूर्य देव धनु राशि में चले जाएंगे. सूर्य का धनु राशि प्रवेश धनु संक्रांति कहलाता है.
इस वर्ष धनु संक्रांति का पर्व 16 दिसंबर 2023 के दिन मनाया जाएगा. इस समय पर सूर्य के धनु राशि में प्रवेश के साथ ही कई महत्वपूर्ण बदलाव होंगे जो प्रकृत्ति में स्पष्ट रुप से दिखाई देते हैं. सूर्य की धनु संक्रांति हर साल मार्गशीर्ष माह पर मनाई जाने वाली संक्रांति होती है. इस समय पर सूर्य का धनु रशि में प्रवेश समय बहुत अधिक खास समय माना जाता है जिसे संक्रांति के रुप में जाना गया है.
धनु संक्रांति पर मूल नक्षत्र प्रभाव
संक्रांति के समय को धार्मिक व आध्यात्मिक दृष्टियों से विशेष स्थान प्राप्त है. पंचांग के अनुसार धनु संक्रांति का आरंभ दोपहर 15:57 पर होगा. इस समय पर सूर्य धनु राशि में प्रवेश करेगा. इस समय सूर्य का धनु राशि में जाने के साथ ही केतु के मूल नक्षत्र में प्रवेश कर जाएगा. पंचांग अनुसार गोचर में इस समय सूर्य की स्थिति कुछ कमजोर मानी जाती है, इसी समय के दौरान सूर्य का प्रभाव खरमास की स्थिति को भी दिखाता है.
धनु संक्रांति का महा पुण्य काल महत्व
धनु संक्रांति के दिन को महा पुण्य काल समय के नाम से भी जाना गया है इस दिन किया जाने वाला दान अमोघ फलदायक होता है. धनु संक्रांति का पर्व देश के विभिन्न स्थानों पर भक्ति भाव के साथ मनाया जाता है. इस दिन भगवान सूर्य देव के पूजन के साथ ही स्नान दान की परिक्रिया आरंभ हो जाती है.
धनु संक्रान्ति का पर्व शनिवार के दिन 16 दिसम्बर को मनाई जाएगी. धनु संक्रान्ति का महापुण्य काल समय संध्या के समय आरंभ होगा और अगले दिन सुबह तक जारी रहने वाला है. इस दिन पर पौराणिक कथाओं के अनुसार, सूर्य देव का प्रस्थान धनु राशि की ओर होने लगता है और इस यात्रा को खर संक्रांति समय के रुप में जाना जाता है.
धनु संक्रांति उपाय एवं महत्व
धनु संक्रांति के समय पर प्रात:काल समय सूर्य उदय के साथ ही स्नान के साथ अर्घ्य का कार्य प्रथम रुप से किया जाता है.
धनु संक्रांति के समय पर इस दिन दूध का दान करना विशेष माना गया है.
धनु संक्रांति के दिन तिलों का दान करना अक्षय फल प्रदान करता है.
धनु संक्रांति के दिन गुड़ से बनी चीजें बहुत शुभ मानी जाती है.
धनु संक्रांति के आदित्य हृदय स्त्रोत का पाठ करना तथा सूर्य साधना करना उत्तम होता है.
धनु संक्रांति के गरीबों को सामर्थ्य अनुसार दान करना विशेष फल प्रदान करता है.
आचार्या राजरानी