Monday, 4 December 2023
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साल का अंतिम पड़ाव दिसंबर माह के आगमन के साथ ही आरंभ हो जाता है। इस माह के आगमन के साथ ही शुरू हो जाता है व्रत एवं त्यौहारों का सिलसिला
उदया तिथि का प्रभाव होने के कारण सारा दिन ही कार्तिक पूर्णिमा के स्नान दान की परंपरा का निर्वाह किया जाएगा
कार्तिक पूर्णिमा एक ऎसा पर्व है जो देश के अनेक स्थानों पर किसी न किसी रूप में अलग अलग नामों से मनाया जाता है
सनातन धर्म के अनुसार देवउठनी एकादशी से मंगल कार्य की शुरुआत हो जाती है। मान्यतानुसार इस दिन व्रत करने से हजारों अश्वमेघ यज्ञ के बराबर पुण्य फल की प्राप्ति होती है
हिंदू पंचांग अनुसार मांगलिक कार्यों को करने हेतु कुछ विशेष शुभ समय का निर्धारण किया जाता है
इस दिन तुलसी जी का विवाह भगवान श्री विष्णु के स्वरुप शालिग्राम जी से किया जाता है.
पंचक का नाम आते ही उन पांच दिनों का ध्यान आता है जब कोई भी अच्छे कार्य करने से पूर्व सोचना पड़ता है.
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पंचांग के अनुसार, साल में कुल 24 एकादशी तिथियां पड़ती हैं। इन्हीं में से एक है देव उठनी एकादशी
Shrap ka Mahtav : आपने रामायण और महाभारत आदि पौराणिक ग्रंथों में श्राप दिए जाने और उसके फलिभूत होने के…
अमावस्या में आने वाली दिवाली की तरह ही कार्तिक पूर्णिमा में आने वाली देव दिवाली का भी अपना एक विशेष महत्व रहा है
जर्मन रिसर्च सेंटर फॉर जियोसाइंसेज (जीएफजेड) के अनुसार आज सुबह यानी शनिवार 2 दिसंबर को बांग्लादेश में 5.8 तीव्रता का भूकंप आया...