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राजस्थान उपमुख्यमंत्री खतरे में: क्यों उठे दोनों के शपथ ग्रहण पर सवाल?

राजस्थान उपमुख्यमंत्री खतरे में

राजस्थान उपमुख्यमंत्री खतरे में

राजस्थान उपमुख्यमंत्री खतरे में: 5 राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों के बाद बीजेपी ने 3 राज्यों में अपनी सरकार बनाई। तीनों ही राज्यों में बीजेपी ने आगामी लोकसभा चुनाव 2024 को ध्यान में रखते हुए जाति समीकरण के अनुरूप मुख्यमंत्री तो बनाए ही, साथ ही साथ तीनों ही राज्यों में 2-2 डिप्टी सीएम भी इसी समीकरण को ध्यान में रखते हुए बनाए। लेकिन अब राजस्थान के 2 डिप्टी सीएम की कुर्सी पर खतरा मंडराने लगा है। दोनों उपमुख्यमंत्रियों की कुर्सी खतरे में आ गई है।

राजस्थान उपमुख्यमंत्री खतरे में: दोनों डिप्टी सीएम की कुर्सी

हाल ही में राजस्थान में बीजेपी ने नए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का सपथ ग्रहण सम्पन्न हुआ था। 15 दिसंबर को हुए शपथ समारोह में उनके साथ दीया कुमारी और प्रेमचंद बैरवा ने भी बतौर डिप्टी सीएम की शपथ ली। लेकिन इसके बाद एक नए विवाद ने जन्म ले लिया, जिसके कारण इनकी कुर्सी खतरे में आ गई है। क्योंकि इनके शपथ ग्रहण के अगले ही दिन दोनों उप मुख्यमंत्रियों के खिलाफ एक जनहित याचिका दायर कर दी गई।

जयपुर के एक वकील ओम प्रकाश सोलंकी ने पीआईएल फाइल करते हुए आरोप लगाया है कि ‘जब संविधान में डिप्टी सीएम के किसी पद का जिक्र किया ही नहीं गया, तो इसके लिए शपथ लेना और कार्यभार संभालना कैसे संवैधानिक हुआ, ये तो सरासर असंवैधानिक कदम है। इसलिए ये संविधान के अनुरूप नही है। अतः ये अमान्य होना चाहिए।’

वकील ने अपील के बारे में क्या कहा, राजस्थान उपमुख्यमंत्री खतरे में

इस वकील ने बताया कि “मैंने राजस्थान हाई कोर्ट की जयपुर बेंच में 16 दिसंबर को जनहित याचिका दायर की है। इस याचिका में नियुक्त किए गए दोनों उप मुख्यमंत्रियों दीया कुमारी और प्रेमचंद बैरवा के पद को चुनौती दी गई है। क्योंकि उप मुख्यमंत्री जैसे किसी पद का संविधान में कोई उल्लेख नहीं है। यह मात्र एक राजनीतिक पद है और इसके लिए शपथ ग्रहण करना असंवैधानिक है।”

अन्य राज्यों पर भी होगा इस अपील का असर

इस अपील पर कोर्ट जो फैसला लेता है, उसका असर अन्य राज्यों पर भी पड़ेगा। क्योंकि सिर्फ राजस्थान ही नहीं एमपी और छत्तीसगढ़ में भी नियुक्त किए गए 2-2 उप मुख्यमंत्रियों ने पद और गोपनीयता की शपथ ली थी। इसलिए इस फैसले का प्रभाव उन पर भी पड़ना लाज़मी है, वो भी इस फैसले से अछूते नहीं रहेंगे। छत्तीसगढ़ में अरुण साव और विजय शर्मा को, तो वहीं एमपी में राजेंद्र शुक्ल और जगदीश देवड़ा को डिप्टी सीएम बनाया गया था।

राजस्थान उपमुख्यमंत्री खतरे में

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