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शुक्र के बाद अब गुरु हुए अस्त, क्यों शादी-विवाह पर लग गया पूर्ण विराम

Guru Asta 2024

Guru Asta 2024

Guru Asta 2024: ज्ञान के देवता बृहस्पति अस्त हो रहे हैं. गोचर में होने वाली ये घटना बहुत ही विशेष मानी जाती है. बृहस्पति का अस्त होना तारा अस्त होने की घटना है. तारा अस्त होने का अर्थ है की अब एक लंबे के लिए रुक जाने वाले हैं विवाह, सगाई, शुभ कार्यों में लग जाने वाली है पूरी तरह से रोक.

Guru And Shurka Asta 2024: अभी कुछ समय पूर्व शुक्र अस्त हुए और अब गुरु का अस्त होना पूर्ण रुप से कई चीजों की गति पर लगाम लगा देने वाला समय होगा. ज्योतिष अनुसार विवाह, कारोबार, मुंडन, नमकर इत्यादि कार्यों के लिए जब मुहूर्त को निकालना होता है तब शुक्र और गुरु इन दोनों ग्रहों की उदय स्थिति को ही सर्वप्रथम लिया जाता है. किंतु जब दोनों अस्त होते हैं तो इन्हें मुहूर्त हेतु उपयोगी नहीं माना जाता है. इस स्थिति में गुरु का अब अस्त होना कम से कम एक माह के लिए कुछ महत्वपूर्ण कार्यों के होने में रोक लगा देने वाला समय होगा. आइये जान लेते हैं गुरु का अस्त होना और आपके जीवन पर इसका असर कैसे डालेगा प्रभाव

गुरु अस्त 2024 का समय

गुरु की अस्त स्थिति का आरंभ 6 मई 2024 को सोमवार के दिन होगा. गुरु के अस्त होने का समय संध्या समय पर होगा. शाम 07 बजकर 06 बजकर के करीब गुरु पश्चिम में अस्त हो जाएंगे. गुरु के अस्त होने के साथ ही गुरु तारा अस्त का प्रभाव आरंभ होगा. इसके पश्चात गुरु 2 जून 2024 को 24; 40 पर उदय होंगे.

विवाह सुख में शुक्र-गुरु का असर

ज्योतिष अनुसार जब बात आती है विवाह जैसे मांगलिक कार्य की तो इसके लिए शुक्र और गुरु की स्थिति को सर्वोपरी स्थान दिया गया है. ऎसे में अगर मुहूर्त के समय ये दोनों ग्रह अस्त स्थिति होते हैं तो वह समय विवाह के सुख को कमजोर करने वाला माना गया है. इसी कार्ण विवाह के लिए गुरु और शुक्र के अस्त होने को हिंदू विवाह अनुसार उपयोगी नहीं माना गया है. शुक्र पत्नी का कारक बनता है और गुरु पति का तो इस स्थिति में इन दोनों की अच्छी स्थिति ही विवाह को उत्तम बनाती है.

शादी 2024 के मुहूर्त अब कब होंगे

अब आगामी स्थिति को देखें तो गुरु और शुक्र के उदय होने के बाद ही अब शादी विवाह का आरंभ होगा. ऎसे में 9 जुलाई पर विवाह के लिए मुहूर्त की स्थिति शुरु होगी.  तब गुरु और शुक्र दोनों ही उदय स्थिति में होंगे. जुलाई में विवाह का समय  9, 11, 12, 13 और 15 तारीख में शुभ मुहूर्त के रुप में प्राप्त होगा.   किंतु फिर चातुर्मास आरंभ हो जाएगा तब फिर से मुहूर्त रुप रुक जाएंगे और पुन: चातुर्मास के बाद विवाह कार्य आरंभ होंगे.

ज्योतिषाचार्य 
राजरानी

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