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उत्तर प्रदेश में आते हैं सबसे ज्यादा पर्यटक, अगले साल टूटेगा रिकॉर्ड

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UP News :  उत्तर प्रदेश पर्यटकों (Tourist) के आकर्षण का केन्द्र बना हुआ है। उत्तर प्रदेश देश का वह प्रदेश है जिसमें सबसे अधिक टूरिस्ट आते हैं। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार उत्तर प्रदेश में हर साल 37 करोड़ टूरिस्ट आते हैं। अगले साल टूरिज्म के मामले में उत्तर प्रदेश अपना ही रिकॉर्ड तोडऩे वाला है। अगले साल उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ का मेला लगेगा। इस मेले में दुनिया भर से करोड़ों टूरिस्ट आएंगे। इतनी बड़ी संख्या में एक ही स्थान पर टूरिस्ट आने से अब तक के सारे रिकॉर्ड टूट जाएंगे।

पहली पसंद बना उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बताया है कि उत्तर प्रदेश देश तथा दुनिया के पर्यटकों (Tourist) की पहली पसंद बन गया है। CM योगी ने अपने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सभी संभव उपाय किए जाएं। इसी कड़ी में उत्तर प्रदेश में होटल उद्योग को बढ़ावा देने के लिए नियमों को बदलाव करने का फैसला भी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया है।

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उत्तर प्रदेश में लगने वाले महाकुंभ मेले की तैयारी शुरू

उत्तर प्रदेश में पर्यटन की दृष्टि से महाकुंभ सबसे बड़ा आयोजन होगा। अगले साल होने वाले महाकुंभ की तैयारियां शुरू कर दी गयी हैं।इसी कड़ी में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ 2025 के तैयारियों से जुड़े विभागों के साथ सोमवार को बैठक की और अब तक की तैयारियों की समीक्षा की। बैठक में सीएम ने अधिकारियों को स्वच्छता, सुरक्षा और सुविधा का मानक बनाने पर जोर देने का निर्देश दिया। साथ ही कहा कि प्रयागराज महाकुंभ यूपी ही नहीं, बल्कि भारत के ग्लोबल ब्रांडिंग का माध्यम बनेगा, क्योंकि महाकुंभ के लिए पूरी दुनिया में उत्सुकता है।

बैठक में उत्तर प्रदेश के CM योगी ने कहा कि वर्ष 2019 में कुंभ का सफल आयोजन कर यूपी ने मानक स्थापित किया है. इस बार लोगों की अपेक्षाएं हमसे और अधिक होंगी। साल 2019 में 3200 हेक्टेयर में मेला क्षेत्र फैला हुआ था, लेकिन इस बार 4000 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्रफल में होगा मेला फैला होगा। जहां डेढ़ लाख से अधिक शौचालय स्थापित होंगे, जिसकी सफाई के लिए 10 हजार कर्मचारी होंगे।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आगामी प्रयागराज महाकुंभ को स्वच्छता, सुविधा और सुरक्षा का मानक आयोजन बनाने के लिए हर संभव प्रयास करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा है महाकुंभ-2025 पूरे विश्व को सनातन भारतीय संस्कृति से साक्षात्कार कराने का सुअवसर है। यह न केवल उत्तर प्रदेश, बल्कि भारत के ग्लोबल ब्रांडिंग का माध्यम बनेगा। हमें इसके सफल आयोजन के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान देना होगा। 12 वर्षों के अंतराल पर आगामी वर्ष 2025 में प्रयागराज में त्रिवेणी तट पर महाकुंभ का पावन अवसर आने वाला है। मानवता की इस अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर का अनुभव करने को पूरी दुनिया उत्सुक है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में हम सबने वर्ष 2019 में कुंभ का सफल आयोजन कर एक मानक स्थापित किया है। इस बार लोगों की अपेक्षाएं हमसे और अधिक हैं। आम जन की आस्था, अपेक्षा और आकांक्षा का ध्यान रखते हुए महाकुंभ की गरिमा और महत्व के अनुरूप आयोजन होना चाहिए। 13 जनवरी 2025 से 26 फरवरी 2025 तक महाकुंभ मेला प्रस्तावित है। 2019 के सापेक्ष महाकुंभ 2025 विशाल परिसर में आयोजित होगा। पिछली बार जहां 3200 हेक्टेयर में मेला फैला था, लेकिन इस बार 4000 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्रफल में इसका विस्तार किया जा रहा है। ऐसे में पार्किंग, पांटून पुल की संख्या, घाटों की संख्या, स्ट्रीट लाइट, शौचालय आदि की संख्या को आवश्यकतानुसार और अधिक बढ़ाया जाना चाहिए।

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महाकुंभ में होंगे शाही स्नान

उत्तर प्रदेश में लगने वाले महाकुंभ में 13 जनवरी 2025 से 26 फरवरी 2025 तक के 45 दिवसों के भीतर पौष पूर्णिमा, मकर संक्रांति, मौनी अमावस्या, बसंत पंचमी, माघ पूर्णिमा और महाशिवरात्रि प्रमुख स्नान तिथियां होंगी। मेला क्षेत्र और प्रयागराज नगर में इन दोनों पर बेहतर कार्ययोजना बनाएं. प्रयास हो कि मेला क्षेत्र में कोई भी पार्किंग संगम से 05 किमी से अधिक दूर न हो। सीएम ने कहा कि परिवहन विभाग द्वारा 7000 से अधिक बसों की व्यवस्था कराई जाए। नगर विकास विभाग द्वारा आधिकारिक ईवी शटल बसों की उपलब्धता कराई जाए। एयरपोर्ट के नवीन टर्मिनल का निर्माण कार्य अक्टूबर तक पूरा करा लें।

व्यवस्था ऐसी हो जिससे एयरपोर्ट से मेला क्षेत्र तक पहुंचने में 30 से 40 मिनट से अधिक समय न लगे। महाकुंभ 2025 प्रतिबंधित पॉलिथीन मुक्त हो, इसके लिए प्रयागराज का हर एक वार्ड-हर एक मोहल्ला स्वच्छ हो, मोहल्ला स्वच्छता समिति गठित कराएं। इसके लिए अभी से प्रयास शुरू कर दें। लोगों को जागरूक करें, मेला क्षेत्र समेत पूरा प्रयागराज स्वच्छता का मॉडल बनकर प्रतिष्ठित हो, इसके लिए हर किसी को योगदान करना होगा। महाकुंभ में श्रद्धालुओं और पर्यटकों के संभावित आगमन के दृष्टिगत मेला क्षेत्र में 1,50,000 शौचालयों की व्यवस्था की जानी चाहिए. इनकी नियमित सफाई हो, इसके लिए 10 हजार से अधिक कर्मचारियों की आवश्यकता होगी. साथ ही मेला क्षेत्र की स्वच्छता के लिए पर्याप्त कर्मचारी तैनात होने चाहिए। UP News

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