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Geeta Jayanti 2022 : जानिये क्या है इसका महत्व, तिथि एवं मुहूर्त।

Gita Jayanti 2023

Gita Jayanti 2023

 

Geeta Jayanti 2022 :  गीता जयंती जिसे मोक्षदा एकादशी के नाम से भी जाना जाता है, का प्राचीन काल से ही सनातन धर्म में एक विशिष्ट स्थान रहा है। आज के दिन गीता पाठ के साथ- साथ भगवान श्री कृष्ण की पूजा अर्चना भी की जाती है।

    Geeta Jayanti 2022 :

 

क्या है इसे मनाने की धार्मिक मान्यता

बताया जाता है कि इस दिन भगवान श्री कृष्ण ने महाभारत के युद्ध से पहले अर्जुन का मोह भँग करने के लिए उन्हें गीता का उपदेश दिया था। इस दिन आप मोक्षदा एकादशी का व्रत भी कर सकते हैं। कहा जाता है कि मोक्षदा एकादशी का व्रत करने मात्र से व्यक्ति को मृत्यु के पश्चात मोक्ष प्राप्ति हो जाती है।

कब मना सकते हैं गीता जयंती?

भारतीय पंचांग के अनुसार गीता जयंती प्रत्येक वर्ष मार्गशीर्ष महीने के शुक्ल पक्ष में एकादशी तिथि को मनाई जाती है। जिसे मोक्षदा एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। अगर अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार देखा जाये तो इस वर्ष यह 3 दिसम्बर को मनाया जायेगा। यह भी बताते चलें कि वर्ष 2022 में गीता जयंती की 5159वीँ वर्षगांठ मनाई जा रही है।

आज (3 दिसम्बर ) के दिन गीता जयंती को मनाने का शुभ मुहूर्त प्रातः 5 बजकर 39 मिनट से लेकर अगले दिन (4 दिसम्बर ) को प्रातः 5 बजकर 34 मिनट तक है।

कैसे मना सकते हैं आप गीता जयंती?

वैसे तो हर किसी का इस जयंती को मनाने का तरीका अलग हो सकता है किन्तु गीता जयंती या मोक्षदा एकादशी को मनाने का एक साधारण तरीका यह है कि,

  1. आप प्रातः स्नान करके या किसी पवित्र नदी में डुबकी लगा कर अपने व्रत की शुरूआत कर सकते हैं।

2.इसके पश्चात आप भगवान श्री कृष्ण की पूजा अर्चना कर सकते हैं।

  1. पूजा-पाठ एवं धूप दीप करने के पश्चात आप फलाहार ग्रहण कर सकते हैं। इस दिन यदि आप एकादशी का व्रत धारण कर रहे हैं तो अनाज ग्रहण मत करें।

4.आज के दिन आप गीता पाठ अवश्य करें क्योंकि आज गीता पाठ करने से आपको विशिष्ट फल की प्राप्ति होती है।

  1. अगले दिन आप स्नान करने के पश्चात अनाज ग्रहण करके अपने व्रत का पारण कर सकते हैं।

गीता का नियमित पाठ करने से आपके घर में सुख शांति हमेशा बनी रहती है। इसके साथ ही गीता पाठ करने से आपका मन भी शांत रहता है। यदि आपके मन में भी विचारों की उथल-पुथल होती है तो आपको गीता जयंती अवश्य विधि-विधान से मनानी चाहिये।

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