Special Story :
सैय्यद अबू साद
Special Story : तमिलनाडु। हर धर्म, हर जाति, हर वर्ग और हर तरह की संस्कृति को समेटे विविधताओं से भरा देश है भारत। यहां हर तरह के लोग रहते हैं। उनके बीच सामंजस्य बिठाने के लिए कार्यपालिका, न्यायपालिका और सरकार हैं। उनके द्वारा बनाए गए नियम व कानून हैं। उनके द्वारा ही सबकुछ चलता है, लेकिन इसी भारत में एक ऐसा शहर भी है, जहां धर्म, जाति, सरकार और नियम कानून का अडंगा नहीं है। यहां के निवासी पैसों के लिए परेशान नहीं होते। फिर भी वे बेहद सुकून और प्यार-मोहब्बत से अपना जीवन व्यतीत कर रहे हैं।
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यह सुनकर आप जरूर हैरानी में पड़ गए होंगे कि आखिर भारत में यह कौन-सा शहर हैं जहां ऐसी चीजों को नहीं माना जाता। आपके मन में कई तरह के सवाल पैदा हो रहे होंगे। चेतना मंच के इस लेख के जरिए आज हम आपको तमिलनाडु से 150 किमी की दूरी पर बसे अद्भुत शहर ऑरोविले, जिसे भोर का शहर (City of Dawn) भी कहा जाता है, उसके बारे में बताने जा रहे हैं।
चेन्नई से 150 किमी दूर बसा शहर
न धर्म, न जात, न सरकार और न ही पैसों को तवज्जो देने वाला यह अद्भुत शहर तमिलनाडु से महज 150 किमी की दूरी पर बसा है। इस शहर का नाम है ऑरोविले शहर। यह अपनी अनूठी रीत के वजह से सभी लोगों का मन मोह लेता है। इस शहर के बारे में जानने के बाद हर शख्स के मन में ख्याल आता है कि वह, इस भागदौड़ भरी जिंदगी को छोड़कर ऑरोविले शहर में जाकर कुछ सुकुन के पल जी ले।
2,500 लोग रहते हैं यहां
ऑरोविले एक यूनिवर्सल टाउन है। यहां देश और दुनिया के वे सभी महिला-पुरुष जो शांति में रहना पसंद करते हैं और शांति से रहना चाहते हैं उन्हें ऑरोविले शहर बहुत भाता है। यह आपको मानव एकता का एहसास कराता है। इस खूबसूरत शहर को 124 देशों की मिट्टी से एक कमल के आकार में बनाया गया है। यह स्थान शांति का प्रतीक है। ऑरोविले में रहने वाले लोग लगभग 50 देशों से आते हैं, जो सभी प्रकार के आयु समूहों, सामाजिक वर्गों, संस्कृतियों आदि से संबंधित हैं। यहां की वर्तमान जनसंख्या 2,500 लोगों की है। इनमें 30 प्रतिशत भारतीय भी हैं।
1968 में हुई थी शहर की स्थापना
ऑरोविले शहर को City of Dawn इसलिए कहा जाता है, क्योंकि यहां के निवासियों को बाकी दुनिया की बातों से कोई मतलब नहीं रहता। वे धार्मिक विश्वास से परे सत्य के मार्ग पर चलने में विश्वास रखते हैं। उनके लिए हर दिन एक नई भोर के साथ होती है, जहां पिछली सारी परेशानियों को भूलकर नई शुरूआत होती है। इसकी स्थापना 1968 में श्री अरबिंदो के आध्यात्मिक सहयोगी मीरा अल्फासा ने की थी। इस शहर को बसाने का सिर्फ एक ही उद्देश्य है कि यहां पर रहने वाले लोग जाति-धर्म, ऊंच-नीच, भेदभाव, राजनीति जैसी चीजों को त्याग कर सिर्फ सुखद, आरामदायक और शांति का जीवन जी सकें। इस शहर को भारत सरकार के द्वारा भी मान्यता प्राप्त है। भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम और प्रतिभा पाटिल भी यहां का दौरा कर चुकी हैं।
सेवक बन कर रहते हैं लोग
ऑरोविले में कोई भी आकर बस सकता है, लेकिन उन्हें बस एक ही शर्त को मानना होता है। इस शहर में बसने की इच्छा रखने वाले लोगों को सेवक के तौर पर रहना होता है। ये शहर धार्मिक विश्वास से परे सत्य के मार्ग पर चलने में विश्वास रखता है। इस जगह के बीच में एक मंदिर है, जिसे मातृमंदिर कहा जाता है। जहां शहर के लोग मेडिटेशन करते हैं। यह उन लोगों के लिए आध्यात्मिक महत्व रखता है, जो एकांत में योग का अभ्यास करते हैं, ये मंदिर किसी विशेष धर्म या संप्रदाय से संबंधित नहीं हैं।
बिना सरकार के चलता है शहर
देश को चलाने के लिए एक प्रशासन या सरकार की जरूरत पड़ती है, लेकिन ऑरोविले शहर में कोई भी सरकार नहीं है। यह शहर बिना सरकार के शांतिपूर्वक चलता है। यह एक विधानसभा द्वारा नियंत्रित होता है जिसमें हर एक वयस्क शामिल होता है। वह सभी विभिन्न धर्मों, समुदाय और संस्कृतियों से आए हुए लोग होते हैं लेकिन इन सब के बावजूद वह तालमेल के साथ शांति से इस शहर को चलाते हैं। यहां रहने वाले लोग एक-दूसरे के जीवन-यापन में एक परिवार की तरह ही योगदान देते हैं।
शहर में है खुद का बैंक
ऑरोविले में कागजी मुद्रा का आदान-प्रदान नहीं होता है। यहां के लोग कैश पेमेंट नहीं रखते हैं। हालांकि वे बाहरी लोगों के साथ पैसों का लेन-देन कर सकते हैं। करीब 35 साल पहले इस शहर में एक फाइनेंशियल सर्विस सेंटर को स्टार्ट किया गया था। आरबीआई द्वारा इसको मंजूरी दी गई थी। यह सेंटर यहां के रहने वाले लोगों के लिए एक बैंक की तरह ही काम करता है। इस बैंक में रहने वाले लोग अपना पैसा ऑनलाइन या ऑफलाइन जमा करते हैं। पैसे जमा कराने के लिए लोगों को ऑरोविले फाइनेंशियल सर्विस की तरफ से एक अकाउंट नंबर मुहैया कराया जाता है। इस नंबर से शहर के करीब 200 कमर्शियल सेंटर और छोटी-बड़ी दुकानों में खरीदारी की जा सकती है। वहीं अगर कोई व्यक्ति अतिथि के तौर पर आता है, तो उसे डेबिट कार्ड की तरह एक ऑरो कार्ड जारी किया जाता है। जिसकी सहायता से वह अपनी जरूरत की चीजों का इस्तेमाल कर सकता है।
क्या है खास सुविधाएं
ऑरोविले का अपना आर्किटेक्चर और टाउन प्लानिंग ब्यूरो है। इसमें अभिलेखीय सुविधाएं, अनुसंधान संस्थान, ऑडिटोरियम, 40 उद्योग, खेती, रेस्तरां, फार्म, गेस्टहाउस आदि हैं। यहां स्कूल, अस्पताल से लेकर यूनिवर्सिटी तक लोगों की जरूरत की हर चीज मौजूद है। शहर में स्वास्थ्य सुविधाएं, परिवहन, कला और सांस्कृतिक केंद्र, मीडिया और कम्युनिकेशन से लेकर सोशल इंटरप्राइजेस की भी सुविधा है। इतना ही नहीं, निवासियों के लिए एक कंप्यूटर, एक ई-मेल नेटवर्क (ऑरोनेट) भी है। यहां एक बीच भी है, जिसे सबसे शांत और खूबसूरत समुद्र तटों में से एक माना जाता है। शांति पसंद लोगों को यह स्थान काफी आकर्षित करता है। दुनियाभर से लोग यहां आकर घंटों तक बीच के सुकून का आनंद उठाते हैं।