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Conversion Case : पूरे फिल्मी अंदाज में धरा गया बच्चों का धर्मांतरण कराने वाला बद्दो

Conversion Case

Baddo who converted children caught in full film style

हर अपराधी ये सोचकर किसी वारदात को अंजाम देता है कि वह कानून की आंखों में धूल झोंक कर साफ निकल जाएगा। यानि कानून के हाथ उस तक नहीं पहुंच सकेंगे। लेकिन, कहा जाता है कि कानून के हाथ इतने लंबे होते हैं कि वह गुनहगारों के गिरबान तक पहुंच ही जाते हैं। ऐसा ही ऑनलाइन गेम की आड़ में बच्चों का धर्म परिवर्तन कराने के मास्टरमाइंड शाहनवाज उर्फ बद्दो के साथ। 31 मई की रात से फरार बद्दो आखिर पुलिस के हत्थे चढ़ ही गया। शाहनवाज हर जगह अपना नाम और पहचान छिपाकर रह रहा था। ठाणे पुलिस ने अलीबाग के कई लॉज और कॉटेज को खंगाला। इसी दौरान शाहनवाज और उसका भाई पुलिस के हत्थे चढ़ गया।

Conversion Case

सिम के जरिये आरोपी तक पहुंची पुलिस

शाहनवाज़ तक ठाणे पुलिस नए सिम कार्ड के जरिए पहुंची। ठाणे पुलिस को जानकारी मिली थी कि शाहनवाज ने नया सिम कार्ड लिया है और उसी का इस्तेमाल कर रहा है। ठाणे पुलिस ने नए सिम कार्ड की जानकारी निकाली। इसमें शाहनवाज का लोकेशन रायगढ़ के अलीबाग इलाके निकली। इसके बाद ठाणे पुलिस की दो टीमें 10 जून की रात को अलीबाग के रवाना हुई। 11 जून की तड़के 3 बजे से लेकर सुबह 11.30 बजे तक पुलिस ने अलीबाग के कई लॉज और कॉटेज को खंगाला। इसी दौरान शाहनवाज और उसका भाई उनके हत्थे चढ़ गया, जो नाम बदलकर लॉज में रह रहा था।

काम नहीं आई होशियारी

पुलिस ने बताया कि 31 मई की रात से फरार होने के बाद शाहनवाज हर जगह अपना नाम और पहचान छिपाकर रह रहा था। वर्ली इलाके में जब ठाणे पुलिस ने उसकी लोकेशन ट्रेस की थी, तब भी उसको भनक लग गई थी और पुलिस के पहुंचने से पहले ही फरार हो गया था। पुलिस ने उस सिम कार्ड प्रोवाइडर को भी हिरासत में लिया है। शाहनवाज ने पूछताछ में बताया कि FIR दर्ज होने के बाद से वह बेहद डर गया था। इसी चलते वह फरार हो गया था।

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बेहद शातिराना तरीके से करते थे ब्रेन वॉश

इससे पहले पुलिस ने यूपी के गाजियाबाद के मौलवी अब्दुल रहमान को गिरफ्तार किया था। शाहनवाज और अब्दुल रहमान, ऑनलाइन गेम के जरिये मासूम हिंदू नाबालिग बच्चों को टारगेट करके और उनका ब्रेन वॉश करता था और उन्हें इस्लाम अपनाने पर मजबूर कर देता था। इसके लिए दो ऑनलाइन गेम इस्तेमाल किये जाते थे, इनमें एक FORT NITE और दूसरा valorant है। इन दोनों गेम को खेलने आने वाले लड़के इस गिरोह के निशाने पर थे। इनमें से कुछ की पहचान करके उनका कई चरण में ब्रेन वॉश किया जाता था। ऑनलाइन गेम फोर्ट नाइट पर बच्चे को घेरा जाता था। हिंदू नामों से मुस्लिम लड़के फर्जी आईडी से आते। हिंदू बच्चा गेम हारता, तब असली खेल शुरु होता। बच्चे से कहा जाता कि आयत पढ़ोगे तो जीतोगे।

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जीत के पढ़वाता था आयत और नमाज

बच्चा आयत पढ़ता तो गेम में जीत जाता। साजिश के तहत बच्चे को जितवाया जाता था। एक के बाद एक आयतें पढ़वाकर जितवाते जाते। बच्चे को इस्लाम में भरोसा पक्का करते जाते थे। असली खेल बाद में शुरु होता था। बच्चा जब गिरफ्त में आ जाता, तब उसको रेडिकलाइज किया जाता। उसको विवादास्पद धर्म गुरु जाकिर नाइक के वीडियो भेजे जाते। जाकिर नाइक के वीडियो बच्चे के दिमाग में जहर भरते थे। बच्चे को मस्जिद बुलाते और नमाज पढ़वाते थे। इस पूरे गिरोह के बारे में अभी कई और खुलासे होने बाकी हैं। अभी से गिरोह के तार पाकिस्तान से लेकर यूरोप तक से जुड़े मिले हैं।

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आई के नाम पर दो लड़कों से लिया था सिम कार्ड

शाहनवाज इतना शातिर था कि ऑनलाइन गेम पर फर्जी आईडी बनाने और इस्तेमाल करने के लिए उसने दो लड़कों से सिम ले लिया था। वह उसी सिम का इस्तेमाल करता था। पुलिस ने शाहनवाज के भाई को सिम कार्ड देने वाले दो लोगों को भी गिरफ्तार किया है। गिरफ्तारी पर आरोपी के पिता कैमरे के आगे रोते हुए माफी मांगते नजर आए।

धर्मांतरण का नया और बेहद खतरनाक तरीका

दूसरा आरोपी अब्दुल रहमान भी कम शातिर नहीं है। वह एक मस्जिद में मौलवी था, लेकिन यहीं से अपना धर्मांतरण का असली खेल खेल रहा था। ऑनलाइन गेम के जरिये धर्मांतरण का ये तरीका सबसे नया है। खतरनाक भी। क्योंकि इसके जरिये मां बाप की जानकारी के बगैर सीधे उनके बच्चों को टारगेट किया जाता है।

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