Friday, 18 October 2024

Aditya L1 Launching : लांच हुआ इसरो का मिशन सन आदित्य L1, देशभर में खुशी का माहौल

Aditya L1 Launching /श्रीहरिकोटा। चंद्रयान 3 की अपार सफलता के भारतीय वैज्ञानिकों के सबसे बड़े संगठन भारतीय अंतरिक्ष अनुंसधान संगठन…

Aditya L1 Launching : लांच हुआ इसरो का मिशन सन आदित्य L1, देशभर में खुशी का माहौल

Aditya L1 Launching /श्रीहरिकोटा। चंद्रयान 3 की अपार सफलता के भारतीय वैज्ञानिकों के सबसे बड़े संगठन भारतीय अंतरिक्ष अनुंसधान संगठन इसरो के मिशन सन आदित्य एल 1 सैटेलाइट शनिवार को अपने निर्धारित समय पर लांच कर दिया गया है। आंध्र प्रदेश के श्रीहरीकोटा से लॉन्चिंग सफल रही। स्पेस के पांच लैंग्रेज पॉइंट्स में एक पॉइंट-1 पर इसे स्थापित किया जाएगा। पीएसएलवी रॉकेट की मदद से आदित्य L1 अपने डेस्टिनेशन के लिए उड़ान भरी। मिशन की लॉन्चिंग के लिए पीएसएलवी रॉकेट के XL वर्जन का इस्तेमाल किया गया।

Aditya L1 Launching

आपको बता दें कि कुछ दिनों पहले ही भारत चांद के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला पहला देश बना है। इसके बाद ही इसरो ने सूर्य मिशन का ऐलान कर दिया था। आदित्य सूर्य का ही पर्यायवाची शब्द है, को पृथ्वी से लगभग 15 लाख किलोमीटर (930,000 मील) दूर अंतरिक्ष के एक क्षेत्र में लैंग्रेज बिंदु-1 पर स्थापित किया जाएगा। यहां से भारत लगातार सूरज पर नजर रख सकेगा। ठीक 11 बजकर 50 मिनट पर इसे लांच कर दिया गया।

Aditya L1 Launching अपडेट्स

इसरो के आदित्य L1 मिशन पर इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एस्ट्रोफिजिक्स की डायरेक्टर अन्नपूर्णी सुब्रमण्यम ने बताया कि सूर्य यान में विजिबल लाइन एमिशन कोरोनाग्राफ (वीईएलसी) इंस्टीट्यूट ने डिजाइन किया है।

इससे हर समय पूर्ण सूर्य ग्रहण होगा और चूंकि यह एल1 में है जहां से सूर्य को बेरोकटोक देखा जा सकेगा। मिशन आदित्य L1 की कामयाबी को लेकर चंडीगढ़ में विजय भव यज्ञ किया गया जो सैटैलाइट के लांच होने तक जारी रहा।

आदित्य L1 की लॉन्चिंग के मौके को एस्ट्रोनॉमर और प्रोफेसर आरसी कपूर ने आज के दिन बहुत ही महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि आदित्य L1 पर सबसे महत्वपूर्ण उपकरण सूर्य के कोरोना का अध्ययन करेगा। आम तौर पर, जिसका अध्ययन सिर्फ पूर्ण सूर्य ग्रहण के दौरान ही किया जा सकता है।

भारत के सूर्य मिशन आदित्य L1 की लॉन्चिंग को लेकर पद्मश्री विजेता और पूर्व इसरो साइंटिस्ट मायलस्वामी अन्नादुराई ने कहा कि तकनीकी रूप से L1 पॉइंट पर सैटेलाइट को स्थापित करना और उसके चारों ओर एक कक्षा बनाए रकना और बहुत सटीक पॉइंटिंग आवश्यकताओं के साथ पांच वर्षों तक मिशन को एक्टिव रखना बहुत चुनौतीपूर्ण है… यह वैज्ञानिक रूप से फायदेमंद होने वाला है क्योंकि सात पेलोड्स सूर्य की गतिशीलता को समझने की कोशिश करेंगे और वहां क्या हो रहा है इसका पता लगाएंगे।

आदित्य L1 की लॉन्चिंग देखने बड़ी संख्या में लोग श्रीहरीकोटा पहुंचे। तमिलनाडु से आए लोगों ने कहा कि उन्हें इसरो पर गर्व है। चेन्नई से लॉन्चिंग देखने आईं बामा बताती हैं कि वह पहली बार यहां आई हैं। वह कहती हैं कि वह अपनी खुशी बयां नहीं कर सकतीं।

आदित्य L1 की सफल लॉन्चिंग के लिए देशभर के लोगों ने प्रार्थना की। चंडीगढ़ में आदित्य मिशन को लेकर अखंड विजयी भव यज्ञ किया जा रहा है। भोपाल में मिशन की सफलता के लिए मां वैष्णो धाम आदर्श नवदुर्गा मंदिर पर भगवान पशुपतिनाथ का रुद्राभिषेक किया जा रहा है।

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