Wednesday, 23 April 2025

Hindi Kavita – तलाशी

Hindi Kavita – उन्होंने कहा- “हैण्ड्स अप!” एक-एक अंग फोड़ कर मेरा उन्होंने तलाशी ली! मेरी तलाशी में मिला क्या…

Hindi Kavita – तलाशी

Hindi Kavita –

उन्होंने कहा- “हैण्ड्स अप!”
एक-एक अंग फोड़ कर मेरा
उन्होंने तलाशी ली!

मेरी तलाशी में मिला क्या उन्हें?
थोड़े से सपने मिले और चांद मिला
सिगरेट की पन्नी-भर,
माचिस-भर उम्मीद, एक अधूरी चिट्ठी
जो वे डीकोड नहीं कर पाये

क्योंकि वह सिन्धुघाटी सभ्यता के समय
मैंने लिखी थी-
एक अभेद्य लिपि में-
अपनी धरती को-

“हलो धरती, कहीं चलो धरती,
कोल्हू का बैल बने गोल-गोल घूमें हम कब तक?
आओ, कहीं आज घूरते हैं तिरछा
एक अगिनबान बन कर
इस ग्रह-पथ से दूर!

उन्होंने चिट्ठी मरोड़ी
और मुझे कोंच दिया काल-कोठरी में!
अपनी क़लम से मैं लगातार
खोद रही हूँ तब से
काल-कोठरी में सुरंग!

कान लगा कर सुनो-
धरती की छाती में क्या बज रहा है!
क्या कोई छुपा हुआ सोता है?
और दूर उधर- पार सुरंग के- वहाँ
दिख रही है कि नहीं दिखती
एक पतली रोशनी
और खुला-खिला घास का मैदान!
कैसी ख़ुशनुमा कनकनी है!
हो सकता है – एक लोकगीत गुज़रा हो
कल रात इस राह से!
नन्हें-नन्हें पाँव उड़ते हुए से गए हैं
ओस नहाई घास पर!

फिलहाल, बस एक परछाईं
ओस के होंठों पर
थरथराती सी बची है

पहला एहसास किसी सृष्टि का
देखो तो-
टप-टप
टपकता है कैसे!

अनामिका

—————————————

यदि आपको भी कहानी, कविता, गीत व गजल लिखने का शौक है तो उठाइए कलम और अपने नाम व पासपोर्ट साइज फोटो के साथ भेज दीजिए। चेतना मंच की इस ईमेल आईडी पर- chetnamanch.pr@gmail.com

हम आपकी रचना को सहर्ष प्रकाशित करेंगे।

देश विदेश की खबरों से अपडेट रहने लिए चेतना मंच के साथ जुड़े रहें।

ग्रेटर नोएडा नोएडा की खबरों से अपडेट रहने के लिए चेतना मंच से जुड़े रहें।

देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमें  फेसबुक  पर लाइक करें या  ट्विटर  पर फॉलो करें।

Related Post