Monday, 2 December 2024

ग्रामीण महिलाओं को दी गई खास ट्रेनिंग, कर सकेंगी अपना रोज़गार

Greater Noida News /ग्रेटर नोएडा क्षेत्र के दादरी तहसील में महिलाओं के लिए खास ट्रेनिंग का अभियान चलाया गया। इस…

ग्रामीण महिलाओं को दी गई खास ट्रेनिंग, कर सकेंगी अपना रोज़गार

Greater Noida News /ग्रेटर नोएडा क्षेत्र के दादरी तहसील में महिलाओं के लिए खास ट्रेनिंग का अभियान चलाया गया। इस ट्रेनिंग के बाद महिलाएँ खुद रोज़गार कर सकती हैं, साथ ही दूसरों को भी रोज़गार दे सकती हैं।

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सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, मेरठ, उत्तर प्रदेश के अंतर्गत संचालित, कृषि विज्ञान केंद्र ग्रेटर नोएडा क्षेत्र के दादरी के पास नूरपुर छोलस में 22 से 27 सितम्बर 2023 तक केंद की वैज्ञानिक डॉ. विनीता सिंह द्वारा प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह प्रशिक्षण उत्तर प्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनंदी बेन पटेल की प्रेरणा के क्रम में अशिक्षित ग्रामीण महिलाओं में रोज़गार सृजन करने के लिए आयोजित किया गया।

ऐसे चला प्रशिक्षण

ग्रेटर नोएडा क्षेत्र के छोलस में आयोजित इस कार्यक्रम के प्रथम दिन प्रशिक्षणार्थीयों को केंद्र के प्राध्यापक एवं अध्यक्ष डॉ. मयंक राय का मार्गदर्शन मिला। उन्होंने महिलाओं को प्रशिक्षण प्राप्त करने के उपरांत लघु उद्यमिता के माध्यम से स्वरोज़गार कर आत्म निर्भर भारत के अभियान को सफ़ल बनाने में अपना योगदान देने हेतु प्रेरित किया। इस कार्यक्रम में केंद के वैज्ञानिक डॉ. मोहन सिंह ने महिलाओं द्वारा बनाए जाने वाले गृह उत्पादों को बाज़ार तक लाने के लिए उत्साहित किया।

केंद्र की वैज्ञानिक डॉ. विनीता सिंह ने प्रशिक्षण में अशिक्षित / ग्रामीण महिलाओं को बताया कि महिला उद्यमिता को देश की आर्थिक प्रगति का एक महत्वपूर्ण साधन माना जाता है। कोई भी महिला उद्यमी न केवल खुद को आत्मनिर्भर बनाती है, बल्कि दूसरों के लिए भी रोज़गार के अवसर को बढ़ाती हैं। महिला उद्यमिता के द्वारा महिलाओं की आर्थिक एवं सामाजिक स्थिती को मज़बूत करके क्षेत्रीय विकास को बल दिया जा सकता है।

साबुन बनाने का तरीक़ा बताया

इस प्रशिक्षण में डॉ. सिंह ने महिलाओं को विभिन्न प्रकार के साबुन को घर पर ही बनाने का तरीक़ा बताया। साबुनों में ऐलोवेरा, गुलाब, चंदन, लेमन ग्रास, हल्दी, शहद इत्यादि युक्त साबुन बनाना सिखाया जिसे सीखने में महिलाओं ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया और घर पर इसे बनाकर बाज़ार में बेचने के लिए काफ़ी उत्साहित दिखाई दे रही थीं।

इसके साथ ही लघु उद्यमिता के लिए प्रशिक्षणार्थियों को विभिन्न प्रकार की मोमबत्तियाँ बनाने की तकनीक भी सिखाए।महिलाओं को मोमबत्ती बनाना सिखाकर उन सबसे केंद्र पर ही विभिन्न तरह की मोमबत्तियाँ भी बनवाए जिससे महिलाओं में काफ़ी ख़ुशी थी तथा इस काम को आगे बढ़ाने के लिए काफ़ी उत्साहित भी थीं। इस प्रशिक्षण में ग्राम – छोलस, खंडेरा एवं घनुवास की महिलाओं ने हिस्सा लिया।

प्रशिक्षण के अंतिम दिन केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. विपिन कुमार, डॉ. मोहन सिंह, डॉ. सुनील प्रजापति, डॉ. बोनिका पंत एवं डॉ. कुँवर घनश्याम द्वारा प्रशिक्षणार्थियों को प्रमाण पत्र वितरित किया गया साथ ही उनका उत्साहवर्धन भी किया।

डॉ. सिंह ने यह भी बताया की अगर कोई महिला इस कार्य में रुचि लेते हुए आगे बढ़ना चाहती है तो तकनीकी सहायता के लिए कृषि विज्ञान केंद्र से कभी भी सम्पर्क कर सकती हैं।

इस प्रशिक्षण में महिलाओं को स्वच्छता बनाए रखने हेतु हर सप्ताह दो घंटे श्रमदान करके स्वच्छता के संकल्प को चरितार्थ करने हेतु शपथ भी दिलाया गया।

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