world’s First Vegetarian Restaurant : पूरी दुनिया में शाकाहारी लोगों की संख्या लगातार बढ़ रही है। शाकाहारी लोग दुनिया के किसी भी कोने में जाते हैं तो वहां अपना भोजन ढूंढते हैं। हालांकि यूरोप के देशों में शाकाहार का चलन पहले इतना नहीं था और तब बहुत ही मुश्किल से कोई शाकाहारी रेस्टोरेंट मिलता था, तब स्विट्जरलैंड (Switzerland) में शुरुआत हुई थी दुनिया के पहले शाकाहारी रेस्टोरेंट की (world’s First Vegetarian Restaurant)। हम आपको बता दें कि 1898 में ज्यूरिख में सिहलस्ट्रैस पर वेजीटेरियन होम एंड एबस्टिनेंस कैफे नामक एक रेस्तरां खोला गया था। आपको जानकार आश्चर्य हो रहा होगा कि यह रेस्टोरेंट कितना पुराना है। जब यह रेस्टोरेंट खोला गया था तब यह इतना लोकप्रिय नहीं था क्योंकि उस समय यूरोप में शाकाहारियों को सनकी समझा जाता था। क्योंकि बहुत ही कम लोग शाकाहारी होते थे। इसलिए इस रेस्टोरेंट की शुरुआत व्यावसायिक रूप में बहुत अच्छी नहीं थी। कुछ ग्राहक आते थे तो वह भी छुपते छुपाते आते थे । लेकिन पिछले 124 वर्षों में यह रेस्टोरेंट तेजी से आगे बढा है । जैसे-जैसे दुनिया में शाकाहार प्रसिद्ध हुआ और लोग शाकाहार को अपनाने लगे वैसे-वैसे यह रेस्टोरेंट भी तेजी से लोकप्रिय हुआ और अब जो भी स्विट्जरलैंड आता है इस रेस्टोरेंट में जरूर जाना चाहता है। हालांकि अब इस रेस्टोरेंट का नाम बदल दिया गया है और इसका नाम बदल कर रखा है हिल्टल होटल।
कैसे पड़ा हिल्टल नाम
एबस्टिनेंस कैफे, जिसका नाम बदलकर हिल्टल रखा गया , अब इसे चौथी पीढ़ी चला ऱही है। यह ज्यूरिख के सबसे शानदार रेस्तरां में से एक है। गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स ने हिल्टल को दुनिया के सबसे पुराने शाकाहारी रेस्तरां के रूप में मान्यता दी है। 1901 में जब बीमार एम्ब्रोसियस हिल्टल को उनके डॉक्टर ने कहा कि आपको मांस का नहीं खाना चाहिए। तो उन्होंने एबस्टिनेंस कैफे जाना शुरू कर दिया, फिर इसके प्रबंधक बन गए और – 1904 में इसे अपने हाथ में ले लिया। तब एबस्टिनेंस कैफे का नाम बदलकर हिल्टल रख दिया गया।
1931 में, हिल्टल ने शहर का पहला ऑल-इलेक्ट्रिक किचन स्थापित किया
धीरे-धीरे हिल्टल लोकप्रिय होने लगा और स्थानीय लोग भी शाकाहार को पसंद करने लगे । खास तौर पर मूसली बनाने वाले डॉ. मैक्स बिर्चर-बेनर के प्रभाव में रेस्तरां फला-फूला और 1931 में, हिल्टल ने शहर का पहला ऑल-इलेक्ट्रिक किचन स्थापित किया। हिल्टल ने स्विट्जरलैंड को भारत के कई मसालों से भी परिचित करवाया। 1950 के दशक में, जब मार्ग्रिथ हिल्टल ने दिल्ली में विश्व शाकाहारी कांग्रेस में स्विट्जरलैंड के आधिकारिक प्रतिनिधि के रूप में शिरकत की, तो रेस्तरां ने विदेशी मसालों और भारतीय व्यंजनों के स्वादों को पेश किया। हिल्टल आज भी अपने खाने में भारतीय टच के लिए जाना जाता है।आप सोया दही और ब्रोकोली के साथ टिक्का मसाला, या अदरक और खजूर की चटनी के साथ पालक पनीर का स्वाद ले सकते हैं। रेस्टोरेंट के चौथी पीढ़ी के रॉल्फ हिल्टल सैन फ्रांसिस्को, अकापुल्को और पेरिस के रेस्तरां से एक नया दृष्टिकोण लेकर आए हैं कि शाकाहारी भोजन न केवल हेल्दी हो सकता है बल्कि मजेदार भी हो सकता है।
हिल्टल सामाजिक जिम्मेदारी के लिए भी प्रतिबद्ध
world’s First Vegetarian Restaurant
हिल्टल में 300 कर्मचारी हैं। लैंगस्ट्रैस पर एक और रेस्तरां खोला गया है, साथ ही ज्यूरिख, विंटरथुर, बर्न, बेसल और ल्यूसर्न में फास्ट-फूड आउटलेट टिबिट्स भी खोले है। हिल्टल सामाजिक जिम्मेदारी के लिए भी प्रतिबद्ध है। हिल्टल Organic Food, Reusable टेकअवे कटोरे, बायोडिग्रेडेबल कप और बायोगैस बिजली का उपयोग करता है, और भोजन की बर्बादी को कम करने पर जोर देता है।
हिल्टल में आप दो स्थानों पर भोजन कर सकते हैं: बुफ़े या आ ला कार्टे। यंंहा का बुफे बहुत प्रसिद्ध है और इसमें शाकाहारी या एलर्जी-मुक्त विकल्पों की तलाश करने वालों के लिए लेबलिंग के साथ मशरूम स्ट्रैगनॉफ़ से लेकर थाई रेड करी तक 100 से अधिक व्यंजन पेश किए जाते हैं। रेस्तरां के व्यंजनों में ऑर्गेनिक स्मोक्ड टोफू, बैंगन टार्टारे और ज़्यूरी गेशनेटज़ेल्ट्स जैसे पारंपरिक स्थानीय व्यंजनों से बने कॉर्डन ब्लू जैसे व्यंजन शामिल हैं, जो आम तौर पर मलाईदार मशरूम सॉस में पतले कटे हुए वील के साथ बनाए जाते हैं।
ज्यूरिख में अब 30 से अधिक शाकाहारी रेस्तरां
ज्यूरिख में अब 30 से अधिक शाकाहारी रेस्तरां हैं। 1898 में खुलने के बाद से केवल हिल्टल ही नहीं बदला है, स्विट्जरलैंड में भी चीजें आगे बढ़ी हैं। स्विट्जरलैंड के लगभग पाँच प्रतिशत लोग शाकाहारी हैं – यह संख्या हर साल बढ़ती जा रही है – और,स्विस किसी भी अन्य देश की तुलना में अधिक जैविक उत्पाद खाते हैं। अकेले ज्यूरिख में लगभग 30 शाकाहारी या वीगन रेस्तरां हैं। ऑर्गेनिक, शाकाहारी भोजन की मांग भी बढ़ रही है, और कई रेस्तरां में अब साप्ताहिक शाकाहारी दिन होता है। स्विस फेडरल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के एक अध्ययन में पाया गया कि अगर स्विट्जरलैंड में हर कोई सप्ताह में सिर्फ एक दिन शाकाहारी बने तो इससे 3.7 अरब किलोमीटर की ड्राइव से होने वाले कार उत्सर्जन के बराबर बचत होगी।
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