Greater Noida News : नोएडा-ग्रेटर नोएडा में बिल्डरों ने बॉयर्स को फ्लैट बेचने के नाम पर ठग कर अरबों रूपये कमाये हैं। बिल्डरों ने बॉयर्स को नोएडा-ग्रेटर नोएडा में फ्लैट देने के सब्जबाग तो दिखाये लेकिन पिछले 13 सालों से बॉयर्स को फ्लैट नहीं मिला और उसके लाखों रूपये खर्च हो गये। वहीं कुछ बॉयर्स फ्लैट न मिलने के बावजूद ईएमआई भर रहे हैं।
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नोएडा और ग्रेटर नोएडा में बिल्डरों की ऐसी ही बड़ी धोखाधड़ी का मामला प्रकाश में आया है। हैरानी इस बात की है कि नोएडा पुलिस ने पीडि़तों की शिकायत पर बिल्डरों के खिलाफ एफआईआर नहीं लिखी। न्यायालय का आदेश आने के बाद ही पुलिस को बिल्डरों के खिलाफ एफआईआर लिखनी पड़ी।
गायत्री औरा में फ्लैट देने के नाम पर धोखाधड़ी
ग्रेटर नोएडा के थाना बिसरख में दर्ज हुए दो मामलों में नोएडा-ग्रेटर नोएडा में बिल्डरों द्वारा की गई बड़ी धोखाधड़ी से पर्दा उठाया है। थाना बिसरख में योगेश कपिल पुत्र प्रेमचंद कपिल निवासी गाजियाबाद ने मैसर्स गायत्री हॉस्पिटैलिटी एण्ड रियलकोन लिमिटेड के डायरेक्टर हरिओम दीक्षित, विष्णु दीक्षित के खिलाफ कोर्ट के आदेश पर एफआईआर दर्ज कराई है। एफआईआर में उन्होंने आरोप लगाया है कि वर्ष 2011 में उन्हें मैसर्स गायत्री हॉस्पिटैलिटी एण्ड रियलकोन लिमिटेड के डायरेक्टर हरिओम दीक्षित ने बताया कि वह गायत्री ओरा नाम से ग्रेटर नोएडा में एक सोसायटी बना रहे हैं। इस सोसायटी में सस्ते फ्लैट हैं। पीडि़त को विश्वास में लेने के लिए हरिओम ने जमीन की लीज-डीड की कॉपी भी दिखाई।
जिसके बाद योगेश फ्लैट खरीदने के लिए तैयार हो गए और उन्होंने 2011 से 2015 तक 6 से 7 किस्तों में 23 लाख 50 हजार रूपये का भुगतान बिल्डर कंपनी को कर दिया, लेकिन बिल्डर ने मौके पर फ्लैटों का निर्माण नहीं किया। दबाव देने पर बिल्डर बॉयर एग्रीमेंट करने को तैयार हो गया और उन्हें एक एलॉटमेंट लेटर भी दे दिया। यह फ्लैट उन्हें 40 माह में मिलना था, लेकिन आज तक उन्हें यह फ्लैट नहीं मिल पाया है। खोजबीन करने पर उन्हें पता चला कि गायत्री ओरा सोसायटी में एल ब्लॉक बिल्डर द्वारा नहीं बनाई गई है। इस ब्लॉक की जमीन बिल्डर ने ओपेक्स ओरा नाम की सोसायटी को बेच दी है। योगेश ने जब बिल्डर से अपनी रकम मांगी तो बिल्डर हरिओम दीक्षित ने उन्हें फ्लैट देने से साफ इंकार कर दिया और जान से मारने की धमकी दी।
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आस्था ग्रीन्स प्रोजेक्ट में बुक फ्लैट नहीं मिला
थाना बिसरख में दूसरा मामला श्रीमती नीरजा भटनागर पत्नी राहुल भटनागर निवासी इंदिरापुरम गाजियाबाद ने दर्ज कराया है। उन्होंने मैसर्स आस्था इन्फासिटी लि0 के निदेशक अरूण कुमार सिंह पुत्र स्व0 जगदीश प्रसाद, सेल्स एजेंट सुरेन्द्र व अमन भारद्वाज तथा दीपक जैन निदेशक मैसर्स महेश रियटर्स प्रा0लि0 और कंपनी के प्रतिनिधि मुकेश कुमार रब के खिलाफ दर्ज कराया है। एफआईआर में नीरजा भटनागर ने बताया कि उन्हें सेल्स एजेंट सुरेन्द्र व अमन ने मैसर्स आस्था इन्फासिटी लि0 के निदेशक अरूण कुमार सिंह से मिलवाया। नीरजा एनसीआर में एक फ्लैट लेना चाहती थीं। बिल्डर अरूण कुमार सिंह ने उन्हें ग्रेटर नोएडा के सेक्टर-4 में अपने प्रोजेक्ट आस्थी ग्रीन्स मेंं फ्लैट बुक कराने के लिए सब्जबाग दिखाए।
उन्होंने इस प्रोजेक्ट में एक 1395 स्क्वायर फिट का एक फ्लैट बुक कराया जो 54 लाख 88 हजार 876 रू0 का था। उन्होंने नकद व चैक तथा बैंक लोन के माध्यम से बिल्डर को 48 लाख 90 हजार रू0 का भुगतान किया। इस फ्लैट का कब्जा उन्हें 28 जून 2020 तक दिया जाना था। लेकिन उन्हें आज तक फ्लैट का कब्जा नहीं मिला। जब उन्होंने बिल्डर अरूण कुमार से फ्लैट के बारे में बात की तो उसने उनके साथ गाली-गलौज की तथा धक्का देकर जमीन पर गिरा दिया। नीरजा का आरोप है कि बिल्डर ने फर्जी दस्तावेज तैयार करके उनके फ्लैट को मैसर्स महेश रियलटर्स प्रा0लि0 को बेच दिया है। पुलिस ने इस मामले में धारा 406, 420, 467, 468, 471, 504, 506 तथा 120बी आईपीसी के तहत एफआईआर दर्ज कर ली है। Greater Noida News
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