UP News : उत्तर प्रदेश में औद्योगिक विकास बहुत ही तेज गति से हो रहा है। उत्तर प्रदेश के औद्योगिक विकास को गति देने का काम उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण यानि कि यूपीसीडा कर रहा है। हाल ही में यूपीसीडा ने एक बड़ी योजना बनाई है। यूपीसीडा की इस योजना से उत्तर प्रदेश का बड़ा कायाकल्प होगा। यूपीसीडा से लखनऊ से कानपुर तक 85 गांवों की जमीन को एक शानदार औद्योगिक सेंटर के रूप में विकसित किया जाएगा।
क्या है यूपीसीडा की बड़ी योजना
उत्तर प्रदेश राज्य ओद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) के प्रवक्ता ने बड़ी योजना की जानकारी दी है। उत्तर प्रदेश के प्रवक्ता ने बताया कि माननीय मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी के कुशल नेतृत्व में उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) ने एक्स-लीडा (लखनऊ औद्योगिक विकास प्राधिकरण) क्षेत्र के औद्योगिक विकास को गति देने और प्रगति को सुनिश्चित करने के लिए पूर्व लीडा मास्टर प्लान 2041 का निर्माण किया है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य लखनऊ-कानपुर राष्ट्रीय राजमार्ग के 80 किलोमीटर के दायरे में औद्योगीकरण को बढ़ावा देकर इस क्षेत्र को एक प्रमुख आर्थिक गलियारे के रूप में विकसित करना है।
इस योजना के अंतर्गत लखनऊ जिले के 45 और उन्नाव जिले के 40 गांवों को अधिसूचित क्षेत्र के रूप में शामिल किया गया है, जो लगभग 300 वर्ग किलोमीटर में फैले हुए हैं। इस महत्वपूर्ण परियोजना के लिए स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर, नई दिल्ली को परामर्शदाता के रूप में नियुक्त किया गया है।
नेशनल हाईवे के साथ जोड़ा UP News
प्रवक्ता ने बताया कि पूर्व लीडा मास्टर प्लान 2041 में राज्य की प्रमुख परिवहन अवसंरचना परियोजनाओं जैसे कानपुर-लखनऊ एक्सप्रेसवे, गंगा एक्सप्रेसवे और लखनऊ रिंग रोड को मौजूदा एनएच-27 के साथ जोड़ा गया है। मास्टर प्लान में इन सभी परियोजनाओं को मल्टीमॉडल ट्रांजिट और लॉजिस्टिक्स हब के रूप में विकसित करने की योजना है, जो आपूर्ति श्रृंखला में विभिन्न परिवहन साधनों के बीच वस्तुओं के निर्बाध हस्तांतरण की सुविधा प्रदान करेंगे। मास्टर प्लान 2041 के तहत 5 ज़ोन बनाए गए हैं, जो वेयरहाउसिंग एग्लोमेरेशन, आवासीय विकास, और एक्सप्रेसवे तथा रिंग रोड जैसी आगामी अवसंरचनाओं पर आधारित हैं। इनमें लखनऊ- कानपुर हाईवे, लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेसवे, गंगा एक्सप्रेसवे, लखनऊ आउटर रिंग रोड और कानपुर रिंग रोड शामिल हैं, जो लखनऊ और कानपुर के बीच कनेक्टिविटी को बेहतर बनाकर पिछले लॉजिस्टिक मुद्दों का समाधान करेंगे।
मास्टर प्लान 2041 के प्रस्ताव पर विभिन्न राज्य सरकारी विभागों, जैसे यूपीईडा, यूपीडीआईसी, पंचायती राज कार्यालय, सीटीसीपी, राज्य पर्यटन विभाग, यूपीपीसीबी, लखनऊ विकास प्राधिकरण, कमिश्रर-लखनऊ, और उन्नाव-शुक्लागंज विकास प्राधिकरण के साथ विचार-विमर्श किया गया है। इन विभागों ने बेहतर औद्योगिक सुविधाओं, अवसंरचना विकास, और पर्यावरणीय संरक्षण की आवश्यकता पर जोर दिया है। इसके साथ ही, मौजूदा चमड़ा उद्योगों के प्रभाव, नवाबगंज बर्ड सेंचुरी को पर्यटन स्थल के रूप में शामिल करने, और सडक़ों की चोड़ाई पर पुनर्विचार जैसे मुद्दों को भी उठाया गया है। सार्वजनिक सुझाव और आपत्तियाँ भी आमंत्रित की गई हैं, जिससे यह योजना और अधिक पारदर्शी और समावेशी बन सके।
स्टेट सेंट्रल रीजन है कमाल की योजना UP News
उत्तर प्रदेश के प्रवक्ता ने बताया कि लखनऊ-एससीआर (स्टेट-सेंट्रल-रीजन) का विकास दिल्ली-एनसीआर जैसे प्रमुख शहरी केंद्रों का एक मजबूत विकल्प बनकर उभर रहा है। यह पहल न केवल निजी निवेश को आकर्षित करेगी, बल्कि आस-पास के भीतरी इलाकों में भी महत्वपूर्ण आर्थिक प्रभाव डालेगी। सरकारी अधिकारियों के अनुसार, “एससीआर में शामिल जिलों में रोजगार और स्वरोजगार के अवसर सृजित करके लखनऊ की भीड़भाड़ को कम किया जाएगा, जिससे बड़े शहरों की ओर युवाओं का प्रवास भी घटेगा।” इस पहल से क्षेत्र में परिवहन, लॉजिस्टिक्स और बुनियादी ढांचे को मजबूती मिलेगी, जिससे स्थानीय कृषि और पारंपरिक उद्योगों को भी बल मिलेगा।
लखनऊ और कानपुर को जोडऩे वाले हाई-स्पीड डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर का एकीकरण एससीआर के विकास के लिए मजबूत नींव रखेगा, और विस्तृत योजना लागू होने के बाद इस प्रगति को और भी गति मिलेगी। उत्तर प्रदेश को वेयरहाउसिंग और लॉजिस्टिक्स का हब बनाने की दिशा में यूपीसीडा ने एक्स- लीडा मास्टर प्लान 2041 तैयार किया है, जो न केवल सतत आर्थिक विकास को बढ़ावा देगा, बल्कि रोजगार के नए अवसर भी उत्पन्न करेगा। समावेशी विकास को प्रोत्साहित करते हुए प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने के लिए यूपीसीडा पूरी तरह से प्रतिबद्ध है, और उत्तर प्रदेश में औद्योगिक और आर्थिक विकास के लिए हरसंभव प्रयास कर रहा है। UP News
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