Thursday, 12 December 2024

अब यूरिन की जांच से कैंसर का पता चलेगा, मिलेगी राहत

Helth Update Cancer : अभी तक कैंसर का पता लगाने के लिए लोगों को एक जटिल प्रक्रिया से गुजरना पड़ता…

अब यूरिन की जांच से कैंसर का पता चलेगा, मिलेगी राहत

Helth Update Cancer : अभी तक कैंसर का पता लगाने के लिए लोगों को एक जटिल प्रक्रिया से गुजरना पड़ता था। शरीर से एक छोटे टुकड़े चमड़े को निकालकर वायप्सी करवाया जाता है। कहा जाता है कि वायप्सी के बाद कैंसर और तेजी से फैलने लगता है। अब वैज्ञानिकों ने एक नया तरीका विकसित किया है, जो कैंसर के शुरूआती लक्षणों का पता लगाने में मदद करेगा। लोगों के यूरिन की जांच करके आसानी से कैंसर का पता लगाया जा सकता है। इस तरह फेफड़ों के कैंसर की पहचान करना अब पहले से ज्यादा आसान और प्रभावी हो सकता है।

वैज्ञानिकों ने एक नया यूरिन टेस्ट विकसित किया
वैज्ञानिकों ने एक नया यूरिन टेस्ट विकसित किया है, जिसके द्वारा बिना वायप्सी के यूरिन टेस्ट के माध्यम से कैंसर के शुरूआती लक्षणों का पता लगाने में मदद मिलेगा। यूरिन से जांच की यह खोज मेडिकल साइंस में एक नई क्रांति ला सकती है। जिससे लोगों को वायप्सी से छुटकारा भी मिल जाएगा और उससे होने वाले कष्ट से भी निजात मिल जाएगा। कई विकसित देश अभी भी कैंसर का पता अंतिम स्टेज पर लगा पाते हैं। ऐसे देशों में इंग्लैंड जैसा देश भी शामिल है। हर साल ब्रिटेन में 43,000 नए मामले दर्ज होते हैं, लेकिन इनमें से केवल 10% मरीज ही इलाज के 10 साल बाद जीवित रह पाते हैं।

कैंसर के कई प्रकार का चल सकता है पता
काफी प्रयास के बाद कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने इस टेस्ट को विकसित किया है। उन्होंने बताया कि इस टेस्ट में यूरिन में ‘जॉम्बी सेल प्रोटीन’ की पहचान की जाती है। ये प्रोटीन फेफड़ों के कैंसर के शुरुआती लक्षणों की ओर इशारा करते हैं। चूहों पर इस टेस्ट को सफलतापूर्वक लागू किया जा चुका है। कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों का दावा है कि इस तकनीक से कैंसर के अन्य प्रकार, जैसे स्तन कैंसर, त्वचा कैंसर और अग्नाशय कैंसर का भी जल्दी ही पता लगाया जा सकेगा। जिसके कारण लोगों को इस रोग के बारे में जल्द और आसानी से जानकारी मिल सकेगी।

कैंसर के शुरुआती लक्षणों का पता चलेगा
इस टेस्ट के बारे मे बताते हुए वैज्ञानिक लिजलजाना फ्रुक का कहना है कि इस टेस्ट के माध्यम से कैंसर को प्रारंभिक अवस्था में पहचाना जा सकता है। क्योंकि कैंसर बनने से पहले शरीर के टिशू में बदलाव होता है। इनमें डैमेज सेल्स एक विशेष प्रकार के प्रोटीन को छोड़ती हैं, जिसे इस टेस्ट के माध्यम से जल्दी ही पहचाना जा सकता है। यानि कैंसर के पहले संकेत मिलने पर ही इस टेस्ट से पतात चलेगा और इसका इलाज तत्काल शुरू किया जा सकता है, जिससे मरीज के बचने की संभावना बढ़ जाएगी।

कैंसर की स्थिति
भारत में 2020 में फेफड़ों के कैंसर के 72,510 नए मामले सामने आए, जो कुल कैंसर मामलों का 5.9% है। इसी वर्ष इस बीमारी से 66,279 मौतें हुईं। वायु प्रदूषण और तंबाकू उपयोग भारत में इस बीमारी के प्रमुख कारण हैं। इंग्लैंड जैसा देश भी कैंसर से काफी प्रभावित है। हर साल ब्रिटेन में 43,000 नए मामले दर्ज होते हैं। अब इस यूरिन टेस्ट के माध्यम से काफी राहत मिलने की संभावना है। लोगों को आसानी से इस तरीके से समय पर इस रोग का पता चल सकेगा।

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