Tuesday, 29 April 2025

Tariff : ट्रम्प के टैरिफ से भारत के कारोबार पर क्या प्रभाव पड़ेगा?

Tariff : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प अपने दूसरे कार्यकाल की पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक नई टैरिफ योजना की घोषणा…

Tariff : ट्रम्प के टैरिफ से भारत के कारोबार पर क्या प्रभाव पड़ेगा?

Tariff : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प अपने दूसरे कार्यकाल की पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक नई टैरिफ योजना की घोषणा करने जा रहे हैं। 2 अप्रैल को लागू होने वाले इन टैरिफों से अमेरिका में आयात होने वाले उत्पादों पर अतिरिक्त शुल्क लगेगा। ट्रम्प प्रशासन का दावा है कि इस कदम से अमेरिकी बाजार को विदेशी वस्तुओं की निर्भरता से मुक्त किया जा सकेगा। हालांकि, इस नीति का व्यापक आर्थिक और कूटनीतिक प्रभाव हो सकता है।

पारस्परिक Tariff : क्या है इसकी वजह?

व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट के अनुसार, यह नई नीति उन “अनुचित व्यापार प्रथाओं” को रोकने के लिए लागू की जा रही है, जिनसे अमेरिका को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा है। उदाहरण के तौर पर, कनाडा अमेरिकी डेयरी उत्पादों पर 250% तक टैरिफ लगाता है। ट्रम्प प्रशासन का मानना है कि इस तरह की असमान नीतियों के खिलाफ अमेरिका को भी कड़े कदम उठाने चाहिए।

रिपब्लिकन नेताओं का तर्क है कि टैरिफ से अमेरिकी उद्योगों को विदेशी प्रतिस्पर्धा से बचाने, सरकारी राजस्व बढ़ाने और अन्य देशों से व्यापार में रियायतें लेने में मदद मिलेगी। हालांकि, कई अर्थशास्त्रियों ने आगाह किया है कि इन टैरिफों के चलते वैश्विक बाजार में अस्थिरता आ सकती है।

वैश्विक व्यापार पर असर

अमेरिका द्वारा लगाए गए पारस्परिक टैरिफ से दुनियाभर के उपभोक्ताओं और कंपनियों पर असर पड़ेगा।

  • उच्च कीमतें: आयातित वस्तुओं की लागत बढ़ने से उत्पादों की कीमतें बढ़ सकती हैं, जिससे उपभोक्ताओं पर आर्थिक दबाव पड़ेगा।
  • बाजार में अनिश्चितता: निवेशक और व्यापारी नए टैरिफों के प्रभाव को लेकर असमंजस में रहेंगे, जिससे बाजार में अस्थिरता आ सकती है।
  • व्यापार युद्ध की संभावना: अन्य देश भी अमेरिकी उत्पादों पर जवाबी टैरिफ लगा सकते हैं, जिससे वैश्विक व्यापार पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।

भारत पर संभावित प्रभाव

भारत अमेरिका को विभिन्न क्षेत्रों में निर्यात करता है, जिनमें औद्योगिक और कृषि उत्पाद शामिल हैं। इन टैरिफों का भारत पर निम्नलिखित प्रभाव पड़ सकता है:

  • फार्मास्युटिकल उद्योग: भारत के सबसे बड़े निर्यात क्षेत्रों में से एक, फार्मास्युटिकल सेक्टर, जिसकी कीमत 12.72 अरब डॉलर है, को 10.90% अतिरिक्त टैरिफ का सामना करना पड़ सकता है। इससे जेनेरिक और विशेष दवाओं की लागत बढ़ सकती है।
  • खनिज और पेट्रोलियम: 3.33 अरब डॉलर के खनिज और पेट्रोलियम उत्पादों पर कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लगाया जाएगा, क्योंकि अमेरिका पहले से ही इन पर उच्च टैरिफ लगाता है।
  • परिधान उद्योग: 4.93 अरब डॉलर के परिधानों पर टैरिफ प्रभाव नहीं पड़ेगा, क्योंकि अमेरिका में इन पर पहले ही उच्च शुल्क हैं।

कनाडा और मेक्सिको की प्रतिक्रिया

अमेरिका के करीबी व्यापारिक साझेदार कनाडा और मेक्सिको पहले ही इन टैरिफों के खिलाफ अपनी प्रतिक्रिया दे चुके हैं।

  • कनाडा: प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने कहा कि अमेरिका और कनाडा का पुराना व्यापारिक रिश्ता अब खत्म हो चुका है। कनाडा भी अमेरिका पर जवाबी टैरिफ लगाएगा, जिससे अमेरिकी बाजार पर असर पड़ सकता है।
  • मेक्सिको: राष्ट्रपति क्लाउडिया शिनबाम ने कहा कि मेक्सिको अमेरिका के नए टैरिफों का जवाब समान शुल्क लगाकर देगा। उनकी सरकार इस परिदृश्य के लिए पहले से ही एक योजना तैयार कर चुकी है।    Tariff :

 

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