Monday, 21 October 2024

Alt News: ऑल्ट न्यूज़ के जुबेर को सुप्रीम राहत ,उप्र  में दर्ज 6 FIR में अंतरिम जमानत 

Alt News : ऑल्ट न्यूज के को फाउंडर मोहम्मद जुबैर को सुप्रीम कोर्ट ने तत्काल रिहा करने का आदेश दिया…

Alt News: ऑल्ट न्यूज़ के जुबेर को सुप्रीम राहत ,उप्र  में दर्ज 6 FIR में अंतरिम जमानत 

Alt News : ऑल्ट न्यूज के को फाउंडर मोहम्मद जुबैर को सुप्रीम कोर्ट ने तत्काल रिहा करने का आदेश दिया है। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की बेंच ने जुबैर को उत्तर प्रदेश में दर्ज सभी 6 मामलों में अंतरिम जमानत दे दी है। साथ ही यह भी कहा कि उन पर दर्ज सभी FIR मर्ज करके उनकी एक साथ जांच की जाए। सभी FIR दिल्ली पुलिस को ट्रांसफर की जाएं।

कोर्ट ने यह भी कहा कि जुबैर पर आगे दर्ज होने वाली सभी FIR की जांच भी दिल्ली पुलिस ही करेगी। कोर्ट ने जुबैर से कहा कि अपने खिलाफ दर्ज FIR रद्द कराने के लिए वह दिल्ली हाईकोर्ट में जाएं। जुबैर को 20 हजार के निजी मुचलके पर जमानत दी गई है। उन्हें दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में बेल बॉन्ड भरना होगा। जस्टिस चंद्रचूड़ ने स्टाफ से कोर्ट ऑर्डर जल्द तैयार करने को कहा, ताकि वे घर जाने से पहले उस पर हस्ताक्षर कर सकें।

जमानत पर शर्तें लगाने की अर्जी खारिज
कोर्ट ने जुबैर की जमानत पर शर्तें लागू करने की मांग खारिज कर दी। जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा- हम एक पत्रकार को कैसे बता सकते हैं कि वे क्या लिखें? इससे पहले कोर्ट में UP पुलिस ने दावा किया कि जुबैर कोई पत्रकार नहीं हैं। वो सिर्फ एक फैक्ट चेकर हैं। जुबैर ऐसा ट्वीट पोस्ट करते हैं, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो। जो ट्वीट सबसे ज्यादा वायरल होता है, उसका पैसा अधिक मिलता है।

जुबैर पर कुल 7 FIR, इनमें से 6 UP में
जुबैर पर कुल 7 FIR दर्ज की गई हैं, जिनमें से 6 उत्तर प्रदेश में दर्ज हैं। वो दिल्ली, सीतापुर, हाथरस और लखीमपुर में दर्ज केस में कस्टडी में हैं। जुबैर 2018 के ट्वीट केस में बेल के लिए दिल्ली की अदालत पहुंचे थे, लेकिन धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के मामले में उत्तर प्रदेश की हाथरस कोर्ट ने 14 जुलाई को उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। इसके मुताबिक जुबैर को 27 जुलाई तक जेल में ही रहना था।

जुबैर को बेल मिलने से पहले कोर्ट में सुनवाई के दौरान क्या हुआ…

  • UP पुलिस का दावा- ट्वीट से 2 करोड़ कमाए: UP सरकार के वकील ने कहा कि जुबैर ने पूछताछ में कबूला कि ट्वीट करने के बदले उसे 2 करोड़ रुपए मिले हैं। मिसाल देते हुए उन्होंने कहा कि महिलाओं पर विवादित बयान देने वाले बजरंग मुनि पर पुलिस ने कार्रवाई भी की, लेकिन फिर भी इसने उसकी पोस्ट वायरल कराई।
  • एक केस में जमानत मिलते ही दूसरे केस में रिमांड: सुनवाई के दौरान जुबैर की ओर से पेश वकील वृंदा ग्रोवर ने कहा कि जुबैर अभी हाथरस में न्यायिक हिरासत में हैं। दिल्ली केस में हमें 15 जुलाई को बेल मिल चुकी है। अब कल हाथरस में सुनवाई होगी, फिर एक केस लखीमपुर में पेंडिंग है। ऐसा ही एक केस चंदौली में लगा हुआ है।
  • इस पोस्ट ने खड़ा किया था विवाद
    जुबैर ने फिल्म निर्माता ऋषिकेश मुखर्जी की फिल्म किसी से ना कहना का एक क्लिप शेयर किया था। इसमें एक होटल के बाहर बोर्ड नजर आ रहा है, जिस पर हिंदी में हनुमान होटल लिखा हुआ था। हालांकि उस बोर्ड पर पेंट के निशान से पता चलता है कि इसे पहले हनीमून होटल कहा जाता था और फिर हनीमून को बदलकर हनुमान कर दिया गया। जुबैर ने इस पोस्ट के कैप्शन में लिखा था बिफोर 2014 हनीमून होटल, आफ्टर 2014 हनुमान होटल।

    दिल्ली पुलिस ने पाकिस्तानी फंडिंग की बात कही थी
    दिल्ली पुलिस ने 2 जुलाई को पटियाला कोर्ट में जुबैर के खिलाफ गंभीर आरोप लगाया था। पुलिस ने कहा था कि जुबैर को पाकिस्तान और सीरिया जैसे देशों से फंडिंग हो रही थी। दिल्ली पुलिस के वकील ने इस दौरान कहा था कि आरोपी शातिर है और सबूत मिटाने में माहिर है।

    आरोपी ने मोबाइल से बहुत सारे सबूत मिटा दिए हैं, जिस वजह से जांच में दिक्कतें हो रही हैं। आरोपी प्रवदा मीडिया हाउस का डायरेक्टर भी है। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने जुबैर को 27 जून को अरेस्ट किया था। उन पर धार्मिक भावनाएं भड़काने समेत षड्यंत्र करने का आरोप है।

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