Sunday, 1 December 2024

Agricultural Tips : खेती और किसान: ऐसे तैयार करें गन्ने की नर्सरी

Agricultural Tips : किसानों को गन्ने की पौध बाजार की नर्सरी से मिल जाती है। लेकिन जब किसान खेती करता…

Agricultural Tips : खेती और किसान: ऐसे तैयार करें गन्ने की नर्सरी

Agricultural Tips : किसानों को गन्ने की पौध बाजार की नर्सरी से मिल जाती है। लेकिन जब किसान खेती करता है और खेत में बहुत सारी जगह गन्ने की पौध नहीं लग पाती है, उस जगह किसान खुद अपनी पहले लगाई गई नर्सरी के पौधे उन खाली स्थान में लगा सकता है। उस समय बाजार में लगभग पौध का स्टॉक खत्म हो जाता है और किसानों को नहीं मिल पाता है। इसलिए किसान को अपनी भूमि के अनुसार पहले से ही गन्ने की पौध तैयार कर रख लेनी चाहिए। किसान, बस कुछ सावधानियों के साथ और सीमित साधनों की मदद से घर पर ही आसानी से गन्ने की नर्सरी तैयार कर अपने खेतों से गन्ने की अच्छी फसल प्राप्त कर कम लागत में अच्छा उत्पादन ले सकते हैं। आइए जानते हैं गन्ने की नर्सरी अपने घर पर ही कैसे तैयार करें।

Agricultural Tips

किसान को अच्छी तरह से गन्ने की पौध तैयार करने के लिए इन साधनों की जरूरत होगी। इनमें गन्ना बड कटर, आंख वाली गन्ने की पेड़ी, शुगर केन के लिए प्लास्टिक गिलास या छोटे पॉलीथीन बैग और अच्छा ठंडा वातावरण वाला स्थान आदि शामिल हैं।

बड गन्ना बड कटर:

यह लोहे तथा लकड़ी से बना एक औजार होता है। यह गन्ने के आंख वाले भाग अलग करता है। इसे शुगर केन कटर मशीन / शुगरकेन बड चापर भी कहते हैं। गन्ने के बीज वाला भाग अलग किया जाता है। गन्ने का पौधा इसी भाग से अंकुरित / उपचारित होता है।

लाभ:

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.गन्ना किसान, तैयार फसल में से अच्छे गन्नों का चयन करते हैं और उसका डंठल काटकर उगाते हैं। कृषि वैज्ञानिकों ने इसे और आसान कर दिया है। दो वर्ष की मेहनत के बाद वह इस नतीजे पर पहुंचे हैं कि गन्ने के बिरवे/ पौध को सीधे बोया जाए, तो वह जल्दी फलेगा।

.इसमें फसल की सिंचाई का खर्च भी घट गया, जो बिरवे तैयार हुए वे भी काफी अच्छे थे। वैज्ञानिकों ने गन्ने की गांठ को चिप्स के आकार में काटा और फिर उसे कप में उगाया। 25 से 35 दिनों में तैयार बिरवे को फिर खेत में बो दिया।

.इस समय एक हेक्टेयर क्षेत्रफल उगाने के लिए करीब 80 क्विंटल गन्ने की जरूरत पड़ती है, जबकि नर्सरी में तैयार बिरवे से इतने बड़े खेत में सिर्फ दो क्विंटल गन्ने से बुआई संभव है।

.इससे गन्ने की बुआई की लागत 50 फीसदी घटी है। पौध लगाए गए खेत के अच्छे प्रबंधन से पौध जीवितता दर को 90 प्रतिशत तक बढ़ाया जा सकता है।

.अच्छे किस्म के गन्ने की प्रति बीघा में 1500 से 2000 पौध लग जाती है। एक एकड़ के लिए 500 से 750 तक के पौधे लगाकर रखने चाहिए।

प्लास्टिक का गिलास:

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किसान यदि कम स्तर पर गन्ने की पौध तैयार करता है तो 1000 से 1500 पौधे प्लास्टिक गिलास का उपयोग कर तैयार करता है। यदि किसान अधिक क्षेत्र में गन्ने की पौध तैयार करता है, तो इसके लिए खेत में गन्ने की बड़ी-बड़ी गन्ना क्यारी भी बना सकता है। प्लास्टिक गिलास बाजार में 25 से 30 रुपये में लगभग 100 के हिसाब से मिल जाता है।

गन्ने का बीज उपचार:

गन्ने की आंख लगाने से पहले उसको उपचारित भी कर सकते हैं। इसके लिए किसान कोई भी जैविक खाद तरीका या रासायनिक दवा का भी उपयोग कर सकते हैं। उपचारित विधि में कार्बेण्डाजिम/ मैंकोजेब का उपयोग कर सकते हैं। नर्सरी बनाने के लिए रोगरहित बीज गन्ना लिया जाता है। फिर एक आंख के बीज टुकड़े काटकर उन्हें 0.1 प्रतिशत कार्बेण्डाजिम के घोल में 1 मिनट तक डुबोकर क्यारियों में बिजाई कर लें। क्लोरपायरीफॉस या इमिडाक्लोप्रिड 1 मि.ली. प्रति लीटर पानी का घोल बनाकर नर्सरी की क्यारियों पर छिड़काव करें।

गन्ने की पौध की मृदा:

पौध तैयार करने के लिए मृदा की भी महत्वपूर्ण भूमिका रहती है। जिसके लिए गोबर की सड़ी हुई खाद और हल्की मृदा चाहिए। गोबर की सड़ी हुई खाद पानी को अच्छी तरह से अवशोषित कर लेती है और गन्ने की पौध निकलने में आसानी होती है। प्लास्टिक के गिलास में गोबर की सड़ी हुई खाद से गन्ना पौध की वृद्धि अच्छी होती है और जड़ें भी अच्छी फैलती हैं।

गन्ने की नर्सरी/पौध:

.नर्सरी लगाने से पूर्व पूर्ण योजना के अनुरूप गन्ने की पौध तैयार करनी चाहिए। इसमें सही बीजों का चयन कर पौधों की अच्छी देखरेख आदि शामिल हैं।
.गन्ना बड कटर से गन्ने की आंख को काटकर तैयार कर लें।
.प्लास्टिक गिलास में या खेत में गन्ना पौध बेड विधि उपचारित मृदा और गोबर की सड़ी हुई खाद मिलाकर तैयार कर लें।
.अब प्लास्टिक गिलास को आधा भाग उपचारित मृदा से भर दें।
.आधे भरे हुए भाग के ऊपर गन्ने की आंख वाला हिस्सा ऊपर की ओर रखकर बाकी भाग को भी भर दें।
.अब सभी प्लास्टिक गिलासों को छायादार स्थान पर रख दें और तापमान बनाए रखने के लिए पॉलीथीन से ढक दें।
.6 से 7 हफ्ते बाद पौध को खुरपी से निकालकर पूर्व से ही सिंचित खेत में लगा दिया जाता है। कुछ पौध को नर्सरी में ही छोड़ दें, जिससे बाद में रिक्त स्थानों की पूर्ति की जा सके।
.इस प्रकार से तैयार गन्ने के पौधे से 20 दिनों के अंतराल में पूर्ण रूप से उगकर दिखाई देने लग जाते हैं।
.पौध लगाने के लिए शाम का समय उपयुक्त रहता है।

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