Love Rashifal 2022 : इन राशि वालों की लव लाइफ हो सकती है शानदार

Love rashifal
locationभारत
userचेतना मंच
calendar28 Nov 2025 01:32 AM
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 वर्ष 2021 ​अब समाप्ति की ओर है और धीरे धीरे इस साल के दिन कम होते जा रहे हैं, वहीं नया साल यानि 2022 भी दस्तक देने को तैयार है। ऐसे में हम वर्ष 2022 को लेकर सभी राशि (Rashi) वालों का हाल बता रहे हैं। आज इस लेख में हम बात करेंगे लव राशिफल (Love Rashifal) की यानि कि 2022 में किन राशि वालों की लव लाइफ (Love Life) में कुछ खास होने वाला है। आइए जानते हैं...

मेष राशि आपकी लव लाइफ के लिए नया साल शानदार साबित हो सकता है। पार्टनर के साथ संबंध मजबूत होंगे। अगर आप सिंगल है तो आपको अपना संगी मिल सकता है। प्रोफेशन लाइफ को बेहतर बनाने में आपको अपने लवमेट का पूरा साथ मिलेगा। शादीशुदा जातकों के बीच का रिश्ता भी और मजबूत होगा। किसी तरह का कोई तनाव नहीं रहेगा। जो जातक शादी करनी की सोच रहे हैं नये साल में उनकी शादी हो सकती है।

धनु राशि प्रेम जीवन के लिए ये साल अच्छा दिखाई दे रहा है। लड़ाई झगड़े होंगे तो जरूर लेकिन आप जल्दी उनका निपटारा भी कर लेंगे। जो जातक लव रिलेशन में हैं वो अपने पार्टनर से शादी की बात कर सकते हैं। आप अपने प्रेमी को खुश रखनी की हर संभव कोशिश करेंगे। विवाहित जातकों के लिए भी समय अच्छा है। जिन जातकों की शादी की बात चल रही है उन्हें अच्छा पार्टनर मिल सकता है।

मकर राशि मकर राशि वालों की लव लाइफ के लिए भी ये साल शानदार है। जो जातक अभी लव रिलेशन में नहीं हैं उनके जीवन में कोई खास आ सकता है। इस साल इस राशि के विवाह योग्य कई जातक शादी के बंधन में बंध सकते हैं। प्रेम में पड़े जातकों के लिए 2022 में मई से जुलाई तक का समय अति शुभ फलदायक है। प्रेमी से शादी करने सोच सकते हैं। प्रेमी जातकों के बीच प्रेम और समर्पण बना रहेगा। लंबे समय से यदि आप किसी रिश्ते में हैं तो इस साल आप अपने परिवार वालों से अपने संगी को मिला सकते हैं।

कुंभ राशि इस साल आप अपनी लव लाइफ को बेहतर बनाने के लिए अधिक प्रयास करेंगे। धीरे-धीरे आपके प्रेम रिश्ते में और भी अधिक मजबूती आने लगेगी। प्रेमी के साथ विवाह के बंधन में बंध सकते हैं। शादीशुदा जातकों के लिए भी ये साल अच्छा रहेगा। रिश्ते में मजबूती आएगी। इस राशि के लोगों को जरूरी कार्यों में लवमेट का पूरा साथ मिलेगा।

यशराज कनिया कुमार, वैदिक एवं अंक ज्योतिषी

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धर्म - अध्यात्म : अकर्मण्यता - एक विकार!

Spritual 1
locationभारत
userचेतना मंच
calendar28 Nov 2025 03:05 AM
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 विनय संकोची

'अकर्मण्य' संस्कृत का शब्द है, जो आलसी, सुस्त, बेकाम या फिर निकम्मे के अर्थ में प्रयुक्त किया जाता है। आलसी एक विकट रोग से ग्रस्त रहता है, जिसे प्रमाद नाम से जाना पहचाना जाता है। प्रमाद बुनियादी रूप से एक भावनात्मक रोग है, जो व्यक्ति की शारीरिक, मानसिक क्षमताओं के साथ उसकी आध्यात्मिक भावनाओं को भी भयंकर रूप से प्रभावित कर, उसको छोटे-छोटे कार्यों को करने में भी असमर्थ बना देता है। प्रमाद ग्रस्त व्यक्ति की क्षमताएं धीरे-धीरे कम होते-होते समाप्त प्राय: हो जाती हैं। प्रमादी का, अकर्मण्य का मनोबल टूट जाता है और स्वाभिमान डिग जाता है।

अकर्मण्यता एक दोष है, एक विकार है जिसका कुप्रभाव व्यक्ति के जीवन को नारकीय बना देता है। दोष की स्वतंत्र सत्ता नहीं है, गुणों के अभाव अथवा कमी का नाम ही दोष है। आलस्य आगंतुक है, जो आता है और मन पर कब्जा जमाकर बैठ जाता है। सक्रियता का अभाव ही तो आलस्य है, जो एक दोष है। जो लोग इस दोष में सुख देखते हैं, आलसी हो जाते हैं, अकर्मण्य कहलाते हैं।

प्रमादी व्यक्ति की सोच भी अकर्मण्य हो जाती है। आलसी व्यक्ति के विचार भी आलसी हो जाते हैं और यही कारण है कि सब आगे निकल जाते हैं और आलसी पिछड़ जाते हैं। अकर्मण्य व्यक्ति में सकारात्मक सोच-विचार का अभाव रहने लगता है, जिसके कारण उसके जीवन में नकारात्मकता पांव पसार लेती है। इस परिवर्तन के प्रभाव से एक तो व्यक्ति कुंठा ग्रस्त हो जाता है और दूसरे कहीं-न-कहीं तो स्वप्नजीवी भी हो जाता है। वह सपने तो देखता है लेकिन अकर्मण्यता सपनों को साकार करने का मनोबल उससे छीन लेती है। नकारात्मक भावनाओं के लिए आलस्य उत्प्रेरक का कार्य करता है, जिससे व्यक्ति की रगों में रक्त के साथ नकारात्मकता प्रवाहित होकर उसे पंगु बना देती है।

अकर्मण्य व्यक्ति अवसाद और आशंकाओं से पीड़ित रहता है। उसकी क्रियाशीलता में आए दिन कमी आती रहती है। एक दिन ऐसा भी आता है जब वह अपनी छोटी से छोटी जरूरतों को पूरा करने के लिए दूसरों का मुंह ताकने लगता है, दूसरों का मोहताज हो जाता है। आलसी व्यक्ति गैरों को छोड़ो, अपनों की भी ऐसी-ऐसी बातें सुनने को विवश हो जाता है, जिन्हें कोई स्वाभिमानी व्यक्ति सुनना तो दूर, सुनने की कल्पना भी नहीं कर सकता है।

आलस्य पीड़ित का मस्तिष्क अनुकूल निर्णय लेने की स्थिति में नहीं रहता है। स्वस्थ विचार आलस्य विकार के कारण उसके मस्तिष्क में ठहर ही नहीं पाते हैं, जिसका परिणाम यह होता है कि या तो वह प्रतिकूल निर्णय लेता है या फिर अनिर्णय की स्थिति से बाहर ही नहीं निकल पाता है। छोटे से छोटे निर्णय लेने में भी आलसी को परामर्श की आवश्यकता महसूस होती है।

अकर्मण्यता व्यक्ति के मानसिक शारीरिक और आर्थिक विकास में खलनायक की भूमिका निभाने के साथ आलसी को सामाजिक सांसारिक स्तर पर भी ऐसी जगह लाकर खड़ा कर देती है, जहां उसे अपमान का सामना करना पड़ता है। ताने-उलाहने सुनना और सहना आलसी व्यक्ति के जीवन का अभिन्न अंग बन जाते हैं। आलस भी अपराजेय नहीं है, उसे भी पराजित किया जा सकता है, करना ही चाहिए। जीवन में प्रत्येक क्षेत्र में शिखर की ओर अग्रसर होना है तो आलस्य को हराना ही होगा।

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Dharam Karma : वेद वाणी

Rigveda 1
locationभारत
userचेतना मंच
calendar26 Nov 2025 12:21 PM
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Sanskrit : ये ते शुक्रासः शुचयः शुचिष्मः क्षां वपन्ति विषितासो अश्वाः। अध भ्रमस्त उर्विया वि भाति यातयमानो अधि सानु पृश्नेः॥ ऋग्वेद ६-६-४॥

Hindi : परमेश्वर के ज्ञान की ज्वालायें शरीर रूपी पृथ्वी से दुर्गुणों को समाप्त करती हैं। ये ज्वालायें इंद्रियां रूपी घोड़ों को विषय वासनाओं से शीघ्रता से दूर करती है। ये ज्वालायें हमें ज्ञान के शिखर पर ले जाती है। (ऋग्वेद ६-६-४) #vedgsawana

English : The flames of the knowledge of the Supreme Lord remove the bad qualities from our earth (our bodies).These flames swiftly remove the lust from the horses of the Indriyan. These flames take us to the pinnacle of knowledge. (Rig Veda 6-6-4) #vedgsawana