Saturday, 19 April 2025

Bihar : वक्फ विधेयक पर जेडीयू का समर्थन बना नीतीश कुमार के लिए मुसीबत

Bihar : आगामी बिहार विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल (यूनाइटेड) एक बड़े सियासी संकट…

Bihar : वक्फ विधेयक पर जेडीयू का समर्थन बना नीतीश कुमार के लिए मुसीबत

Bihar : आगामी बिहार विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल (यूनाइटेड) एक बड़े सियासी संकट से जूझ रही है। वक्फ संशोधन विधेयक पर पार्टी द्वारा संसद में समर्थन दिए जाने के बाद पार्टी में असंतोष की लहर दौड़ गई है। पहले पांच प्रमुख मुस्लिम नेताओं ने इस्तीफा दिया, और अब औरंगाबाद में जेडीयू के 20 से अधिक मुस्लिम पदाधिकारियों ने सामूहिक रूप से पार्टी से नाता तोड़ लिया है।

जेडीयू को लग सकता है चुनावी झटका

नीतीश कुमार के नेतृत्व में जेडीयू ने संसद में केंद्र सरकार द्वारा लाए गए वक्फ संशोधन विधेयक का समर्थन किया, जिसे मुस्लिम समुदाय के बड़े हिस्से ने ‘काला कानून’ करार दिया है। अब जब विधानसभा चुनावों में कुछ ही महीने बाकी हैं, ऐसे में पार्टी से हो रहे इस्तीफों का सिलसिला जेडीयू के लिए एक बड़ा राजनीतिक संकट पैदा कर सकता है।

कौन-कौन नेता हुए अलग?

जेडीयू छोड़ने वाले प्रमुख नेताओं में नदीम अख्तर, राजू नैय्यर, तबरेज सिद्दीकी अलीग, मोहम्मद शाहनवाज मलिक और मोहम्मद कासिम अंसारी शामिल हैं। इन सभी नेताओं ने अपने त्यागपत्र में वक्फ विधेयक पर पार्टी की भूमिका को मुस्लिम समुदाय के साथ विश्वासघात बताया है।

राजू नैय्यर ने अपने इस्तीफे में लिखा कि वह जेडीयू द्वारा वक्फ विधेयक के समर्थन से “गहरे आहत” हैं। उन्होंने इसे एक ऐसा कदम बताया, जो देश के मुस्लिम समाज के अधिकारों पर सीधा प्रहार है।

धर्मनिरपेक्ष छवि पर उठे सवाल

तबरेज सिद्दीकी अलीग ने नीतीश कुमार को भेजे पत्र में लिखा, “हमें उम्मीद थी कि आप अपनी धर्मनिरपेक्ष छवि को कायम रखेंगे, लेकिन आपने उन ताकतों का समर्थन किया जो लगातार मुस्लिम समाज के खिलाफ नीतियाँ बना रही हैं।” उन्होंने यह भी कहा कि इस विधेयक के समर्थन से पार्टी ने उन मुस्लिम मतदाताओं का भरोसा तोड़ा है, जो जेडीयू को एक धर्मनिरपेक्ष विकल्प मानते थे।  Bihar

औरंगाबाद में सामूहिक विरोध

शनिवार को औरंगाबाद में जेडीयू के श्रम एवं तकनीकी प्रकोष्ठ के जिला अध्यक्ष अफरीदी रहमान ने अपने 20 से अधिक समर्थकों के साथ पार्टी से सामूहिक रूप से इस्तीफा दिया। इस दौरान उन्होंने पार्टी कार्यालय से नेम प्लेट हटाई और विरोध स्वरूप नारेबाजी भी की – “नीतीश कुमार मुर्दाबाद”, “वक्फ संशोधन वापस लो” जैसे नारे गूंजे।

विधेयक अब राष्ट्रपति की मुहर के इंतजार में

वक्फ (संशोधन) विधेयक को दोनों सदनों से पारित किया जा चुका है। लोकसभा में इसे बहुमत से पारित किया गया और राज्यसभा में 128 सांसदों ने इसके पक्ष में मतदान किया जबकि 95 ने इसका विरोध किया। अब यह विधेयक राष्ट्रपति की स्वीकृति के बाद कानून का रूप ले लेगा।

इस विधेयक को लेकर नरेंद्र मोदी सरकार का दावा है कि इससे वक्फ संपत्तियों की पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित होगी। वहीं विपक्ष और मुस्लिम संगठनों ने इसे असंवैधानिक और धार्मिक स्वतंत्रता पर खतरा बताया है।    Bihar :

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