Farooq Sheikh : सादगी और सहजता से बनी पहचान आज भी cult movie है ,चश्मे बद्दूर।

FAROOQ
Farooq Sheikh
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calendar30 Nov 2025 06:17 PM
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Farooq Sheikh की 75वीँ जयंती

 आज भी क्लासिक फ़िल्म चश्मे बद्दूर के मुरीद हैं दर्शक।

Farooq Sheikh : दीप्ति नवल, राकेश बेदी और रवि बासवानी के अभिनय से सजी 1981 की फ़िल्म चश्मे बद्दूर आज भी लोगों को एक बेहतर romcom (रोमांटिक और कॉमेडी) की याद दिलाती है। हालांकि आजकल की फिल्मों में दर्शकों के लिए इस जॉनर की कमी देखी जाती है और जो फ़िल्में romcom का टैग लेकर बनती भी हैं तो उनमें चश्मे बद्दूर जैसा सादगी भरा अभिनय और लम्बे समय तक दर्शकों को याद रहने वाला प्यार मौजूद नहीं रहता। Farooq Sheikh हाल ही लव रंजन के द्वारा निर्मित "तु झूठी मैं मक्कार" को देखने के बाद कई फ़िल्म विश्लेषकों का कहना है कि दीप्ति नवल और फारूक शेख की ऑनस्क्रीन जोड़ी के रूप में जो रोमांस और कॉमेडी दर्शायी गयी थी वो आज की फिल्मों को अब भी मात देती है।

दिल से सराही गयी दीप्ति नवल और Farooq Sheikh की जोड़ी

साईं पराँजपे के निर्देशन में बनी चश्मे बद्दूर एक कॉलेज ग्रेजुएट सिद्धार्थ ( Farooq Sheikh) और उसके दो रूम मेट्स ओमी (राकेश बेदी) और जोमो (रवि बसवानी) की कहानी है। सिद्धार्थ अपने रूम मेट्स के विपरीत ज्यादातर समय किताबों में ही ताल्लीन रहता है। वहीं नेहा 'मिस चमको' (दीप्ति) के सिद्धार्थ की जिंदगी में आने से एक बड़ा बदलाव देखने को मिलता है। मिस चमको एक डिटेर्जेंट के प्रचार के लिए सिद्धार्थ के घर पर दस्तक देती है और वहाँ उनकी पहली मुलाक़ात होती है जो उस समय के दर्शकों को आज भी याद है। हर आम इंसान की तरह सिद्धार्थ उन्हें बहाना बनाते हुए टालने के बारे में सोचता है लेकिन सिर्फ एक डेमो के लिए पांच मिनट रुकने को बोलती मिस चमको यहाँ सिद्धार्थ के बारे में और सिद्धार्थ को अपने बारे में जानने की आजादी देती है।

Farooq Sheikh : काल्पनिक नहीं, आस पास की कहानी लगती है

सबसे ज्यादा आकर्षित करने वाली बात इस फ़िल्म में यह है कि Farooq Sheikh और दीप्ति की यह जोड़ी बिल्कुल भी काल्पनिक नहीं लगती है और जिस तरह से वे बॉलीवुड के क्लासी और फैंसी रोमांस का मजाक उड़ाते हैं वह फ़िल्म को और भी हस्यास्पद बनाता है।

Farooq Sheikh : आज भी पैसा वसूल है चश्मे बद्दूर

इस फ़िल्म में केवल नायक और नायिका के पात्र ही नहीं बल्कि स्क्रिप्ट और सह-कलाकार भी प्रशंसा के योग्य है। फिल्म दिल्ली मे फिल्माई गई थी जो दर्शको के लिए नई ताज़गी ले कर आई थी । फिल्म का संगीत भी अब तक सुनने वालो की पसंद बना हुआ है।

2013 में डेविड धवन ने बनाई चश्मे बद्दूर की रीमेक

2013 में डेविड धवन ने चश्मे बद्दूर नाम से इस फिल्म का रीमेक बनाया था लेकिन उसे दर्शकों ने कुछ खास पसंद नहीं किया क्योंकि जब ओरिजिनल इतनी बेहतरीन हो तो रीमेक को कौन देखेगा। तापसी पन्नू और सिद्धार्थ को लीड रोल में रखकर बनाई गई इस फिल्म में नए जमाने के लटके झटके थे जो पुरानी चश्मे बद्दूर की सादगी और ताज़गी के आगे कहीं नहीं ठहरती। आज भी पैसा वसूल है चश्मे बद्दूर।

Bheed movie review : कोविड और लॉकडाउन की कड़वी यादों को ताज़ा करती है फ़िल्म

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Bheed movie review : कोविड और लॉकडाउन की कड़वी यादों को ताज़ा करती है फ़िल्म

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Film shows the caste discrimination during covid
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calendar24 Mar 2023 07:39 PM
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Bheed movie review : कोरोना जैसी महामारी के दौरान लगे लॉकडाउन ने पूरे देश की जड़ों को हिला कर रख दिया था और इस दौरान घटित हुई कई छोटी एवं बड़ी घटनायें आज भी लोगों के जेहन में ताज़ा हैं। ऐसी ही कई सारी कहानियों को एक फ़िल्म (Bheed movie review) के जरिये पर्दे पर दिखाने का काम किया है निर्देशक अनुभव सिन्हा ने। ब्लैक एंड व्हाइट फॉर्मेट में बनी इस फ़िल्म (Bheed ) की कहानी लॉकडाउन के समय सामने उभर कर आयी सामाजिक असमानताओं को दर्शाती है।

Bheed movie review

चौकीदार, एक माँ -बेटी और तब्लीगी जमात की कहानी आदि को एक सूत्र में पिरोते हुए फ़िल्म के जरिये समाज में फैले जातिवाद के तंत्र को दर्शाया गया है। किन्तु इस तरह के जातिगत सामाजिक मुद्दों को पहले भी अन्य फ़िल्में दिखा चुकी हैं तो इस फ़िल्म में आप नया क्या देख सकते हैं? वैसे तो एक समय के बाद फ़िल्म में दोहराव का अनुभव होने लगता है लेकिन कोरोना के समय घटित हुई कई कहानियाँ फ़िल्म के नयेपन को बरकरार रखने की पूरी कोशिश करती हैं। ऐसी कहानियां जिन तक न तो पत्रकार पहुँच सके और न ही मदद करने के लिए कोई शख्स...

ब्लैक एंड व्हाइट में दिखी जीवन की कई रंगीन कहानियां

वैसे तो पूरी फ़िल्म ब्लैक एंड व्हाइट फॉर्मेट में लोगों को दर्शायी गयी है और इसके पीछे का कारण निर्देशक के द्वारा यह बताया गया कि यह फ़िल्म (Bheed movie review) कोरोनाकाल में हुए जातिगत बंटवारे को दिखाती है इसलिए फ़िल्म को रंगीन पर्दे पर नहीं दिखाया गया है। लेकिन फ़िल्म की कहानी में कई ऐसे मोड़ आते हैं जब जाति और धर्म से ऊपर उठ कर लोग एक दूसरे की मदद करते हैं। यह मानवता का भाव इस ब्लैक एंड व्हाइट फ़िल्म में कई रंगीन भावों को जोड़ देता है।

सशक्त अभिनय का श्रेष्ठ उदाहरण है Bheed

फ़िल्म के लिए जिन किरदारों को चुना गया है अक्सर उन्हें उनकी श्रेष्ठ एक्टिंग स्किल के कारण जाना जाता है। राजकुमार राव , भूमि पेडनेकर , पंकज कपूर , दीया मिर्जा , आशुतोष राणा , वीरेंद्र सक्सेना , आदित्य श्रीवास्तव और कृतिका कामरा आदि अपने किरदारों में पूरी तरह से डूबे हुए नज़र आते हैं। जो इस फ़िल्म को एक बार देखने योग्य बनाते हैं।

Emraan Hashmi Birthday Special- कैसे बन गए इमरान हाशमी चॉकलेटी ब्वॉय से बॉलीवुड के सीरियल किसर

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Emraan Hashmi Birthday Special- कैसे बन गए इमरान हाशमी चॉकलेटी ब्वॉय से बॉलीवुड के सीरियल किसर

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calendar30 Nov 2025 12:08 PM
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Emraan Hashmi Birthday Special- बॉलीवुड के बेहतरीन एक्टर्स में शुमार इमरान हाशमी का आज जन्मदिन है। इनका जन्म 24 मार्च, 1979 में मुंबई में एक मुस्लिम परिवार में हुआ था। इमरान के पिता का नाम सैय्यद अनवर हाशमी है, वैसे तो ये बिजनेसमैन हैं लेकिन 1968 में आई फ़िल्म 'बहारों की मंजिल' में इन्होंने भी अभिनय किया था। इमरान की मां का नाम माहेरा हाशमी था। अगर बात करें इनकी स्कूलिंग की तो इनकी स्कूली पढ़ाई जमुनाबाई नर्सरी स्कूल से हुई। जमुनाबाई के बाद इमरान ने मुंबई विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन किया।

ऐसे बन गए ये बॉलीवुड के किसिंग बॉय-

इमरान हाशमी बहुत ही शानदार एक्टर हैं और इनके अभिनय की हर कोई तारीफ करता है। भले ही इनकी मूवीज बच्चों के सामने देखने लायक नहीं होती हैं लेकिन फिर भी दमदार एक्टिंग के लिए इन्हें जाना जाता है। इन्होंने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत 2003 में आई फ़िल्म 'फुटपाथ' से की थी। इसके बाद इन्हें मल्लिका शेरावत के साथ 'मर्डर' फ़िल्म में काम करने का मौका मिला। मर्डर में इन्होंने इतना शानदार अभिनय किया कि फिर तो ये हर एक के दिल में छा गए। इसी फ़िल्म के बाद इन्हें 'किसिंग बॉय' के नाम से जाना जाने लगा। इन्होंने 'कलयुग’, ‘गैंगस्टर’, ‘आवारापन’, ‘जन्नत’, ‘राज़: द मिस्ट्री कंटीन्यूज’, ‘वन्स अपॉन ए टाइम इन मुंबई’, ‘द डर्टी पिक्चर’, ‘मर्डर 2’, ‘शंघाई’, ‘जन्नत 2’, ‘राज 3’ और ‘एक थी डायन' जैसी फिल्मों में अपनी दमदार एक्टिंग का परिचय दिया है। रील लाइफ में इतना करैक्टर जो भी हो, रियल लाइफ में इनका करैक्टर बिल्कुल बेदाग है। कभी किसी अभिनेत्री के साथ इनका नाम आज तक नहीं जुड़ा है।

Emraan Hashmi Birthday Special-

सहायक निर्देशक के रूप में किया काम-

फिल्मी दुनिया में कदम रखने से पहले इमरान हाशमी (Emraan Hashmi) ने फ़िल्म 'राज' में एक सहायक निर्देशक के रूप में काम किया है। इन्होंने साढ़े 6 साल तक परवीन शाहनी को डेट किया और उसके बाद 2006 में इमरान और परवीन शादी के बंधन में बंध गए। 2010 में इन्होंने एक बेटे को जन्म दिया, इनके बेटे का नाम अयान हाशमी है। 2014 में अयान के फर्स्ट स्टेज कैंसर के बारे में पता चला, फिर इनका ट्रीटमेंट कराया गया और 2019 में अयान ने कैंसर को मात देकर जिंदगी की जंग जीत ली।

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