International News : अब दुबई जा सकते हैं गोटबाया, पूर्व राष्ट्रपति का सिंगापुर में हो रहा विरोध

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userचेतना मंच
calendar16 Jul 2022 06:11 PM
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International News : देश छोड़कर सिंगापुर भागे श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे का जबरदस्त विरोध हो रहा है। इसलिए अब वह नए ठिकाने की तलाश में हैं। संभावना जाताई जा रही है कि वह दुबई जा सकते हैं। दरअसल, सिंगापुर में रह रहे श्रीलंकाई नागरिक गोटबाया का विरोध कर रहे हैं और उन्हें वापस श्रीलंका भेजने की मांग कर रहे हैं। हालांकि, सिंगापुर सरकार ने विरोध-प्रदर्शन पर पाबंदी लगा दी है। इस बीच, रानिल विक्रमसिंघे ने कार्यवाहक राष्ट्रपति की जिम्मेदारी संभाल ली है। दूसरी ओर, श्रीलंका में उग्र भीड़ को नियंत्रित करने में सेना के 24 जवान घायल हो गए, जिसमें 2 की स्थिति गंभीर बनी हुई है। इस बात की जानकारी कार्यवाहक राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने दी है। वहीं, विक्रमसिंघे ने राष्ट्रपति का परिचय कराने के लिए ‘महामहिम’ शब्द का इस्तेमाल आधिकारिक तौर पर बैन कर दिया है। श्रीलंका में 44 साल बाद सीक्रेट वोटिंग के जरिए राष्ट्रपति चुना जाएगा। स्पीकर महिंदा यापा अभयवर्धने ने कहा कि 225 सदस्यीय संसद में 20 जुलाई को राष्ट्रपति का चुनाव होगा। गौरतलब है कि 1978 के बाद पहली बार देश में जनादेश के माध्यम से नहीं, बल्कि राष्ट्रपति का चुनाव सांसदों के सीक्रेट वोट के माध्यम से होगा। आर्थिक संकट से गुजर रहे हालात को देखते हुए और जनविद्रोह को राकने के लिए यह निर्णय लिया गया है। कार्यवाहक राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने सांसदों को खुलकर अपने विचार रखने की अपील की है। उन्होंने कहा कि सांसदों के लिए ऐसा माहौल बनाया जाना चाहिए ताकि वे खुलकर अपनी बात रखें। हम संसद में किसी भी हालत में लोकतंत्र को खत्म करने की अनुमति नहीं देंगे। गंभीर आर्थिक और राजनीतिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका को सात दिन के अंदर नया राष्ट्रपति मिल जाएगा। संसद के स्पीकर महिंदा यापा अभयवर्धने ने इस बात की घोषणा की। उन्होंने बताया कि 14 जुलाई को गोटबाया राजपक्षे ने कानूनी तौर पर राष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया। राष्ट्रपति चुनाव 22 जुलाई को होगा। इस बीच, प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने कार्यकारी राष्ट्रपति के तौर पर पद संभाल लिया। श्रीलंका के चीफ जस्टिस जयंत जयसूर्या ने उन्हें शपथ दिलाई। वे 22 जुलाई तक राष्ट्रपति रहेंगे। अभयवर्धने ने जनता से अपील की है कि वे सांसदों के लिए शांतिपूर्ण माहौल बनाए रखें, ताकि वे राष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया में भाग ले सकें। इधर, श्रीलंका की शीर्ष अदालत ने पूर्व पीएम महिंद्रा राजपक्षे और पूर्व फाइनेंस मिनिस्टर बासिल राजपक्षे के देश छोड़ने पर रोक लगा दी। ये दोनों 28 जुलाई तक अदालत की अनुमति के बिना देश से बाहर नहीं जा सकते। इनके साथ ही सेंट्रल बैंक के 2 पूर्व गवर्नर्स के भी बिना अनुमति देश छोड़ने पर रोक लगा दी गई।
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International News: यूएस प्रसिडेंट जो बाइडेन ने पत्रकार खगोशी की हत्या के लिए प्रिंस जमाल को जिम्मेदार बताया

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locationभारत
userचेतना मंच
calendar16 Jul 2022 06:07 PM
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International News: अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन (US President Joe Biden) ने सऊदी अरब के दौरे के दौरान वर्ष-2018 में हुई पत्रकार जमाल खगोशी की हत्या का मामला उठाकर सभी को सकते में डाल दिया। उन्होंने क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान से मुलाकात की। इस दौरान बाइडेन ने 2018 में हुई पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या का मामला उठाया। उनका मानना है कि खशोगी की हत्या के लिए क्राउन प्रिंस जमाल जिम्मेदार हैं। बाइडेन ने कहा कि मैंने बैठक में जमाल खशोगी की हत्या का मुद्दा उठाया। मैं इसके बारे में क्या सोचता हूं इस पर चर्चा करना जरूरी था। मैंने क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान से कहा कि खशोगी की हत्या के लिए आप जिम्मेदार हैं। इस पर क्राउन प्रिंस ने कहा, मैं व्यक्तिगत रूप से पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या के लिए जिम्मेदार नहीं हूं। हम उन लोगों पर कार्रवाई कर रहे हैं, जो इस हत्या के पीछे हैं। पिछले साल अमेरिका की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि वॉशिंगटन पोस्ट के सऊदी पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या की योजना को सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने मंजूरी दी थी। रिपोर्ट में यह भी बताया कहा गया कि क्राउन प्रिंस खशोगी को सऊदी अरब के लिए खतरा मानते थे। ट्रम्प जब सत्ता में थे तो उनके सऊदी प्रिंस से करीबी रिश्ते रहे और यही वजह है कि उस दौरान खशोगी की हत्या से जुड़ी अमेरिकी इंटेलिजेंस की रिपोर्ट जारी नहीं की गई। बाइडेन राष्ट्रपति बने और मानवाधिकारों पर उनका रुख हमेशा से सख्त रहा है। फिर रिपोर्ट जारी की गई। इस इंटेलिजेंस रिपोर्ट में सीधे तौर पर खशोगी की हत्या के लिए प्रिंस सलमान का नाम लिया गया था। तुर्की में इस्तांबुल स्थित संयुक्त अरब अमीरात के वाणिज्य दूतावास में 2 अक्टूबर 2018 को वॉशिंगटन पोस्ट के पत्रकार जमाल खगोशी की हत्या कर दी गई थी। इसमें वली अहद शहजादा मोहम्मद बिन सलमान की भूमिका को लेकर भी सवाल उठे थे। अगर प्रिंस सलमान को बाइडेन एडमिनिस्ट्रेशन खगोशी की हत्या के मामले में आरोपी करार देता है तो यह तय है कि मिडल ईस्ट के सबसे ताकतवर और अमीर देश के रिश्ते अमेरिका से खराब हो जाएंगे। मिडल-ईस्ट में सऊदी अरब के बिना अमेरिका आगे नहीं बढ़ सकता। वहां उसके अनगिनत हित और मिलिट्री बेस भी हैं।
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Professional Cuddler- ये शख्स लोगों को गले लगाकर दूर करता है स्ट्रेस, एक घंटे का चार्ज करता है इतने रुपए

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userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 11:09 PM
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Professional Cuddler- अगर आप सबने संजय दत्त की फिल्म मुन्ना भाई एमबीबीएस देखी होगी तो आपको 'जादू की झप्पी' जरूर याद होगी। फिल्म में अक्सर संजय दत्त परेशान लोगों को जादू की झप्पी देते नजर आते थे।क्या आप जानते हैं, जादू की झप्पी यानी किसी को प्यार से गले लगाना, इमोशनली किसी को बहुत बड़ा सपोर्ट देना होता है। जो लोग बेहद परेशान हो या बेहद चिंतित हो उनके स्ट्रेस लेवल को कम करने में जादू की झप्पी बहुत ही मददगार साबित होती है। अगर हम अपनी निजी जिंदगी की बात करें तो खुशी के मौके पर या गम के मौके पर अपने इमोशन का इजहार करने के लिए हम एक दूसरे के गले लगते हैं। खासतौर पर जब मन बेहद परेशान होता है तो हमें एक ऐसे शख्स की जरूरत होती है, जो हमें प्यार से गले लगा ले और हम अपनी सारी परेशानी और उदासी भूल जाए। अब अगर बात करें मेडिकल टर्म की तो गले लगाना सिर्फ शिकवे गिले को दूर करने का एक जरिया नहीं है बल्कि इससे कई बीमारियां भी दूर होती है। सामान्य भाषा में कहें तो गले लगाने के कई फायदे हैं। यूं तो गले लगाना बेहद लाभदायक है, परंतु अगर हम कहें कि एक ऐसा शख्स है, जो गले लगाने की प्रक्रिया को अपना बिजनेस बना लिया है, और इससे लाखों रुपए कमा रहा है, तो इस बात पर यकीन करना शायद मुश्किल होगा। परंतु यह बात पूरी तरह से सच है। प्रोफेशनल डॉक्टर, इंजीनियर की ही तरह प्रोफेशनल कडलर (Professional Cuddler) भी होते हैं। इसी प्रोफेशनल कडलर (Professional Cuddler) की भूमिका निभा रहे हैं यूके के रहने वाले 30 वर्षीय ट्रेवर हूटन (Travor Hooton)। ये परेशान और दुखी लोगों के मन को शांत करने के लिए उन्हें गले लगाते हैं और इसके लिए प्रति घंटे के हिसाब से पैसे चार्ज करते हैं। ये यूके के ब्रिस्टल शहर के रहने वाले हैं। प्रोफेशनल कडलर के रूप में जाने जाने वाले ट्रैवर के काम को कडल थेरेपी के नाम से जाना जाता है। 1 घंटे की कडल थेरेपी देने के लिए ये 75 डॉलर यानी लगभग ₹7000 चार्ज करते हैं।
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कडल थेरेपी देना नहीं है आसान -

किसी को कडल थेरेपी देना आसान नहीं होता है। यह हर शख्स के बस की बात नहीं होती है। किसी को कडल थेरेपी देना मतलब भावनात्मक सहारा देना होता है। इसके लिए आपके स्पर्श में वह क्षमता होनी चाहिए, जिससे जब आप किसी को गले लगाए तो उसके दुख को खुद भी महसूस कर सके। और सामने वाला शख्स पाने दुख को भूल सके। हूटन दुखी और परेशान लोगों को भावनात्मक सपोर्ट देने के लिए उन्हें गले लगा कर सुकून देने की कोशिश करते हैं।