बहन या भाई न हो तो कैसे मनाएं भाई दूज? जानें तिलक करने की सही विधि

बहन या भाई न हो तो कैसे मनाएं भाई दूज? जानें तिलक करने की सही विधि
locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 08:33 PM
bookmark

आज पूरे देश में भाई दूज का पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है। यह त्योहार भाई-बहन के अटूट प्यार, सम्मान और विश्वास का प्रतीक है। इस खास दिन बहनें अपने भाई के माथे पर तिलक करती हैं और उनकी लंबी उम्र, स्वास्थ्य और समृद्धि की कामना करती हैं। उत्तर भारत में भाई दूज का महत्व रक्षाबंधन से कम नहीं माना जाता। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि जिनके पास सगी बहन या भाई नहीं हैं, वे इस प्यार भरे त्योहार को कैसे मनाते हैं? क्या वे भी इसे उतनी ही धूमधाम और भावना के साथ मना सकते हैं? आइए जानते हैं उन परंपराओं और तरीकों के बारे में, जो भाई दूज को हर किसी के लिए खास और यादगार बनाते हैं।   Bhai Dooj 2025

बहनें जिनका भाई नहीं है, वे कैसे मनाएं भाई दूज?

भाई दूज केवल सगे भाई-बहन तक सीमित नहीं है। ऐसे में जिन बहनों के पास अपना भाई नहीं है, वे इस दिन अपने पिता, चाचा, कजिन, मित्र या किसी अन्य पुरुष रिश्तेदार का तिलक कर सकती हैं। यदि नजदीकी रिश्तेदार उपलब्ध न हों, तो पड़ोस के किसी व्यक्ति को भाई मानकर भी तिलक किया जा सकता है।

भाई जिनकी बहन नहीं है, वे कैसे मनाएं भाई दूज?

यदि आपके पास सगी बहन नहीं है, तो आप चाचा, मामा या अन्य पुरुष रिश्तेदारों की बेटियों से तिलक करवा सकते हैं। इसके अतिरिक्त, पिता की बहन यानी बुआ से भी तिलक करवा सकते हैं। यदि ये विकल्प भी संभव न हों, तो रिश्तेदारी या पड़ोस में किसी महिला को बहन मानकर तिलक करवाना भी परंपरा का हिस्सा बन सकता है।

यह भी पढ़े: स्वामी प्रेमानंद महाराज ने बता दिया किस घर में रहती हैं लक्ष्मी

भाई दूज पर तिलक करने की सही विधि

भाई दूज के दिन भाई को तिलक करने से पहले बहन एक थाली सजाएं, जिसमें दीपक, रोली, अक्षत, फूल, सुपारी, नारियल, कलावा, सिक्का और मिठाई रखी जाए। तिलक से पूर्व भगवान गणेश की पूजा करना शुभ माना जाता है। इसके बाद भाई का मुख उत्तर या उत्तर-पूर्व दिशा की ओर करके बैठाया जाता है और हाथ में नारियल, फूल और सिक्का दिया जाता है।

तिलक की प्रक्रिया इस प्रकार होती है:

  1. सबसे पहले बहन भाई की कलाई पर कलावा बांधती हैं।

  2. उसके माथे पर रोली और अक्षत से तिलक करती हैं।

  3. फिर फूलों की माला पहनाकर मिठाई खिलाती हैं।

  4. अंत में आरती उतारकर भाई की लंबी उम्र, सुख-समृद्धि और खुशहाली की कामना करती हैं।

भाई भी प्रेम और स्नेह के साथ बहन को उपहार देकर आशीर्वाद और सम्मान व्यक्त करता है।    Bhai Dooj 2025

अगली खबर पढ़ें

बहन या भाई न हो तो कैसे मनाएं भाई दूज? जानें तिलक करने की सही विधि

बहन या भाई न हो तो कैसे मनाएं भाई दूज? जानें तिलक करने की सही विधि
locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 08:33 PM
bookmark

आज पूरे देश में भाई दूज का पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है। यह त्योहार भाई-बहन के अटूट प्यार, सम्मान और विश्वास का प्रतीक है। इस खास दिन बहनें अपने भाई के माथे पर तिलक करती हैं और उनकी लंबी उम्र, स्वास्थ्य और समृद्धि की कामना करती हैं। उत्तर भारत में भाई दूज का महत्व रक्षाबंधन से कम नहीं माना जाता। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि जिनके पास सगी बहन या भाई नहीं हैं, वे इस प्यार भरे त्योहार को कैसे मनाते हैं? क्या वे भी इसे उतनी ही धूमधाम और भावना के साथ मना सकते हैं? आइए जानते हैं उन परंपराओं और तरीकों के बारे में, जो भाई दूज को हर किसी के लिए खास और यादगार बनाते हैं।   Bhai Dooj 2025

बहनें जिनका भाई नहीं है, वे कैसे मनाएं भाई दूज?

भाई दूज केवल सगे भाई-बहन तक सीमित नहीं है। ऐसे में जिन बहनों के पास अपना भाई नहीं है, वे इस दिन अपने पिता, चाचा, कजिन, मित्र या किसी अन्य पुरुष रिश्तेदार का तिलक कर सकती हैं। यदि नजदीकी रिश्तेदार उपलब्ध न हों, तो पड़ोस के किसी व्यक्ति को भाई मानकर भी तिलक किया जा सकता है।

भाई जिनकी बहन नहीं है, वे कैसे मनाएं भाई दूज?

यदि आपके पास सगी बहन नहीं है, तो आप चाचा, मामा या अन्य पुरुष रिश्तेदारों की बेटियों से तिलक करवा सकते हैं। इसके अतिरिक्त, पिता की बहन यानी बुआ से भी तिलक करवा सकते हैं। यदि ये विकल्प भी संभव न हों, तो रिश्तेदारी या पड़ोस में किसी महिला को बहन मानकर तिलक करवाना भी परंपरा का हिस्सा बन सकता है।

यह भी पढ़े: स्वामी प्रेमानंद महाराज ने बता दिया किस घर में रहती हैं लक्ष्मी

भाई दूज पर तिलक करने की सही विधि

भाई दूज के दिन भाई को तिलक करने से पहले बहन एक थाली सजाएं, जिसमें दीपक, रोली, अक्षत, फूल, सुपारी, नारियल, कलावा, सिक्का और मिठाई रखी जाए। तिलक से पूर्व भगवान गणेश की पूजा करना शुभ माना जाता है। इसके बाद भाई का मुख उत्तर या उत्तर-पूर्व दिशा की ओर करके बैठाया जाता है और हाथ में नारियल, फूल और सिक्का दिया जाता है।

तिलक की प्रक्रिया इस प्रकार होती है:

  1. सबसे पहले बहन भाई की कलाई पर कलावा बांधती हैं।

  2. उसके माथे पर रोली और अक्षत से तिलक करती हैं।

  3. फिर फूलों की माला पहनाकर मिठाई खिलाती हैं।

  4. अंत में आरती उतारकर भाई की लंबी उम्र, सुख-समृद्धि और खुशहाली की कामना करती हैं।

भाई भी प्रेम और स्नेह के साथ बहन को उपहार देकर आशीर्वाद और सम्मान व्यक्त करता है।    Bhai Dooj 2025

अगली खबर पढ़ें

धनतेरस पर भूलकर भी न खरीदें ये 6 चीजें, वरना मां लक्ष्मी होंगी नाराज

धनतेरस पर भूलकर भी न खरीदें ये 6 चीजें, वरना मां लक्ष्मी होंगी नाराज
locationभारत
userचेतना मंच
calendar02 Dec 2025 02:07 AM
bookmark
धनतेरस का त्योहार दिवाली से दो दिन पहले मनाया जाता है। इस दिन खरीदारी करना बेहद शुभ माना जाता है। मान्यता है। कि धनतेरस पर सोना-चांदी, बर्तन या नए सामान की खरीदारी करने से घर में मां लक्ष्मी का आगमन होता है। धन-समृद्धि बढ़ती है। लेकिन बहुत से लोग यह नहीं जानते कि इस दिन कुछ चीजें ऐसी भी होती हैं। जिन्हें खरीदने से अशुभ फल मिल सकता है। वास्तु और ज्योतिष के अनुसार, अगर इन वस्तुओं की खरीदारी धनतेरस पर की जाए तो इससे आर्थिक हानि, दुर्भाग्य या पारिवारिक कलह का योग बन सकता है। माँ लक्ष्मी नाराज हो सकती है। तो हम आपको बताएगें कि धनतेरस पर क्या चीजें भूलकर भी नहीं खरीदनी चाहिए।    Dhanteras 2025

धनतेरस पर शुभ खरीदारी क्यों जरूरी है?

धनतेरस के दिन खरीदारी का सीधा संबंध हमारी आस्था और ऊर्जा से है। अगर आप इस दिन शुभ वस्तुएं खरीदेंगे तो घर में सौभाग्य और समृद्धि का वास होगा। वहीं, अगर भूलवश अशुभ वस्तुएं खरीद लीं, तो यह आने वाले साल में आर्थिक नुकसान या मानसिक तनाव का कारण बन सकती हैं। मान्यता अनुसार कुछ वस्तुए ऐसी है। जो धनतेरस पर खरीदना अशुभ होता है।  Dhanteras 2025 काला रंग या काले कपड़े  - धनतेरस पर काले रंग के कपड़े या किसी भी काली वस्तु की खरीदारी करने से नकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है। काला रंग शनि ग्रह से जुड़ा होता है और इस दिन इसका उपयोग करने से शुभ ग्रहों का प्रभाव कम हो सकता है। इसलिए इस दिन पीला, लाल, या सुनहरा रंग पहनना अधिक शुभ माना गया है। लोहे की वस्तुएं - धनतेरस पर लोहे से बनी वस्तुओं की खरीदारी नहीं करनी चाहिए। वास्तु के अनुसार, लोहा नकारात्मकता और संघर्ष का प्रतीक है। इस दिन लोहे की वस्तु घर लाने से कलह, तनाव और आर्थिक अड़चनें बढ़ सकती हैं। एल्युमिनियम या प्लास्टिक के बर्तन - धनतेरस पर बर्तन खरीदना शुभ माना जाता है। लेकिन ध्यान रहे कि एल्युमिनियम या प्लास्टिक के बर्तन न खरीदें। इन बर्तनों को अशुद्ध माना गया है। इसके बजाय तांबे, पीतल या चांदी के बर्तन खरीदना अधिक लाभकारी होता है। तेल या खाली बर्तन - इस दिन तेल या खाली बर्तन खरीदने से भी बचना चाहिए। खाली बर्तन खरीदने का अर्थ है घर में खालीपन या दरिद्रता का आना। अगर बर्तन खरीदें तो उसमें कुछ सिक्के या मिठाई रखकर घर लाएं। कांच या टूटे हुए सामान - कांच की वस्तुएं नाजुक होती हैं। टूटने का संकेत देती हैं। इस दिन कांच या कोई भी टूटी-फूटी वस्तु खरीदना अशुभ माना जाता है। क्योंकि यह नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करती है। सौभाग्य को रोकती है। जूते-चप्पल या लेदर आइटम्स - धनतेरस पर जूते, बेल्ट या लेदर के उत्पाद खरीदना भी वर्जित माना गया है। यह वस्तुएं तामसिक मानी जाती हैं और शुभता में कमी लाती हैं। इस दिन इन चीजों की बजाय सोने या चांदी की वस्तुओं में निवेश करें।  Dhanteras 2025

यह भी पढ़े: दीपावली की रौनक का पहला पड़ाव धनतेरस, कब है शुभ मुहूर्त

धनतेरस पर शुभ फल पाने के लिए ये चीजें जरूर खरीदें

  • सोने-चांदी के सिक्के या आभूषण
  • तांबे, पीतल या चांदी के बर्तन
  • लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति
  • दीपक या मिट्टी के दीये
  • झाड़ू (यदि दिवाली के दिन खरीदें तो बेहतर)
  • धनतेरस के दिन धनवंतरि जी की पूजा कर घर में धन-समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त करें।  Dhanteras 2025