जानें कब और कहां से हुई थी ईद-उल-फ़ित्र मनाने की शुरूआत?

ईद मुबारक
Happy Eid Ul Adha 2024
locationभारत
userचेतना मंच
calendar07 Apr 2024 10:43 PM
bookmark
Eid-Ul-Fitr 2024 : ईद-उल-फ़ित्र इस्लाम धर्म का सबसे बड़े पर्व  माना जाता है। मुस्लिम समुदाय के लोग पूरे एक महीने रोज़ा रखकर अल्लाह तआला की इबादत करते हुए गुजारते हैं। एक महीने रोज़ा रखने के बाद मुसलमान बड़े ही हर्षोल्लास के साथ Eid का पर्व मनाते हैं। जब माह-ए-रमज़ान का चांद डूब जाता है और ईद का चांद नज़र आने लगता है तो उसके अगले तारीख को ईद मनाई जाती है।साल 2024 में ईद 10 या 11 अप्रैल को मनाई जाएगी।

क्यों मनाई जाती है ईद-उल-फ़ित्र?

माह-ए-रमज़ान खत्म होने के बाद ईद-उल-फित्र (Eid-Ul-Fitr) का खास पर्व मनाया जाता है। रमज़ान के महीने में मुस्लिम समुदाय के लोग पूरे महीने रोज़ा रखकर अल्लाह तआला की इबादत करते हुए बिताते हैं। रमज़ान के पाक महीने में मुस्लिम क़ुरआन-ए-पाक की तिलावत करके, गरीबों में सदका, ज़कात, फितरा आदि देकर अल्लाह तआला को खुश करने की पूरी कोशिश करते हैं। ऐसा माना जाता है कि  ईद के खास मौके पर मुस्लिम समुदाय के लोग अपना रोज़ा खत्म करके ईद का पर्व मनाते हैं और अल्लाह तआला का शुक्रिया अदा करते है। ईद मनाने का दूसरा मतलब है कि पैगम्बर मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम बद्र की जंग में जीत हासिल करके लोगों का मुंह मीठा कराया था, जिसके बाद मीठी ईद मनाई जाती है। मुस्लिम कैलेण्डर के मुताबिक रमज़ान के 10वें शव्वल की तारीख को ईद का पर्व मनाया जाता है।

कैसे मनाते हैं ईद ?

माह-ए-रमज़ान गुनाहों से तौबा करके खुदा की इबादत करने का महीना होता है। जिसके लगभग 29-30 रोज़े रखे जाते हैं। ईद के दिन मुस्लिम भाई सुबह-सुबह उठकर नहा-धोकर नए कपड़े पहनते हैं। ईद के दिन बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक हर व्यक्ति कुर्ता पायजामा और टोपी में नज़र आते हैं और ईदगाह जाकर नमाज़ अदा करते हैं। नमाज़ अदा करके एक-दूसरे के गले लगाकर ईद की मुबारकबाद दा जाती है। वहीं मुस्लिम बहनें सवेरे उठकर नहा-धोकर तैयार हो जाती हैं और घर में सेवइयां बनाकर अलग-अलग तरह के स्वादिष्ट पकवान जैसे- सेवाइयां, गुलाब शरबत, मटन शाम कबाब, बिरयानी आदि बनाने में जुट जाती हैं। इसके बाद सब इकट्ठे होकर सेवइयां खाते हुए अपना मुंह मीठा करते हैं। इतना ही नहीं ईद के मौके पर तमाम लोगों द्वारा अल्लाह तआला की राह में ग़रीबों और जरूरत मंदों को सदक़ा, जकात और फितरा दिया जाता है।

बच्चे लगाते हैं मेले में चार चांद

ईद के दिन गली-मौहल्लों और शहरों में मेला लगता है जहां कई तरह के खिलौने, मिठाईयां और पकवान बिकते हैं। Eid-Ul-Fitr में मां-बाप अपने-अपने बच्चों को ढ़ेर सारे तोहफें और ईदी देते हैं। बच्चे मेले में जाकर खूब मस्ती करते हैं और ईद को एक यादगार दिन बनाते हैं।

माह-ए-रमज़ान में रोजा रखने का रिवाज़ क्यों शुरू हुआ, जानें इसकी फज़ीलत

ग्रेटर नोएडा– नोएडा की खबरों से अपडेट रहने के लिए चेतना मंच से जुड़े रहें। देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें।
अगली खबर पढ़ें

जानें कब और कहां से हुई थी ईद-उल-फ़ित्र मनाने की शुरूआत?

ईद मुबारक
Happy Eid Ul Adha 2024
locationभारत
userचेतना मंच
calendar07 Apr 2024 10:43 PM
bookmark
Eid-Ul-Fitr 2024 : ईद-उल-फ़ित्र इस्लाम धर्म का सबसे बड़े पर्व  माना जाता है। मुस्लिम समुदाय के लोग पूरे एक महीने रोज़ा रखकर अल्लाह तआला की इबादत करते हुए गुजारते हैं। एक महीने रोज़ा रखने के बाद मुसलमान बड़े ही हर्षोल्लास के साथ Eid का पर्व मनाते हैं। जब माह-ए-रमज़ान का चांद डूब जाता है और ईद का चांद नज़र आने लगता है तो उसके अगले तारीख को ईद मनाई जाती है।साल 2024 में ईद 10 या 11 अप्रैल को मनाई जाएगी।

क्यों मनाई जाती है ईद-उल-फ़ित्र?

माह-ए-रमज़ान खत्म होने के बाद ईद-उल-फित्र (Eid-Ul-Fitr) का खास पर्व मनाया जाता है। रमज़ान के महीने में मुस्लिम समुदाय के लोग पूरे महीने रोज़ा रखकर अल्लाह तआला की इबादत करते हुए बिताते हैं। रमज़ान के पाक महीने में मुस्लिम क़ुरआन-ए-पाक की तिलावत करके, गरीबों में सदका, ज़कात, फितरा आदि देकर अल्लाह तआला को खुश करने की पूरी कोशिश करते हैं। ऐसा माना जाता है कि  ईद के खास मौके पर मुस्लिम समुदाय के लोग अपना रोज़ा खत्म करके ईद का पर्व मनाते हैं और अल्लाह तआला का शुक्रिया अदा करते है। ईद मनाने का दूसरा मतलब है कि पैगम्बर मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम बद्र की जंग में जीत हासिल करके लोगों का मुंह मीठा कराया था, जिसके बाद मीठी ईद मनाई जाती है। मुस्लिम कैलेण्डर के मुताबिक रमज़ान के 10वें शव्वल की तारीख को ईद का पर्व मनाया जाता है।

कैसे मनाते हैं ईद ?

माह-ए-रमज़ान गुनाहों से तौबा करके खुदा की इबादत करने का महीना होता है। जिसके लगभग 29-30 रोज़े रखे जाते हैं। ईद के दिन मुस्लिम भाई सुबह-सुबह उठकर नहा-धोकर नए कपड़े पहनते हैं। ईद के दिन बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक हर व्यक्ति कुर्ता पायजामा और टोपी में नज़र आते हैं और ईदगाह जाकर नमाज़ अदा करते हैं। नमाज़ अदा करके एक-दूसरे के गले लगाकर ईद की मुबारकबाद दा जाती है। वहीं मुस्लिम बहनें सवेरे उठकर नहा-धोकर तैयार हो जाती हैं और घर में सेवइयां बनाकर अलग-अलग तरह के स्वादिष्ट पकवान जैसे- सेवाइयां, गुलाब शरबत, मटन शाम कबाब, बिरयानी आदि बनाने में जुट जाती हैं। इसके बाद सब इकट्ठे होकर सेवइयां खाते हुए अपना मुंह मीठा करते हैं। इतना ही नहीं ईद के मौके पर तमाम लोगों द्वारा अल्लाह तआला की राह में ग़रीबों और जरूरत मंदों को सदक़ा, जकात और फितरा दिया जाता है।

बच्चे लगाते हैं मेले में चार चांद

ईद के दिन गली-मौहल्लों और शहरों में मेला लगता है जहां कई तरह के खिलौने, मिठाईयां और पकवान बिकते हैं। Eid-Ul-Fitr में मां-बाप अपने-अपने बच्चों को ढ़ेर सारे तोहफें और ईदी देते हैं। बच्चे मेले में जाकर खूब मस्ती करते हैं और ईद को एक यादगार दिन बनाते हैं।

माह-ए-रमज़ान में रोजा रखने का रिवाज़ क्यों शुरू हुआ, जानें इसकी फज़ीलत

ग्रेटर नोएडा– नोएडा की खबरों से अपडेट रहने के लिए चेतना मंच से जुड़े रहें। देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें।
अगली खबर पढ़ें

कलश स्थापना मुहूर्त 2024 के साथ नवरात्रि पर हर रंग का होगा विशेष महत्व 

Kalash
Navratri Kalashsthapana 2024
locationभारत
userचेतना मंच
calendar06 Apr 2024 08:03 PM
bookmark
Navratri Kalashsthapana 2024  नवरात्रि के दिन कलश स्थापना अर्थात घटस्थापन अके साथ देवी आहवान होता है और फिर आरंभ होती है देवी साधना. यह साधना का पर्व नौ दिनों तक अनवरत चलता है. इसके पहले दिन कलश स्थापना के साथ देवी के हर देनी की पूजा में विशेष भोग, विधि, रंगों का उपयोग महत्व रखता है. नवरात्रि के समय पर कार्य के करने का अपना खास महत्व है. आइये जान लेते हैं नवरतरि कलश स्थापना मुहूर्त ओर इस दिन रंगों का प्रभाव

चैत्र नवरात्रि 2024 कलश स्थापना मुहूर्त  

चैत्र नवरात्रि के दिन देवी दुर्गा का आहवान कलश स्थापना अर्थात घट स्थापना से होता है. इस साल 9 अप्रैल के दिन प्रात:काल कलश स्थापना का मुहूर्त आरंभ होगा. कलश स्थापना मुहूर्त का समय सुबह 06:02 से 10:16 तक रहने वाला है. कलश स्थापना के लिए अभिजित मुहूर्त का समय 11:57 से 12:48 तक का होगा. घटस्थापना मुहूर्त के समय वैधृति योग रहेगा. चैत्र माह की प्रतिपदा तिथि का आरंभ 8 अप्रैल 2024 को रात्रि 11:50 मिनिट पर होगा और चैत्र नवरात्रि की प्रतिपदा तिथि का समाप्ति समय 09 अप्रैल 2024 को रात में 08:30 पर होगा. वैधृति योग का समय 08 अप्रैल 2024 को शाम 06:14 से वैधृति योग का समापन काल 09 अप्रैल 2024 को दोपहर 02:18 तक रहेगा.

नवरात्रि के दिन रंगों का महत्व Significance of 9 Navratri Colours & Day-wise List 

Navratri Kalashsthapana 2024 नवरात्रि के नौ दिनों में नवरात्रि रंगों की महिमा का बहुत ही विशेष उल्लेख प्राप्त होता है. माता को वैसे सभी रंग प्रिय हैं. इसमें रंगों का उपयोग हम कई तरह से कर सकते हैं जिसमें मुख्य रंग लाल रंग तो होना विशेष होता है जिसे कलश स्थापना पर भी उपयोग करना आवश्यक माना गया है.

चैत्र नवरात्रि के 9 दिन 9 रंगों का प्रभाव

इसके साथ ही अगर प्रत्येक वार दिन के अनुसार रंगों का चयन कर लें और दुर्गा पूजा में रंगों को शामिल करें तो ऎसा करने से मिलता है चमत्कारिक लाभ. नवरात्रि के दौरान देवी के नौ रुपों की पूजा की जाती है.

चैत्र नवरात्रि के 9 दिन 9 रंगों का प्रभाव 

Navratri Kalashsthapana 2024  नवरात्रि के पहले दिन 09 अप्रैल 2024, मंगलवार के दिन लाल रंग, केसरिया रंग होगा बहुत शुभ. नवरात्रि के दूसरे दिन 10 अप्रैल 2024, बुधवार के दिन गहरा हरा रंग होगा बहुत शुभ.  नवरात्रि के तीसरे दिन 11 अप्रैल 2024, गुरुवार के दिन पीला रंग होगा बहुत शुभ.   नवरात्रि के चतुर्थ दिन 12 अप्रैल 2024, शुक्रवार तो इस दिन श्वेत और पिंक का मिला हुआ रंग होगा शुभ.  नवरात्रि के पांचवें दिन 13 अप्रैल 2024, शनिवार के दिन नीला रंग होगा बहुत शुभ. नवरात्रि के छठे दिन 14 अप्रैल 2024, रविवार के दिन लाल और केसरिया रंग होगा बहुत शुभ. नवरात्रि के साथवें दिन 15 अप्रैल 2024, सोमवार के दिन लाल और श्वेत रंग होगा शुभ. नवरात्रि के आठवें दिन 16 अप्रैल 2024, मंगलवार के दिन लाल केसरिया, गुलाबी रंग होगा बहुत शुभ. नवरात्रि के नवम दिन 17 अप्रैल 2024, बुधवार के दिन आसमानी, हरा, लाल, केसर रंग होगा बहुत शुभ. एस्ट्रोलॉजर राजरानी Navratri Kalashsthapana 2024

चैत्र नवरात्रि 2024 कब-कब रखा जाएगा नवरात्रि व्रत लिस्ट