Sawan News 2023 : सावन में मांस खाना क्यों है वर्जित?

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locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 05:41 PM
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  Sawan News 2023 :  साथियों सावन माह की शुरुआत 4 जुलाई को हुई है और इस बार का सावन 59 दिनों का है दुनियांभर के शिवभक्त अपनी श्रद्धा अनुसार पूजा पाठ करते है इस माह में भक्त कावण यात्रा के माध्यम से देवों के देव महादेव को प्रसन्न करने का प्रयास करते हैं इस माह में सनातन धर्म को मानने वाले लोग शुद्धता का ख़ास खयाल रखते हैं इस माह में मांस या किसी भी प्रकार का नॉन -वेज वर्जित होता है भगवान शिव की भक्ति में लीन रहते हुए मांस- मदिरा जैसे पदार्थों से दूर रहा जाता है लोगों में मान्यताएं हैं की 'तामसी' भोज मन में दुश्वारियां, वैमनस्य पैदा करता है और ऐसे में बहुत से लोग सावन माह में दूध- दही,लहसुन -प्याज तक नहीं खाते हैं ये रहा धार्मिक कारण...

अब इसके वैज्ञानिक तथ्य के विषय में बताते है...

Sawan News 2023 सावन में तमाम जीवों के प्रजनन का समय होता है ऐसे में अधिकतर जीवों के पेट में बच्चे होते है और ये स्थिती जीवों के लिए संवेदनशील होता है सावन का महीना मानसून में आता है। ऐसे में इस दौरान लगातार बारिश की वजह से कई दिनों तक सूरज नहीं निकल पाता। इसकी वजह से हमें सूरज की पर्याप्त रोशनी नहीं मिल पाती। इससे हमारी पाचन शक्ति कमजोर हो जाती है। ऐसे में नॉनवेज जैसा भारी खाना पचाना हमारे लिए काफी मुश्किल हो जाता है और यह आंत में सड़ने लगता है, जिससे कई गंभीर समस्याएं हो सकती हैं। Sawan News 2023  इस महीने में लगातार होने वाली बारिश से तमाम संक्रामक रोग फैलते हैं जिससे तमाम जीव बीमारी के चपेट में आ जाते है जिनके सेवन से असाध्य रोग होने की संभावना बढ़ जाती है ऐसे में मांस का सेवन नहीं करना चाहिए , आयुर्वेद की मानें तो इस महीने में शरीर की इम्युनिटी कमज़ोर होती है और ये महीना शरीर को रीफ्रेश करने का होता है ऐसे दशा में हल्का भोजन ग्रहण करना चाहिए जो की आसानी से पच जाए...

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अब इसके वैज्ञानिक तथ्य के विषय में बताते है...

Sawan News 2023 सावन में तमाम जीवों के प्रजनन का समय होता है ऐसे में अधिकतर जीवों के पेट में बच्चे होते है और ये स्थिती जीवों के लिए संवेदनशील होता है सावन का महीना मानसून में आता है। ऐसे में इस दौरान लगातार बारिश की वजह से कई दिनों तक सूरज नहीं निकल पाता। इसकी वजह से हमें सूरज की पर्याप्त रोशनी नहीं मिल पाती। इससे हमारी पाचन शक्ति कमजोर हो जाती है। ऐसे में नॉनवेज जैसा भारी खाना पचाना हमारे लिए काफी मुश्किल हो जाता है और यह आंत में सड़ने लगता है, जिससे कई गंभीर समस्याएं हो सकती हैं। Sawan News 2023  इस महीने में लगातार होने वाली बारिश से तमाम संक्रामक रोग फैलते हैं जिससे तमाम जीव बीमारी के चपेट में आ जाते है जिनके सेवन से असाध्य रोग होने की संभावना बढ़ जाती है ऐसे में मांस का सेवन नहीं करना चाहिए , आयुर्वेद की मानें तो इस महीने में शरीर की इम्युनिटी कमज़ोर होती है और ये महीना शरीर को रीफ्रेश करने का होता है ऐसे दशा में हल्का भोजन ग्रहण करना चाहिए जो की आसानी से पच जाए...

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Sawan 2023 : क्यों लगाया जाता है त्रिपुंड तिलक ? जानिए इसका वैज्ञानिक महत्व

Tripund
Sawan 2023
locationभारत
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calendar27 Nov 2025 04:20 PM
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Sawan 2023 : मित्रों सावन मास में शिवालयों पर भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिलती है ऐसे में अधिकतर भक्तों के माथे पर 'त्रिपुंड' लगा हुआ दिखाई देता है ये 'त्रिपुंड' चंदन के लेप, रोरी,भस्म, बेलपत्र इत्यादि प्राकृतिक संपदाओं से मिलकर तैयार किया जाता है।

Sawan 2023  'त्रिपुंड' तिलक का महत्व

शिव पुराण में बताया गया है कि त्रिपुंड की तीनों रेखाओं में से प्रत्येक के नौ नौ देवता हैं, जो सभी अंगों में स्थित हैं। त्रिपुंड की पहली रेखा में प्रथम अक्षर अकार, गार्हपत्य अग्नि, पृथ्वी, धर्म, रजोगुण, ऋृग्वेद, क्रियाशक्ति, प्रात:सवन तथा महादेव 9 देवता होते हैं। दूसरी रेखा में प्रणव का दूसरा अक्षर उकार, दक्षिणाग्नि, आकाश, सत्वगुण, यजुर्वेद, मध्यंदिनसवन, इच्छाशक्ति, अंतरात्मा तथा महेश्वर ये 9 देवता हैं। तीसरी रेखा के 9 देवता प्रणव का तीसरा अक्षर मकार, आहवनीय अग्नि, परमात्मा, तमोगुण, द्युलोक, ज्ञानशक्ति, सामवेद, तृतीयसवन तथा शिव हैं।

Sawan 2023  वैज्ञानिक महत्व

वहीं इसके वैज्ञानिक महत्व की बात करें तो माथे पर जहां त्रिपुंड धारण किया जाता है वह पीनियल ग्रन्थि का स्थान होता है। पीनियल ग्रंथि (जिसे पीनियल पिंड, एपिफ़ीसिस सेरिब्रि, एपिफ़ीसिस या "तीसरा नेत्र" भी कहा जाता है) पृष्ठवंशी मस्तिष्क में स्थित एक छोटी-सी अंतःस्रावी ग्रंथि है। यह सेरोटोनिन व्युत्पन्न मेलाटोनिन को पैदा करती है, जोकि जागने/सोने के ढर्रे तथा मौसमी गतिविधियों का नियमन (रेगुलेशन) करने वाला हार्मोन है। चंदन का त्रिपुंड लगाने से पीनियल ग्रन्थि के दोष समाप्त हो जाते हैं। पीनियल ग्रन्थि के दोष ज्यादातर ऐसे लोगों में पाए जाते हैं जो तनाव की स्थिति में और मौसम के विरुद्ध संघर्ष करते हैं।

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