Political News : असली शिवसेना का फैसला तो जनता की अदालत में होगा : संजय कुमार

Sanjay kumar
The real Shiv Sena will be decided in the people's court: Sanjay Kumar
locationभारत
userचेतना मंच
calendar02 Dec 2025 02:40 AM
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नई दिल्ली। निर्वाचन आयोग ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले समूह को शिवसेना नाम और इसका चुनाव चिह्न ‘धनुष-बाण’ आवंटित किया है। उद्धव ठाकरे ने इस फैसले को लोकतंत्र की हत्या करार दिया है। वह इसे चुनौती देने के लिए उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाने की घोषणा कर चुके हैं। इस विवाद से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर ‘सेंटर फॉर द स्टडी ऑफ डेवलपिंग सोसाइटीज (सीएसडीएस)’ के शोध कार्यक्रम ‘लोकनीति’ के सह-निदेशक संजय कुमार से पांच सवाल और उनके जवाब :

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सवाल : शिंदे नीत गुट को असली शिवसेना के रूप में मान्यता दिये जाने पर आपकी पहली प्रतिक्रिया क्या है? जवाब : निर्वाचन आयोग के इस फैसले पर मुझे कोई आश्चर्य नहीं है। मुझे लगता है कि यह कानूनी तौर पर लिया गया फैसला है। उद्धव ठाकरे गुट दावा करता रहा है कि भले ही निर्वाचित विधायक शिंदे के साथ हों, लेकिन पार्टी के कार्यकर्ता और पार्टी उनके साथ है। इस दावे के लिए प्रमाण की जरूरत थी। लेकिन, देखा यह गया कि निर्वाचित विधायक किसके साथ खड़े हैं। स्पष्ट है जिस तरीके से पार्टी में विभाजन हुआ है, ज्यादातर विधायक शिंदे के साथ हैं और इसी वजह से वह सरकार भी बना पाए हैं। इसलिए निर्वाचन आयोग के फैसले पर मुझे कोई आश्चर्य नहीं है। सवाल : यह विवाद उच्चतम न्यायालय में विचाराधीन है। ऐसे में आयोग पर सवाल उठ रहे हैं कि उसे इस प्रकार का फैसला नहीं करना चाहिए था? जवाब : मुझे नहीं लगता कि निर्वाचन आयोग कोई असंवैधानिक फैसला लेगा। असंवैधानिक होता तो निर्वाचन आयोग कभी यह निर्णय नहीं लेता। हां, लेकिन यह सवाल जरूर है कि जब मामला शीर्ष अदालत में है तो आयोग द्वारा नैतिक रूप से ऐसा फैसला लिया जाना चाहिए या नहीं। मुझे लगता नहीं है कि निर्वाचन आयोग ने नियमों को ताक पर रखकर कोई फैसला लिया होगा। मौजूदा सबूतों के आधार पर जाएं तो आयोग ने सही फैसला दिया है। सवाल : महाराष्ट्र की राजनीति में ठाकरे परिवार को बड़ी ताकत माना जाता है, ऐसे में इस फैसले का वहां की राजनीति पर आप क्या असर देखते हैं?

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जवाब : महाराष्ट्र की राजनीति तो उसी दिन बदल गई थी, जब शिवसेना में विभाजन हुआ था। भले ही उद्धव ठाकरे उस पर पर्दा डालने की बार-बार कोशिश कर रहे थे। एक राजनीतिक विश्लेषक के रूप में मेरा यह मानना रहा है कि असल शिवसेना अब शिंदे समूह की हो गई है। इतनी बड़ी संख्या में विधायक उनके साथ हैं तो असली समूह वही है। समर्थकों का मनोबल बढ़ाने के लिए भले ही उद्धव ठाकरे कहते रहें कि यह पार्टी उनकी है। अब जो कुछ भी शेष उद्धव ठाकरे के पास है, वह भी आने वाले समय में खिसकता हुआ दिखाई पड़ेगा। क्योंकि अब आयोग ने भी असली शिवसेना शिंदे गुट को मान लिया है। अब शिंदे गुट के पास शिवसेना का नाम और चुनाव चिह्न दोनों हैं। महाराष्ट्र की राजनीति में उद्धव ठाकरे नीत गुट के हाशिए पर जाने का खतरा है। सवाल : असली-नकली शिवसेना की लड़ाई आगे किस ओर जाती दिख रही है? जवाब : मामला फिलहाल उच्चतम न्यायलय में है। दोनों पक्षों की ओर से अदालत में यह लड़ाई लड़ी जाएगी। सबकी नजरें उस पर टिकी हैं। इस पर कोई प्रतिक्रिया देना अनुचित होगा। सवाल : उद्धव ठाकरे गुट के लिए आप आगे की राजनीतिक राह कैसी देखते हैं? जवाब : अभी बृहन्मुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) और अन्य नगर निकायों के चुनाव होने हैं। फिर लोकसभा और विधानसभा के चुनाव भी होंगे। इन चुनावों में उद्धव गुट यदि अच्छा प्रदर्शन करता है और किसी कारणवश शिंदे गुट हाशिए पर चला जाता है तो महाराष्ट्र की राजनीति में एक और बड़ा उलटफेर होगा। उद्धव गुट ने चुनावों में अच्छा प्रदर्शन किया तो महाराष्ट्र की राजनीति में फिर से उसकी वापसी हो सकती है। अच्छा प्रदर्शन नहीं हुआ तो महाराष्ट्र की राजनीति में ठाकरे परिवार का दखल समाप्त हो जाएगा। निर्वाचन आयोग ने भले ही फैसला दे दिया। हो सकता है उच्चतम न्यायलय का फैसला भी आ जाए, लेकिन इस पर विराम तो चुनाव ही लगा सकता है। जनता की अदालत में इस बारे में असली फैसला होगा। इसलिए उद्धव के पास बालासाहेब ठाकरे की विरासत को बचाने का एक ही तरीका है कि वह जनसमर्थन हासिल करें। देश विदेशकी खबरों से अपडेट रहने लिएचेतना मंचके साथ जुड़े रहें। देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें।
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Political News : बीडी मिश्रा ने लद्दाख के उपराज्यपाल के रूप में शपथ ली

Mishra
BD Mishra sworn in as Lt. Governor of Ladakh
locationभारत
userचेतना मंच
calendar02 Dec 2025 01:41 AM
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लेह। ब्रिगेडियर (सेवानिवृत्त) बीडी मिश्रा ने रविवार को लद्दाख के दूसरे उपराज्यपाल के रूप में शपथ ली। उन्होंने पूर्व आईएएस अधिकारी राधा कृष्ण माथुर की जगह ली। साल 2019 में लद्दाख के केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद से 27 महीने तक माथुर इसके उपराज्यपाल रहे।

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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 12 फरवरी को माथुर का इस्तीफा स्वीकार करने के बाद मिश्रा (83) को लद्दाख का उपराज्यपाल नियुक्त किया था। अरुणाचल प्रदेश के पूर्व राज्यपाल मिश्रा को जम्मू-कश्मीर एवं लद्दाख उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एन. कोटिश्वर सिंह ने यहां राजभवन में आयोजित कार्यक्रम में पद की शपथ दिलाई। इसके बाद लद्दाख पुलिस ने मिश्रा को गार्ड ऑफ ऑनर दिया।

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मिश्रा 33 साल से अधिक समय तक सेवाएं देने के बाद 31 जुलाई, 1995 को सेना से सेवानिवृत्त हुए थे। उन्होंने तीन अक्टूबर, 2017 को अरुणाचल प्रदेश के राज्यपाल के रूप में पदभार संभाला था। देश विदेशकी खबरों से अपडेट रहने लिएचेतना मंचके साथ जुड़े रहें। देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें।
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Tripura : अगरतला रेलवे स्टेशन से दस रोहिंग्या शरणार्थी गिरफ्तार

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Tripura News
locationभारत
userचेतना मंच
calendar02 Dec 2025 02:10 AM
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Tripura News : अगरतला। त्रिपुरा के अगरतला रेलवे स्टेशन पर दस रोहिंग्या शरणार्थियों और दो बांग्लादेशियों को उनके ‘भारतीय हैंडलर’ के साथ गिरफ्तार किया गया है। एक रलवे पुलिस अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी।

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राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) के एक अधिकारी ने रविवार को बताया, पूछताछ के दौरान रोहिंग्या शरणार्थियों ने स्वीकार किया कि उनलोगों ने बांग्लादेश के कॉक्स बाजार शिविर से भागकर अवैध रूप से भारत में प्रवेश किया। पुलिस अधीक्षक (जीआरपी) अमिताभ पाल ने बताया कि ये सभी 13 लोग कोलकाता जाने के लिए कंचनजंघा एक्सप्रेस का इंतजार कर रहे थे। उन्होंने बताया कि इन गिरफ्तारियों के साथ ही फरवरी में अगरतला रेलवे स्टेशन पर पकड़े गए रोहिंग्याओं की कुल संख्या 33 हो गई है जिनमें तीन बच्चे भी हैं। उन्होंने बताया, "विशिष्ट सूचना के आधार पर कार्रवाई करते हुए आरपीएएफ और जीआरपी के जवानों ने शनिवार को 13 लोगों को पकड़ा जिनमें दस रोहिंग्या, दो बांग्लादेशी और एक भारतीय हैंडलर शामिल है। सभी कोलकाता जाने वाली कंचनजंगा एक्सप्रेस में सवार होने वाले थे।" पाल के मुताबिक, रोहिंग्या घुसपैठिए सिपाहीजाला जिले के साथ लगी अंतरराष्ट्रीय सीमा से राज्य में प्रवेश कर रहे हैं। उन्होंने कहा, "हमने सभी घुसपैठियों को पकड़ने के लिए रेलवे स्टेशनों पर चेकिंग अभियान तेज कर दिया है।"

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