Harmful Cooking Oil : सेहत के लिये घातक है ये तेल,तपती गर्मी में भी नही पिघलता ।

World Wildlife Day – इस थीम के साथ मनाया जा रहा ‘विश्व वन्यजीव दिवस 2023’
Harmful Cooking Oil :
यह तेल हमारे शरीर के लिये बहुत नुकसानदायक है खासकर दिल के लिए बेहद खतरनाक है ।इसका अंदाजा इसी से लगया जा सकता है कि यह धमनियों मे जाकर एक मोटी परत के रूप मे बेहद जल्दी जम जाता है ।इसका कारण इसके मेल्टिंग पॉइंट का अधिक होना।पाम ऑयल का मेल्टिंग पॉइंट 53 से 55 डिग्री सेल्सियस तक होता है और हमारा शरीर 32-33 डिग्री मेल्टिंग पॉइंट वाले उत्पाद के लिये बना है ।तपती और भीषण गर्मी मे जब चारो ओर हाहाकार मची होती है। तब भी ये ऑयल नही पिघलता है और खाद्य पदार्थों के कुरकरेपन को बरकरार रखता है ।कानपुर रोज 400 टन से ज्यादा पाम ऑयल की खपत होती है ।ये अलग-अलग उत्पादों के जरिये हमारे शरीर मे जा रहा है ।Patna : कोचिंग सेंटर में असामाजिक तत्वों ने की तोड़फोड़, क्यों आया खान सर का नाम?
व्यापारियों का कहना है की त्योहारों मे इसकी मांग 40%तक बढ़ जाती है ।आखाद्य पाम ऑयल को कच्चे तेल से अलग कर साबुन फेक्ट्री को बेचा जाता है ।उसी तेल को खाना बनाने के लिये खरीदा जाता है। फिर इसमे ग्लिसरीन मिला कर खाने का तेल बनाया जाता है ।इस मिश्रण को बनने मे करीब 17 रुपये लीटर का खर्च आता है । एक लीटर तेल तैयार होने की कीमत 64 रुपये आती है और पाम ऑयल 80 रुपये लीटर तक मे खरीदना पड़ता है ।इस तरह मिलावटखोरों को 16 रुपये तक का विशुद्ध मुनाफ़ा मिलता है । लेखिका बबिता आर्याअगली खबर पढ़ें
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यह तेल हमारे शरीर के लिये बहुत नुकसानदायक है खासकर दिल के लिए बेहद खतरनाक है ।इसका अंदाजा इसी से लगया जा सकता है कि यह धमनियों मे जाकर एक मोटी परत के रूप मे बेहद जल्दी जम जाता है ।इसका कारण इसके मेल्टिंग पॉइंट का अधिक होना।पाम ऑयल का मेल्टिंग पॉइंट 53 से 55 डिग्री सेल्सियस तक होता है और हमारा शरीर 32-33 डिग्री मेल्टिंग पॉइंट वाले उत्पाद के लिये बना है ।तपती और भीषण गर्मी मे जब चारो ओर हाहाकार मची होती है। तब भी ये ऑयल नही पिघलता है और खाद्य पदार्थों के कुरकरेपन को बरकरार रखता है ।कानपुर रोज 400 टन से ज्यादा पाम ऑयल की खपत होती है ।ये अलग-अलग उत्पादों के जरिये हमारे शरीर मे जा रहा है ।Patna : कोचिंग सेंटर में असामाजिक तत्वों ने की तोड़फोड़, क्यों आया खान सर का नाम?
व्यापारियों का कहना है की त्योहारों मे इसकी मांग 40%तक बढ़ जाती है ।आखाद्य पाम ऑयल को कच्चे तेल से अलग कर साबुन फेक्ट्री को बेचा जाता है ।उसी तेल को खाना बनाने के लिये खरीदा जाता है। फिर इसमे ग्लिसरीन मिला कर खाने का तेल बनाया जाता है ।इस मिश्रण को बनने मे करीब 17 रुपये लीटर का खर्च आता है । एक लीटर तेल तैयार होने की कीमत 64 रुपये आती है और पाम ऑयल 80 रुपये लीटर तक मे खरीदना पड़ता है ।इस तरह मिलावटखोरों को 16 रुपये तक का विशुद्ध मुनाफ़ा मिलता है । लेखिका बबिता आर्यासंबंधित खबरें
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