Black Box of Airplane- विमान दुर्घटना के बाद क्यों ढूंढते हैं Black Box ??

What is Black Box of Airplane-
ब्लैक बॉक्स एक एयरक्राफ्ट डिवाइस होती है, जो एयरक्राफ्ट और फ्लाइट पैरामीटर्स की परफॉर्मेंस को रिकॉर्ड करने का काम करती है। इस एयरक्राफ्ट डिवाइस (Aircraft Device) को प्लेन के पिछले हिस्से में फिट किया जाता है, जहां से यह पूरे प्लेन की परफॉर्मेंस को रिकॉर्ड करती रहती है। इसे फ्लाइट रिकॉर्डर (Flight Recorder) के नाम से भी जाना जाता है।ब्लैक बॉक्स में मुख्यतः दो कंपोनेंट पाए जाते हैं।
1. कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (CVR)- जैसा कि नाम से पता चलता है, यह कॉकपिट अर्थात पायलट केबिन में हो रही सभी तरह के आवाजों को रिकॉर्ड करने का काम करता है। पायलट के बीच में क्या बातें हो रही हैं, किस तरह की कमांड दी जा रही है, एयर ट्रेफिक कंट्रोलर से पायलट क्या बातचीत कर रहा था, पायलट की माइक में किस तरह की आवाज आ रही थी, ये सभी आवाजें कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर में रिकॉर्ड हो जाती हैं। इसमें लगभग 2 घंटे की कॉकपिट रिकॉर्डिंग होती है। यदि कोई दो विमान दुर्घटनाग्रस्त हो जाती है तो इस वॉयस रिकॉर्डिंग के जरिए दुर्घटना के कारणों का काफी हद तक पता लगाया जा सकता है। 2. फ्लाइट डाटा रिकॉर्डर (FDR)- इसका भी काम नाम के अनुरूप ही होता है। इस पार्ट में पूरे विमान से जुड़ी इंफॉर्मेशन को रिकॉर्ड किया जाता है। इसमें जहाज से जुड़े लगभग 80 तरह के डाटा सेव किए जाते हैं। फ्लाइट किस समय पर किस स्पीड से चल रही थी, फ्लाइट का झुकाव किस तरफ था, कितने आरपीएम पर उसके प्रोपेलर घूम रहे थे, फ्लाइट का लैंडिंग गियर खुला था या बंद था, फ्लाइट में फ्यूल कितना था, फ्यूल का टेंपरेचर कितना था, इंजन का टेंपरेचर कितना था, बाहर का टेंपरेचर कितना था, बाहर हवाएं किस दिशा में चल रही थी, नीचे ग्रेविटी कितनी थी? यह सभी बातें फ्लाइट डाटा रिकॉर्डर (FDR) में रिकॉर्ड होती हैं। FDR में 25 घंटे तक का फ्लाइट डाटा स्टोर होता है।बहुत मजबूत होता है ब्लैक बॉक्स-
फ्लाइट के ब्लैक बॉक्स (Black Box in Airplane) को बहुत मजबूत बनाया जाता है, जिससे आग और पानी का भी इस पर असर नहीं होता है। प्लेन अगर पूरी तरह से जल जाए तो भी ब्लैकबॉक्स पर कोई असर नहीं आता है, यहां तक कि विमान यदि पानी में भी गिर जाए तो भी लगभग 1 महीने तक इसको कोई नुकसान नही होगा। इसका नाम भले ही ब्लैकबॉक्स होता है, लेकिन जेनेरली यह डीप ऑरेंज कलर का बॉक्स होता है। ब्लैक बॉक्स डिवाइस काफी ड्यूरेबल होती है और 3400 ग्रेविटेशनल एक्सरिलेशन को भी सरवाइव कर जाती है। इसकी कैपेसिटी इतनी अधिक होती है कि यह 1100 डिग्री सेंटीग्रेड टेंपरेचर में भी सरवाइव का जाती है, जिससे यदि विमान पूरी तरह से जल जाए तो भी इसे कोई नुकसान नहीं पहुंचता है। इसके साथ ही इसमें 20,000 फिट गहराई के अंदर वाटर प्रेशर को भी झेलने की क्षमता होती है।ब्लैक बॉक्स मिलने से विमान दुर्घटना की असली वजह आएगी सामने -
नेपाल के पोखरा में यति एयरलाइंस की फ्लाइट ANC ATR 72 के दुर्घटनाग्रस्त होने की वजह का खुलासा ब्लैक बॉक्स (Black Box) के जरिए हो सकेगा।NEPAL PLANE CRASH : नेपाल में दुर्घटनाग्रस्त ‘यती एयरलाइंस’ के विमान के दोनों ‘ब्लैक बॉक्स’ मिले
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What is Black Box of Airplane-
ब्लैक बॉक्स एक एयरक्राफ्ट डिवाइस होती है, जो एयरक्राफ्ट और फ्लाइट पैरामीटर्स की परफॉर्मेंस को रिकॉर्ड करने का काम करती है। इस एयरक्राफ्ट डिवाइस (Aircraft Device) को प्लेन के पिछले हिस्से में फिट किया जाता है, जहां से यह पूरे प्लेन की परफॉर्मेंस को रिकॉर्ड करती रहती है। इसे फ्लाइट रिकॉर्डर (Flight Recorder) के नाम से भी जाना जाता है।ब्लैक बॉक्स में मुख्यतः दो कंपोनेंट पाए जाते हैं।
1. कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (CVR)- जैसा कि नाम से पता चलता है, यह कॉकपिट अर्थात पायलट केबिन में हो रही सभी तरह के आवाजों को रिकॉर्ड करने का काम करता है। पायलट के बीच में क्या बातें हो रही हैं, किस तरह की कमांड दी जा रही है, एयर ट्रेफिक कंट्रोलर से पायलट क्या बातचीत कर रहा था, पायलट की माइक में किस तरह की आवाज आ रही थी, ये सभी आवाजें कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर में रिकॉर्ड हो जाती हैं। इसमें लगभग 2 घंटे की कॉकपिट रिकॉर्डिंग होती है। यदि कोई दो विमान दुर्घटनाग्रस्त हो जाती है तो इस वॉयस रिकॉर्डिंग के जरिए दुर्घटना के कारणों का काफी हद तक पता लगाया जा सकता है। 2. फ्लाइट डाटा रिकॉर्डर (FDR)- इसका भी काम नाम के अनुरूप ही होता है। इस पार्ट में पूरे विमान से जुड़ी इंफॉर्मेशन को रिकॉर्ड किया जाता है। इसमें जहाज से जुड़े लगभग 80 तरह के डाटा सेव किए जाते हैं। फ्लाइट किस समय पर किस स्पीड से चल रही थी, फ्लाइट का झुकाव किस तरफ था, कितने आरपीएम पर उसके प्रोपेलर घूम रहे थे, फ्लाइट का लैंडिंग गियर खुला था या बंद था, फ्लाइट में फ्यूल कितना था, फ्यूल का टेंपरेचर कितना था, इंजन का टेंपरेचर कितना था, बाहर का टेंपरेचर कितना था, बाहर हवाएं किस दिशा में चल रही थी, नीचे ग्रेविटी कितनी थी? यह सभी बातें फ्लाइट डाटा रिकॉर्डर (FDR) में रिकॉर्ड होती हैं। FDR में 25 घंटे तक का फ्लाइट डाटा स्टोर होता है।बहुत मजबूत होता है ब्लैक बॉक्स-
फ्लाइट के ब्लैक बॉक्स (Black Box in Airplane) को बहुत मजबूत बनाया जाता है, जिससे आग और पानी का भी इस पर असर नहीं होता है। प्लेन अगर पूरी तरह से जल जाए तो भी ब्लैकबॉक्स पर कोई असर नहीं आता है, यहां तक कि विमान यदि पानी में भी गिर जाए तो भी लगभग 1 महीने तक इसको कोई नुकसान नही होगा। इसका नाम भले ही ब्लैकबॉक्स होता है, लेकिन जेनेरली यह डीप ऑरेंज कलर का बॉक्स होता है। ब्लैक बॉक्स डिवाइस काफी ड्यूरेबल होती है और 3400 ग्रेविटेशनल एक्सरिलेशन को भी सरवाइव कर जाती है। इसकी कैपेसिटी इतनी अधिक होती है कि यह 1100 डिग्री सेंटीग्रेड टेंपरेचर में भी सरवाइव का जाती है, जिससे यदि विमान पूरी तरह से जल जाए तो भी इसे कोई नुकसान नहीं पहुंचता है। इसके साथ ही इसमें 20,000 फिट गहराई के अंदर वाटर प्रेशर को भी झेलने की क्षमता होती है।ब्लैक बॉक्स मिलने से विमान दुर्घटना की असली वजह आएगी सामने -
नेपाल के पोखरा में यति एयरलाइंस की फ्लाइट ANC ATR 72 के दुर्घटनाग्रस्त होने की वजह का खुलासा ब्लैक बॉक्स (Black Box) के जरिए हो सकेगा।NEPAL PLANE CRASH : नेपाल में दुर्घटनाग्रस्त ‘यती एयरलाइंस’ के विमान के दोनों ‘ब्लैक बॉक्स’ मिले
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