Black Box of Airplane- विमान दुर्घटना के बाद क्यों ढूंढते हैं Black Box ??

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Black Box of Airplane
locationभारत
userचेतना मंच
calendar17 Jan 2023 05:25 PM
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Black Box of Airplane- रविवार को नेपाल के पोखरा में एक बेहद भीषण विमान हादसा (Nepal plane Crash) हो गया, जिसमें विमान में सवार यात्रियों के साथ साथ सभी विमानकर्मियों की मृत्यु हो गई। यति एयरलाइंस के ATR-72 विमान में हादसे के दौरान 4 क्रू मेंबर्स के साथ 68 यात्री सवार थे। फ्लाइट लैंडिंग के दौरान विमान हादसे का शिकार हो गया और विमान में सवार सभी लोग मारे गए। क्यों हुआ यह विमान हादसा, किसी तकनीकी खराबी की वजह से विमान हादसे का शिकार हुआ या पायलट की गलती की वजह से यह बड़ी दुर्घटना हुई, अभी इस बात का खुलासा नहीं हो पाया है। विमान हादसे की वजह का पता लगाने के लिए एक कमेटी बनाई गई है। जो इस विमान हादसे की वजह का पता लगाएगी। फिलहाल प्लेन क्रैश होने के कारण का पता लगाने के लिए सबसे पहले ब्लैक बॉक्स (Black Box) की खोज की जा रही थी, जो अब मिल चुका है। क्या होता है यह ब्लैक बॉक्स जिसके जरिए, विमान दुर्घटना के कारणों का पता लग सकता है, इसके बारे में आइए जानते हैं विस्तार से -

What is Black Box of Airplane-

ब्लैक बॉक्स एक एयरक्राफ्ट डिवाइस होती है, जो एयरक्राफ्ट और फ्लाइट पैरामीटर्स की परफॉर्मेंस को रिकॉर्ड करने का काम करती है। इस एयरक्राफ्ट डिवाइस (Aircraft Device) को प्लेन के पिछले हिस्से में फिट किया जाता है, जहां से यह पूरे प्लेन की परफॉर्मेंस को रिकॉर्ड करती रहती है। इसे फ्लाइट रिकॉर्डर (Flight Recorder) के नाम से भी जाना जाता है।

ब्लैक बॉक्स में मुख्यतः दो कंपोनेंट पाए जाते हैं।

1. कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (CVR)- जैसा कि नाम से पता चलता है, यह कॉकपिट अर्थात पायलट केबिन में हो रही सभी तरह के आवाजों को रिकॉर्ड करने का काम करता है। पायलट के बीच में क्या बातें हो रही हैं, किस तरह की कमांड दी जा रही है, एयर ट्रेफिक कंट्रोलर से पायलट क्या बातचीत कर रहा था, पायलट की माइक में किस तरह की आवाज आ रही थी, ये सभी आवाजें कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर में रिकॉर्ड हो जाती हैं। इसमें लगभग 2 घंटे की कॉकपिट रिकॉर्डिंग होती है। यदि कोई दो विमान दुर्घटनाग्रस्त हो जाती है तो इस वॉयस रिकॉर्डिंग के जरिए दुर्घटना के कारणों का काफी हद तक पता लगाया जा सकता है।  2. फ्लाइट डाटा रिकॉर्डर (FDR)- इसका भी काम नाम के अनुरूप ही होता है। इस पार्ट में पूरे विमान से जुड़ी इंफॉर्मेशन को रिकॉर्ड किया जाता है। इसमें जहाज से जुड़े लगभग 80 तरह के डाटा सेव किए जाते हैं। फ्लाइट किस समय पर किस स्पीड से चल रही थी, फ्लाइट का झुकाव किस तरफ था, कितने आरपीएम पर उसके प्रोपेलर घूम रहे थे, फ्लाइट का लैंडिंग गियर खुला था या बंद था, फ्लाइट में फ्यूल कितना था, फ्यूल का टेंपरेचर कितना था, इंजन का टेंपरेचर कितना था, बाहर का टेंपरेचर कितना था, बाहर हवाएं किस दिशा में चल रही थी, नीचे ग्रेविटी कितनी थी? यह सभी बातें फ्लाइट डाटा रिकॉर्डर (FDR) में रिकॉर्ड होती हैं। FDR में 25 घंटे तक का फ्लाइट डाटा स्टोर होता है।

बहुत मजबूत होता है ब्लैक बॉक्स-

फ्लाइट के ब्लैक बॉक्स (Black Box in Airplane) को बहुत मजबूत बनाया जाता है, जिससे आग और पानी का भी इस पर असर नहीं होता है। प्लेन अगर पूरी तरह से जल जाए तो भी ब्लैकबॉक्स पर कोई असर नहीं आता है, यहां तक कि विमान यदि पानी में भी गिर जाए तो भी लगभग 1 महीने तक इसको कोई नुकसान नही होगा। इसका नाम भले ही ब्लैकबॉक्स होता है, लेकिन जेनेरली यह डीप ऑरेंज कलर का बॉक्स होता है। ब्लैक बॉक्स डिवाइस काफी ड्यूरेबल होती है और 3400 ग्रेविटेशनल एक्सरिलेशन को भी सरवाइव कर जाती है। इसकी कैपेसिटी इतनी अधिक होती है कि यह 1100 डिग्री सेंटीग्रेड टेंपरेचर में भी सरवाइव का जाती है, जिससे यदि विमान पूरी तरह से जल जाए तो भी इसे कोई नुकसान नहीं पहुंचता है। इसके साथ ही इसमें 20,000 फिट गहराई के अंदर वाटर प्रेशर को भी झेलने की क्षमता होती है।

ब्लैक बॉक्स मिलने से विमान दुर्घटना की असली वजह आएगी सामने -

नेपाल के पोखरा में यति एयरलाइंस की फ्लाइट ANC ATR 72 के दुर्घटनाग्रस्त होने की वजह का खुलासा ब्लैक बॉक्स (Black Box) के जरिए हो सकेगा।

NEPAL PLANE CRASH : नेपाल में दुर्घटनाग्रस्त ‘यती एयरलाइंस’ के विमान के दोनों ‘ब्लैक बॉक्स’ मिले

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Political News : गौतमबुद्धनगर में बसपा की ‘घुटती सांसों’ को कैसे मिलेगी ‘संजीवनी’

Maya
How will the 'choking breath' of BSP get 'Sanjivani' in Gautam Buddha Nagar?
locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 03:50 AM
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- अरविंद प्रसाद गौतमबुद्धनगर। उत्तर प्रदेश की धाकड़ मुख्यमंत्री रहीं मायावती (Mayawati) के समय में जिस बहुजन समाज पार्टी (BSP) की गौतमबुद्धनगर में धमक थी, आज वह पार्टी 'संजीवनी' तलाश रही है। आज गौतमबुद्धनगर में गुटबाजी ने बसपा का सारा रंग फीका कर दिया है।

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बसपा सुप्रीमो व उप्र की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने कड़े संघर्ष और चुनौतियों का सामना कर दलित नेता कांशीराम (Kanshiram) द्वारा स्थापित बहुजन समाज पार्टी को उत्तर प्रदेश में एक मजबूत राजनैतिक दल बनाया था। उत्तर प्रदेश सहित देश के कई अन्य राज्यों में मायावती ने एक बड़े दलित नेता के रूप में अपनी पहचान स्थापित की। देश के पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव ने उन्हें ‘लोकतंत्र का चमत्कार’ कहा था। वर्ष-1993 में कांशीराम ने जब समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन किया तो 1995 में मायावती पहली बार उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री बनीं। वह भारत की अनुसूचित जाति की पहली महिला मुख्यमंत्री थीं। 1997 और 2002 में वह भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के बाहरी समर्थन से मुख्यमंत्री बनीं। दूसरी बार वर्ष-2003 में केवल एक वर्ष के लिए मायावती प्रदेश की मुख्मयंत्री बनी।

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समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) से वर्ष-2012 के विधानसभा चुनाव में हार के बाद उन्होंने 7 मार्च 2012 को मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया और राज्यसभा चली गईं। 2012 के बाद उत्तर प्रदेश के साथ ही गौतमबुद्धनगर में बसपा का रंग फीका होता चला गया। पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के बाद उप्र में भारतीय जनता पार्टी की आंधी चली और इस आंधी में कांग्रेस के साथ ही बसपा के भी तिनके बिखर गए। हालांकि सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव इन दिनों अकेले ही भाजपा से लोहा ले रहे हैं, लेकिन कभी राजनीति की धुरी बन चुकी मायावती ने अपने हथियार भाजपा के सामने डाल दिये हैं।

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मायावती ने अब सारे गुणा-भाग लगाकार घोषणा की है कि आगामी लोकसभा और विधानसभा का चुनाव उनकी पार्टी अकेले ही लड़ेगी। पार्टी सूत्रों के मुताबिक लोकसभा चुनाव से पहले पार्टी का पूरा हुलिया बदलने का प्लान है। मायावती के भतीजे आनंद कुमार की सलाह पर बसपा में अधिक से अधिक युवाओं को मौका देने की तैयारी है। शायद मायावती यह परखना चाहती हैं कि उनकी पार्टी की साख जनता में कितनी बची है। अब बात करें गौतमबुद्धनगर की तो यहां बहुजन समाज पार्टी शून्यता की ओर तेजी से बढ़ रही है। आज कोई भी दमदार नेता नहीं बचा है, जो पार्टी को मजबूती के साथ फिर खड़ा कर सके। बसपा के कई दिग्गज नेता साथ छोडक़र भाजपा व अन्य राजनैतिक दलों में जाकर अपना भविष्य तलाश रहे हैं।

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लगभग 9 वर्ष पूर्व गौतमबुद्धनगर से बसपा सांसद रहे सुरेन्द्र नागर का टिकट काटकर हरौला निवासी सतीश अवाना को दिया गया था। पार्टी के इस फैसले के बाद सुरेन्द्र नागर समाजवादी पार्टी में शामिल होकर राज्यसभा गये और फिर इन दिनों भाजपा के कोटे से राज्यसभा से सांसद हैं। बसपा को छोड़ने वाले नेताओं का सिलसिला पार्टी के गिरते जनाधार के साथ लगातार जारी है। पार्टी को अब तक दादरी से बसपा के दो बार विधायक रहे सतवीर गुर्जर, वरिष्ठ नेता व पूर्व मंत्री वेदराम भाटी, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष विरेन्द्र डाढा, पूर्व चेयरमैन रविन्द्र भाटी, पूर्व प्रत्याशी नरेन्द्र डाढा, किठौर विधानसभा से पूर्व प्रत्याशी व जिला पंचायत की पूर्व चेयरमैन जयवती नागर के पति गजराज नागर, पूर्व जिला पंचायत सदस्य व गौतमबुद्धनगर बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष एडवोकेट रामशरण नागर, दादरी से बसपा के पूर्व प्रत्याशी इन्द्रवीर भाटी, कर्मवीर नागर सहित कई ऐसे नाम हैं, जो बसपा से अपना नाता तोड़ चुके हैं। अब पार्टी में केवल पुराने नामों में करतार नागर व मनवीर भाटी ही बचे हैं। गौतमबुद्धनगर के पूर्व जिलाध्यक्ष लख्मी सिंह भी इन दिनों सक्रिय नहीं हैं। उन्हें पार्टी ने एक लाख नये सदस्य जोड़ने के टारगेट को पूरा न करने तथा पूर्व में मिली कई शिकायतों के आधार पर जिलाध्यक्ष के पद से हटाकर अक्टूबर माह में नया प्रभारी दीपक बौद्ध को बनाया है। लेकिन, नये जिलाध्यक्ष ने भी पार्टी में दीमक की तरह फैली गुटबाजी के आगे हथियार डाल दिये हैं। बसपा से जुड़े नेताओं ने नाम न छापने के अनुरोध पर बताया कि पुराने व नये कार्यकर्ता को जोड़ने में नये जिलाध्यक्ष को काफी दिक्कतें आ रही हैं। खासकर नये सदस्य बनाने के टारगेट को पूरा करना उनके लिए 'टेढ़ी खीर' है। बसपा पिछले कई सालों से जनहित से जुड़े मुद्दों से अपने को अलग कर बैठी है। केवल सोशल मीडिया और बयानबाजी तक ही बसपा नेता व उसका कैडर सीमित है। ऐसे में पार्टी को कहां से संजीवनी मिलेगी, यह बड़ा सवाल है? देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें। News uploaded from Noida
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Om
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locationभारत
userचेतना मंच
calendar02 Dec 2025 12:40 AM
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नई दिल्ली। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि भारत ‘ग्लोबल साउथ’ की चिंताओं को जी-20 की अपनी अध्यक्षता के दौरान समूह की रूपरेखा में शामिल कराने की कोशिश करेगा।

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बिरला केन्या में भारतीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई कर रहे हैं। उन्होंने केन्या के उपराष्ट्रपति रिगाथी गचागुआ के साथ बैठक के दौरान यह टिप्पणी की। इस मौके पर उन्होंने शांति और विकास के लिए आतंकवाद को खत्म करने के सामूहिक प्रयासों का आग्रह किया।

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संयुक्त राष्ट्र में भारत और केन्या के सहयोग के बारे में बात करते हुए बिरला ने वैश्विक मंचों पर दोनों देशों के बीच घनिष्ठ सहयोग का आह्वान किया। देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें। News uploaded from Noida