उत्तर प्रदेश को पर्यटन का नया हब बनाने पर खर्च होंगे 4560 करोड़

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calendar13 Jun 2025 11:33 PM
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UP News :  उत्तर प्रदेश सरकार (Uttar Pradesh Government) प्रदेश को बड़ा पर्यटन हब (Tourist hub) बनाने की दिशा में तेजी के साथ आगे बढ़ रही है। उत्तर प्रदेश को टूरिज्म के मामले में नम्बर-1 बनाने की दिशा में हर स्तर पर काम चल रहा है। इसी कड़ी में उत्तर प्रदेश सरकार प्रदेश (Uttar Pradesh Government) को पर्यटन का सबसे बड़ा हब बनाने के काम पर 4560 करोड़ रूपये का भारी भरकम खर्च कर रही है।

उत्तर प्रदेश में पर्यटन को लगने वाले हें नए पंख

उत्तर प्रदेश के पर्यटन विभाग ने बड़ी जानकारी मीडिया के साथ साझा की है। उत्तर प्रदेश के पर्यटन विभाग (Tourism Department) के प्रवक्ता ने बताया कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के प्रयासों से आने वाले समय में उत्तर प्रदेश में पर्यटन को और पंख लगेंगे। द वर्ल्ड ट्रेवल एंड टूरिज्म काउंसिल (WTTC) ने राष्ट्रीय स्तर पर पर्यटन के परिदृश्य के बारे में जो पूर्वानुमान जताया है उससे तो इस बात के पुख्ता संकेत मिल रहे हैं। इन संकेतों में छिपी संभावनाओं को सच में तब्दील करने को योगी सरकार पूरी तरह योजनाबद्ध तरीके से प्रतिबद्ध भी है। प्रदेश में विदेशी और घरेलू पर्यटकों की आमद बढऩे के साथ ही इनके द्वारा यात्रा, रहने, खाने और यादगार के रूप में स्थानीय उत्पादों के खरीदे जाने से अर्थव्यवस्था तो सुधरेगी ही, इससे जुड़े ट्रांसपोर्टेशन, होटल, होम स्टे, गाइड आदि सेक्टर्स में रोजी-रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।

उत्तर प्रदेश में अपार संभावनाएं हैं पर्यटन की

WTTC की रिपोर्ट के अनुसार साल 2024 के राष्ट्रीय पर्यटन संबंधी आंकड़े 2019 के सभी मानकों को पीछे छोड़ चुके हैं। संस्था ने 2030 तक के लिए जो पूर्वानुमान जताए हैं वे बेहद ही संभावनाओं वाले हैं। भगवान श्रीराम की जन्मभूमि अयोध्या, राधाकृष्ण की जन्मभूमि और कर्मस्थली ब्रजभूमि उत्तर प्रदेश में ही है। तीरथराज प्रयाग, विश्व की सबसे पुरातन नगरी एवं तीनों लोकों से न्यारी शिव की काशी, दुनिया को शांति और अहिंसा के संदेश से प्रकाशित करने वाले भगवान बुद्ध से जुड़े सभी प्रमुख स्थल कुशीनगर, सारनाथ, कपिलवस्तु भी उत्तर प्रदेश में हैं। इन सब वजहों से देश में बढ़ते पर्यटन के कारण यूपी में पर्यटन की संभावना भी बढ़ जाती है। यह हो भी रहा है। सरकारी आंकड़े इसकी तस्दीक भी कर रहे हैं। ऐसा हो इसके लिए संभावना वाले टूरिज्म स्पॉट को केंद्र बनाकर योगी सरकार पर्यटकों की सुरक्षा और सुविधा के लिए वैश्विक स्तर की बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराने को प्रतिबद्ध है। प्राथमिकता बनाकर चरणबद्ध तरीके से यह काम हो भी रहा है। इसमें केंद्र सरकार का भी विभिन्न योजनाओं के जरिये भरपूर सहयोग मिल रहा है। WTTC के अनुसार देश के लिए पर्यटन के लिहाज से साल 2025 रिकॉर्ड ब्रेकिंग हो सकता है। इसकी वजह से देश की अर्थव्यवस्था में इस सेक्टर का योगदान 22 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है। इस पूर्वानुमान के अनुसार टूरिज्म सेक्टर से जुड़े सेक्टर्स में रोजगार पाने वालों की संख्या 48 मिलियन से अधिक हो सकती है। संस्था की ओर से साल 2030 के लिए जताए गए पूर्वानुमान के अनुसार पर्यटन से अर्थव्यवस्था को मिलने वाला योगदान 42 लाख करोड़ और रोजगार बढक़र 64 मिलियन हो जाएगा।

उत्तर प्रदेश में पर्यटन की वर्तमान स्थिति

इन आंकड़ों में ही उत्तर प्रदेश के टूरिज्म सेक्टर की भी संभावनाएं छिपी हैं। खासकर धार्मिक पर्यटन के लिहाज से। सरकार भी इसे जानती और स्वीकार करती है। इसीलिए ऐसे स्थलों के विकास पर उसका सर्वाधिक फोकस भी है। खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अनुसार, "धार्मिक पर्यटन की संभावनाओं को बढ़ावा देने के प्रयास न केवल आस्था को आह्लादित करते हैं, बल्कि अर्थव्यवस्था को भी मजबूत बनाते हैं। केंद्र सरकार की स्वदेश दर्शन, प्रसाद तथा रामायण, कृष्ण, बौद्ध सर्किट जैसी योजनाओं ने पर्यटन विकास को गति दी हैं। उत्तर प्रदेश की डबल इंजन सरकार ने इन क्षेत्रों में सडक़, परिवहन, रुकने की सुविधाएं और सुरक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए कई ठोस कदम उठाए है। पर्यटन के प्रति बढ़ते रुझान और सरकार की प्रभावशाली नीतियों के चलते प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसरों में अभूतपूर्व वृद्धि के साथ स्थानीय स्तर पर युवाओं के लिए रोजी-रोजगार के अवसर बढ़े हैं। स्थानीय हस्तशिल्प एवं स्थान विशेष की पहचान बने उत्पादों को खूब लाभ मिला है। इन पर्यटन स्थानों में हुए विकास से युवा उद्यमियों और स्टार्टअप्स को भी नए अवसर प्राप्त हो रहे हैं। नि:संदेह उत्तर प्रदेश ने अपनी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहरों को संरक्षित एवं पुनरुद्धार कर पर्यटन के नए हब के रूप में अपनी पहचान बनाई है"।

पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए योगी सरकार द्वारा किए जा रहे कार्य

उत्तर प्रदेश में टूरिज्म सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए ही उत्तर प्रदेश सरकार 4560 करोड़ रुपये की लागत से धार्मिक स्थलों को जोडऩे वाले 272 मार्गों का विकास करा रही है। महत्वपूर्ण तीर्थ स्थलों पर आने वाले घरेलू एवं विदेशी पर्यटकों को वैश्विक स्तर की बुनियादी सुविधाएं मिलें, इसे ध्यान में रखते हुए वहां विकास कार्य हो रहे हैं। मसलन लखनऊ, प्रयागराज, कपिलवस्तु में हेलीपोर्ट सेवा शुरू हो चुकी है। कुछ अन्य प्रमुख पर्यटन स्थलों को भी शीघ्र ही इस सेवा का लाभ मिलने लगेगा। अयोध्या शोध संस्थान का उच्चीकरण, अंतरराष्ट्रीय रामायण एवं वैदिक शोध संस्थान की स्थापना भी हो रही है। कुशीनगर में बुद्धा थीम पार्क परियोजना, सीतापुर स्थित नैमिषारण्य तपोस्थली पर वेद विज्ञान अध्ययन केंद्र की स्थापना के साथ नैमिष तीर्थ एवं शुक्र तीर्थ का पुनरुद्धार किया गया है। गोरखपुर में परमहंस योगानंद जी की जन्मस्थली के पुनरोद्घार के साथ गंगा के किनारे जिस श्रृंगवेरपुर में वनगमन के दौरान भगवान श्रीराम और निषादराज गुह्य का मिलन हुआ था, जहां से वे गंगा पार कर प्रयागराज होते हुए चित्रकूट गए थे उसे सरकार पर्यटन स्थल के रूप में विकसित कर रही है। योगी सरकार उत्तर प्रदेश में पडऩे वनगमन मार्ग के उन सभी प्रमुख स्थलों की विकसित कर रही है जहां राम ने पत्नी सीता एवं भाई लक्ष्मण सहित कुछ समय गुजारे थे। पूरे वनगमन मार्ग पर उसी तरह के पौधरोपण की भी योजना है जिनका जिक्र तुलसीदास के रामचरित मानस या अन्य धार्मिक ग्रंथों में मिलता है। पर्यटकों को लुभाने के लिए सरकार चित्रकूट, बरसाना एवं अष्टभुजा-कालीखोह में पीपीपी मॉडल पर रोपवे परियोजनाओं की शुरुआत कर चुकी है। प्रयागराज और काशी में भी सरकार रोपवे शुरू करेगी। कॉरिडोर, विकास परिषद एवं सर्किट बनाकर योगी सरकार प्रमुख तीर्थ स्थलों समेत टूरिज्म के लिहाज से महत्वपूर्ण अन्य स्थानों का भी विकास करा रही है। श्रीकाशी विश्वनाथ धाम, मीरजापुर जिले में स्थित विंध्य धाम कॉरिडोर, बरेली स्थित नाथ कॉरिडोर के जरिये इन जगहों का विकास किया जा रहा है। कुछ जगहों पर काम हो चुका है। बाकी में युद्ध स्तर पर जारी है।सरकार ने इसी उद्देश्य से तीर्थ विकास परिषदों का भी गठन किया है। श्री अयोध्या जी तीर्थ विकास परिषद, श्री देवीपाटन तीर्थ विकास परिषद, उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद, श्री विंध्य धाम तीर्थ विकास परिषद, श्री चित्रकूट धाम तीर्थ विकास परिषद नैमिषारण्य धाम तीर्थ विकास परिषद,उत्तर प्रदेश श्री शुक्र तीर्थ विकास परिषद इसके उदाहरण हैं।

पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए बने सर्किट

नियोजित विकास के लिए योगी सरकार ने अलग-अलग पर्यटन स्थलों के लिए सर्किट बनाएं हैं। इनमें रामायण, महाभारत बौद्ध, शक्तिपीठ, जैन, आध्यात्मिक, कृष्ण ब्रज, सूफी कबीर धार्मिक लिहाज से महत्वपूर्ण हैं। इसके अलावा हाल के वर्षों में लोगों की पसंद बने एडवेंचर, इको टूरिज्म के लिए बुंदेलखंड एवं वाइल्ड लाइफ इको टूरिज्म सर्किट भी हैं। प्रदेश की बेहद संपन्न परंपरा को टूरिज्म के जरिये बढ़ावा देने के लिए शिल्प सर्किट भी है। स्थान विशेष पर परंपरागत रूप से चले आ रहे मेलों को प्रोत्साहन देने के लिए योगी सरकार ने कुछ मेलों का प्रांतीयकरण भी किया है। इसमें अयोध्या में लगने वाला मकर संक्रांति एवं बसंत पंचमी, बुलंदशहर के अनूप शहर में लगने वाला कार्तिक पूर्णिमा, गंगा स्नान मेला और हाथरस में आयोजित होने वाला लख्खी मेला श्री दाऊजी महराज। दीपावली के एक दिन पहले अयोध्या में आयोजित दीपोत्सव योगी सरकार की अपनी पहल है। इसका अयोध्या की ब्रांडिंग में अच्छी खासी मदद मिली है। अब यह एक अंतरराष्ट्रीय आयोजन बन चुका है। श्रीकृष्ण की जन्मभूमि मथुरा में कृष्ण जन्माष्टमी में और बरसाने की होली में मुख्यमंत्री द्वारा भाग लेने से इन आयोजनों का रंग भी चटक हुआ है। इनके प्रति देश और दुनिया के पर्यटकों की उत्सुकता और आमद दोनों बढ़ी है। साल 2023 और 2024 के आंकड़े भी यही बताते हैं। आंकड़ों को मुताबिक 2023 में अयोध्या आने वाले पर्यटकों की संख्या 5.76 करोड़ थी जो 2024 में बढक़र 16.44 करोड़ तक पहुंच गई। इसी दौरान काशी में यह वृद्धि 10.18 करोड़ से 11 करोड़, मथुरा में 7.79 करोड़ से 9 करोड़ हुई। प्रयागराज में 5.06 करोड़ की तुलना में 5.12 करोड़ पर्यटक आए। 2025 में प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ, उलट प्रवाह के क्रम में यहां से अयोध्या, काशी, ब्रज क्षेत्र के तीर्थों और शक्तिपीठों पर जाने वाले पर्यटकों, श्रद्धालुओं की वजह से 2025 के आंकड़े एक नया लैंड मार्क बनाएंगे। उल्लेखनीय है कि महाकुंभ में कुल 66.30 करोड़ पर्यटक, श्रद्धालु आए थे। इनके जरिये प्रदेश की अर्थव्यवस्था को 3 लाख करोड़ रुपये से अधिक की रकम मिली। UP News :

आप बेरोजगार हैं तो उत्तर प्रदेश सरकार आएगी आपके घर

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आप बेरोजगार हैं तो उत्तर प्रदेश सरकार आएगी आपके घर

CM Yogi
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calendar28 Nov 2025 04:21 PM
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UP News : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) की एक खास योजना है। उत्तर प्रदेश सरकार (Uttar Pradesh Government) की इस योजना का नाम ‘सीएम युवा योजना’ है। उत्तर प्रदेश सरकार ने इस खास योजना में बहुत बड़ी पहल शुरू की है। यदि आप उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं तथा दुर्भाग्य के कारण बेरोजगार हैं तो आपको परेशान होने की आवश्यकता नहीं है। उत्तर प्रदेश सरकार (Uttar Pradesh Government) के अधिकारी आपके पास खुद चलकर आएंगे। आपके पास आकर अधिकारी आपको पांच लाख रूपये (Five lakh rupees) देंगे। इस रूपए से आप अपना खुद का रोजगार शुरू कर सकते हैं।

उत्तर प्रदेश के युवा वर्ग के लिए बड़ी पहल

उत्तर प्रदेश सरकार के सूचना तथा जनसंपर्क विभाग ने एक प्रेस नोट जारी किया है। इस प्रेस नोट में बताया गया है कि उत्तर प्रदेश सरकार की सीएम युवा योजना अब सिर्फ योजना नहीं, बल्कि स्वरोजगार की नई क्रांति बनकर उभर रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुसार, इस योजना के अंतर्गत अब सरकार स्वयं योग्य और शिक्षित युवाओं को खोजकर उन्हें 5 लाख रुपये तक का ऋण देकर आत्मनिर्भर बनाने जा रही है। इस योजना के तहत विशेष अभियान चलाकर प्रत्येक जनपद में अधिकारियों की टीम विश्वविद्यालयों, इंजीनियरिंग कॉलेजों और अन्य उच्च शिक्षण संस्थानों में जाकर ऐसे युवाओं को चिन्हित करेगी जो या तो ग्रेजुएशन के अंतिम वर्ष में हैं या पढ़ाई पूरी करने के बाद भी बेरोजगार हैं। उन्हें चिह्नित कर योजना के तहत 5 लाख रुपए तक का लोन बिना ब्याज और बिना गारंटी उपलब्ध कराया जाएगा, ताकि वो स्वरोजगार से जुडक़र दूसरों के लिए भी रोजगार का प्रबंध कर सकें।

उत्तर प्रदेश के योग्य युवा नहीं रहेंगे बेरोजगार

सीएम युवा योजना के नोडल अधिकारी ज्वॉइंट कमिश्नर इंडस्ट्रीज सर्वेश्वर शुक्ला के अनुसार योगी सरकार का मुख्य उद्देश्य है कि इस योजना से सभी योग्य, शिक्षित और प्रगतिशील सोच वाले युवाओं को जोड़ा जाए ताकि वे खुद का व्यवसाय स्थापित कर न केवल खुद को बल्कि दूसरों को भी रोजगार दे सकें। सरकार चाहती है कि युवाओं को 'बेरोजगार' की जगह 'स्वरोजगार' के रास्ते पर लाया जाए। योजनाओं के तहत संबंधित ट्रेड में उन्हें 5 लाख रुपए तक का लोन और तकनीकी मार्गदर्शन दिया जाएगा, जिससे उनका स्टार्टअप या व्यवसाय सफल हो सके। इसके लिए इसी माह से टीमें गठित कर सभी 75 जनपदों में अभियान चलाया जाएगा। यूनिवर्सिटीज, डिग्री कॉलेज, इंजीनियरिंग कॉलेज समेत उच्च शिक्षण संस्थाओं में ऐसे युवाओं की तलाश होगी जो अपने प्रोजेक्ट को धरातल पर उतारने के लिए आर्थिक मदद की तलाश में हों। ऐसे युवाओं को प्रोत्साहित कर उन्हें बिना ब्याज और बिना गारंटी के 5 लाख तक का लोन उपलब्ध कराया जाएगा। सीएम योगी के विजन के अनुरूप प्रदेश के युवाओं को स्वावलंबी और आत्मनिर्भर बनाने के लिए शुरू की गई इस योजना को और गति देने के लिए अधिकारियों को भी विशेष ट्रेनिंग दी जा रही है। इसके तहत, निर्यात भवन लखनऊ में दो दिवसीय कार्यशाला का भी आयोजन किया गया है, जिसमें कैपेसिटी बिल्डिंग पर जोर दिया जा रहा है। इस कार्यशाला में अधिकारियों को सीएम युवा पोर्टल को और अधिक यूजऱ फ्रेंडली और उपयोगी बनाने के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है। कैपेसिटी बिल्डिंग के अंतर्गत अब अधिकारियों की क्वेरीज के आधार पर फोकस्ड और टारगेटेड प्रयास किए जा रहे हैं। जल्द ही प्रशिक्षित अधिकारी कॉलेजों में जाकर योजना को जमीनी स्तर पर लागू करेंगे।

उत्तर प्रदेश के 53 हजार युवा हो चुके हैं लखपति

सीएम युवा योजना अब नौकरी ढूंढने के दौर को बदलते हुए नौकरी देने वाले युवाओं को तैयार कर रही है। इसके तहत अब तक 53 हजार से अधिक युवाओं के ऋण आवेदनों को स्वीकृत करते हुए 40 हजार को लोन वितरित भी किया जा चुका है। योजना के माध्यम से लोन के लिए अब तक 2.5 लाख युवाओं ने आवेदन किया है, जिनमें से 1.10 लाख से अधिक आवेदनों को बैंकों को फॉरवर्ड किया गया है। इस योजना में बड़ी संख्या में महिलाएं, ओबीसी, एससी और अल्पसंख्यक समुदाय के युवाओं ने भी अपनी दिलचस्पी दिखाई है और इसका लाभ भी लिया है। केक मैन्युफैक्चरिंग, लॉन्ड्री, डिजिटल मार्केटिंग, इंटीरियर डिजाइनिंग, मिनरल वाटर प्लांट, टैटू स्टूडियो और सोलर पैनल इंस्टॉलेशन जैसे विविध क्षेत्रों में ब्याज मुक्त ऋण के माध्यम से युवा उद्यमी आत्मनिर्भरता की राह पर बढ़ रहे हैं। UP News :

उत्तर प्रदेश के इस विभाग ने कर दिया बड़ा कमाल

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उत्तर प्रदेश के इस विभाग ने कर दिया बड़ा कमाल

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UP News
locationभारत
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calendar13 Jun 2025 10:56 PM
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UP News : उत्तर प्रदेश सरकार (Uttar Pradesh Government) के एक खास सरकारी विभाग ने बड़ा कमाल कर दिया है। उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के इस विभाग ने मात्र 8 साल में एक से बढक़र एक 471 नए पुल (सेतु) बना दिए हैं। अकेले एक साल में 76 पुल (सेतु) बनाकर उत्तर प्रदेश के इस खास विभाग ने नया रिकॉर्ड कायम किया है। उत्तर प्रदेश सरकार (Uttar Pradesh Government) के इस विभाग ने मोटा धन कमाकर प्रदेश सरकार का खजाना भरने का काम भी किया है।

एक साल में 76 पुल बनाकर कायम किया रिकार्ड

उत्तर प्रदेश सरकार (Uttar Pradesh Government) के प्रवक्ता ने एक लिखित बयान जारी किया है। उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से जारी इस बयाान में बताया गया है कि उत्तर प्रदेश को उत्तम कनेक्टिविटी युक्त प्रदेश बनाने के लिए प्रतिबद्ध योगी सरकार नए प्रतिमान गढ़ रही है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विजन का असर है कि प्रदेश में मात्र एक साल में 76 सेतु परियोजनाओं का निर्माण उच्च गुणवत्ता को सुनिश्चित करते हुए पूरा कर लिया गया है। लोकनिर्माण विभाग के अंतर्गत उत्तर प्रदेश राज्य सेतु निगम लिमिटेड ने वित्तीय वर्ष 2024-25 में इस उपलब्धि को हासिल किया है जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है। आंकड़ों के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2024-25 में उ.प्र राज्य सेतु निगम लिमिटेड द्वारा जिन 76 सेतु परियोजनाओं को रिकॉर्ड समय में पूरा किया गया उनमें 43 नदी सेतु, 28 आरओबी व 5 फ्लाईओवर शामिल हैं।

खास बात यह है कि यह उपलब्धियां केवल एक वर्ष की अवधि तक सीमित नहीं है। सीएम योगी के अब तक के कार्यकाल में हुए निर्माण कार्य प्रदेश की भविष्य की जरूरतों अनुसार उत्तम कनेक्टिविटी सुनिश्चित करने में मील का पत्थर साबित हुए हैं। आंकड़ों के अनुसार, पिछले 8 वर्षों में सीएम योगी के निर्देश व मार्गदर्शन में उ.प्र राज्य सेतु निगम लिमिटेड ने कुल 471 सेतु परियोजनाओं के उच्च गुणवत्तापूर्ण निर्माण में सफलता प्राप्त की है। इसमें 313 नदी सेतु, 143 आरओबी तथा 15 फ्लाइओवर शामिल हैं।

उत्तर प्रदेश राज्य सेतु निगम ने भरा खजाना

लोकनिर्माण विभाग (Public Works Department) द्वारा प्रस्तुत किए गए आंकड़ों के अनुसार, उत्तर प्रदेश राज्य सेतु निगम लिमिटेड के टर्नओवर में भी सीएम योगी के अब तक के कार्यकाल में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। एक ओर, वित्तीय वर्ष 2017-18 में जहां कुल टर्नओवर 1013.74 करोड़ था, वहीं वित्तीय वर्ष 2018-19 में यह बढक़र 1360.34 करोड़ पहुंच गया। वित्तीय वर्ष 2019-20, 2020-21 तथा 2021-22 में भी वृद्धि दर्ज करते हुए टर्नओवर क्रमश: 1511.18 करोड़, 1936.92 करोड़ तथा 1959.33 करोड़ रहा। वर्ष 2022-23 में हालांकि टर्नओवर में कुछ कमी आई और वह 1946 करोड़ के स्तर पर रहा। इसके बाद वर्षों में टर्नओवर में रिकॉर्ड वृद्धि दर्ज की गई। वर्ष 2023-24 में टर्नओवर बढक़र 2376 करोड़ हो गया जबकि 2024-25 में यह 2583 करोड़ रुपए हो गया। यानी, वित्तीय वर्ष 2017-18 से लेकर 2024-25 तक उ.प्र राज्य सेतु निगम लिमिटेड के टर्नओवर में 2.5 गुना वृद्धि हुई है। उ.प्र राज्य सेतु निगम लिमिटेड द्वारा प्रदेश में जारी विभिन्न सेतु परियोजनाओं के निर्माण और विकास को लेकर एक विस्तृत खाका तैयार किया गया है। सीएम योगी के निर्देशानुसार प्रदेश के 10 मंडलों में जारी निर्माण व विकास कार्यों को लेकर इसमें विस्तृत ब्योरा पेश किया गया है।

इसी कार्ययोजना के आधार पर वित्तीय वर्ष 2025-26 में प्रदेश भर में जारी विभिन्न परियोजनाओं को पूरा करने में मदद मिलेगी। इनमें वरीयता के आधार पर उन कार्यों को पहले प्राथमिकता दी जाएगी जिनके पूरा होने पर बड़े स्तर पर क्षेत्रीय आबादी को लाभ मिलेगा। UP News :

नोएडा शहर में होगा सबसे अनोखा आयोजन, नजर आएगा ओडिशा

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