बंसल की विदाई : सत्ता और संगठन के बीच की खाई पाटने की कोशिश

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locationभारत
userचेतना मंच
calendar11 Aug 2022 03:58 PM
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 आर.पी. रघुवंशी New Delhi : नई दिल्ली। यूपी भाजपा के संगठन मंत्री सुनील बंसल की विदाई के पीछे कई राज छिपे हुए हैं। इसे यूपी की सत्ता और संगठन के बीच बनी गहरी खाई को पाटने की कोशिश के तौर पर भी देखा जा रहा है। हालांकि इसमें पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व कितना कामयाब होगा, यह देखने के लिए अभी इंतजार करना होगा। दरअसल, सुनील बंसल के तार सीधे तौर पर केंद्रीय नेतृत्व से जुड़े हुए हैं। उन्हें पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) और गृहमंत्री अमित शाह (Home Minister Amit Shah) का करीबी माना जाता है। यह भी चर्चा है कि उन्हें पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा (J.P.Nadda ) का भी आशीर्वाद प्राप्त है। जानकार बताते हैं कि प्रधानमंत्री की कुर्सी की ओर टकटकी लगाए यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ को ‘काबू’ में रखने के लिए पहले सुनील बंसल को मजबूत किया गया और बाद में गुजरात कैडर के आईएएस अफसर एके शर्मा को लखनऊ भेजा गया था। माना जाता है कि इसके पीछे पीएम मोदी और सरकार के चाणक्य अमित शाह की ‘चतुर चाल’ थी। केंद्रीय नेतृत्व की मंशा थी कि वह सरकार और संगठन, दोनों में अपने खास को तैनात कर पीएम की रेस में शामिल होने के ख्वाहिशमंद योगी के रास्ते में ‘स्पीड ब्रेकर’ लगा दी जाए, जिससे उनकी गति धीमी पड़ जाए। केंद्रीय नेतृत्व को यह भरोसा था कि वह अपने मकसद में कामयाब हो जाएंगे। लेकिन, वे शायद यह भूल गए कि संघ के हिन्दुत्व के एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए जितना मुफीद चेहरा भगवाधारी योगी आदित्यनाथ के रूप में है, वैसा फिलहाल पार्टी में दूसरा कोई नहीं है। यही कारण है कि पार्टी के दिग्गज योगी आदित्यनाथ की गति को रोकने में नाकाम साबित हुए। इस बीच, उत्तर प्रदेश में हुए विधानसभा चुनाव में योगी आदित्यनाथ को मिली जबरदस्त सफलता ने भी उनका कद बढ़ा दिया। सीएम योगी भी कंेद्रीय नेतृत्व की चाल को समय रहते भांप गए। यही कारण है कि तमाम कोशिशों और दबाव के बावजूद उन्होंने सुनील बंसल और एके शर्मा को तवज्जो नहीं दी। मसलन, संघ के ‘दुलारे’ और चुनाव में बड़ी सफलता पाने वाले योगी के सामने केंद्रीय नेतृत्व और पार्टी हाईकमान की रणनीति बौनी साबित हुई। यही कारण है कि उनके सामने अपने कदम पीछे खींचने के अलावा कोई चारा नहीं बचा था। अब पार्टी के नेतृत्व के सामने साल-2024 में प्रस्तावित आम चुनाव है। उसमें जीत के लिए सत्ता और संगठन का एकजुट होना जरूरी है। उसे यह महसूस होने लगा कि अगर सरकार और संगठन के बीच तालमेल नहीं हुआ तो उसे नुकसान उठाना पड़ सकता है। अगर ऐसा हुआ तो पीएम मोदी की साख को सबसे ज्यादा बट्टा लगेगा। शायद, इसी चिंतन को आगे बढ़ाने के मकसद से सुनील बंसल को यूपी से वापस बुलाया गया। हालांकि उन्हें तीन-तीन राज्यों का प्रभार देकर उनका उनका कद बढ़ाया गया। लेकिन, इन सबके बीच यह भी साबित हो गया कि सीएम योगी की रफ्तार को रोकने में ‘चाणक्य’ नाकाम हो गए।
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UP Breaking News : सच साबित हुई चेतना मंच की खबर... उप्र भाजपा से सुनील बंसल की हुई छुटटी, झारखंड से धर्मपाल को भेजा गया उत्तर प्रदेश

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userचेतना मंच
calendar28 Nov 2025 01:15 AM
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Lucknow / New Delhi :लखनऊ / नई दिल्ली। आखिर चेतना मंच की खबर सही साबित हुई। भारतीय जनता पार्टी के उप्र के संगठन महामंत्री सुनील बंसल की उप्र से छुटटी कर दी गयी है। अब उन्हें भाजपा का राष्ट्रीय महामंत्री बनाया गया है। यह जानकारी भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव एवं मुख्यालय प्रभारी अरूण सिंह ने दी है। उन्होंने बताया कि भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नडडा ने उप्र के पार्टी महामंत्री (संगठन) सुनील बंसल को उप्र से हटाकर पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में महामंत्री नियुक्त किया है। महामंत्री के तौर पर श्री बंसल पश्चिम बंगाल, उडीसा एवं तेलंगाना प्रदेशों के प्रभारी बनाए गए हैं। श्री बंसल के स्थान पर झारखंड प्रदेश के महामंत्री (संगठन) धर्मपाल को उप्र का महामंत्री संगठन नियुक्त किया गया है। इसी क्रम में उप्र के सह-संगठन मंत्री कर्मवीर को झारखंड में पार्टी का महामंत्री (संगठन ) बनाया गया है। यहां यह तथ्य उल्लेखनी है कि कर्मवीर को सुनील बंसल का खास माना जाता था। आप को बता दें कि चेतना मंच ने 30 जुलाई 2022 को यह समाचार प्रकाशित किया था कि सुनील बंसल की यूपी से छुटटी कर दी गयी है। आज चेतना मंच के उस समाचार पर पुष्टि की मोहर लग गई है। नीचे लिंक पर क्लिक करके पढ़ें पुराना समाचार:-

Breaking News : उप्र भाजपा में बड़ा उलटफेर, संगठन मंत्री बंसल की छुट्टी

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UP News : चुनावी वादा निभाएंगे सीएम योगी, सीनियर सिटीजन महिलाओं को देंगे मुफ्त यात्रा की सौगात

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locationभारत
userचेतना मंच
calendar28 Nov 2025 05:00 PM
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Lucknow: लखनऊ। सीएम योगी आदित्यनाथ विधानसभा चुनाव के वक्त किए गए एक और वादे को पूरा करने जा रहे हैं। इसकी तैयारी की जा रही है। सरकार यूपी में सीनियर सिटीजन महिलाओं को जल्द ही रोडवेज बसों में मुफ्त यात्रा की सुविधा देने जा रही है। बुधवार को सीएम योगी ने कहा कि चुनाव के वक्त हमने 60 साल से ज्यादा उम्र की महिलाओं को बस में फ्री सफर का वादा किया था। शीघ्र ही हम यह वादा पूरा करने जा रहे हैं। सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि रक्षाबंधन पर भी रोडवेज बसों में महिलाएं फ्री सफर कर सकेंगी। परिवहन विभाग ने बुधवार रात 12 बजे से शुक्रवार रात 12 बजे तक यानी दो दिन रोडवेज बसों में महिलाओं के लिए फ्री यात्रा का सर्कुलर जारी कर दिया है। उन्होंने बुधवार को सरकारी आवास से प्रदेश के सात बस अड्डों का ऑनलाइन उद्घाटन किया। यह बस अड्डे अलीगंज, एटा, गाजीपुर, मथुरा के नौझील, मुरादाबाद के कांठ, बाराबंकी के हैदरगढ़, जयसिंहपुरा और मथुरा सिग्नेचर ग्रीन सिटी में बने हैं। उन्होंने कहा कि इसके अलावा, यूपी रोडवेज के बेड़े में 150 नई डीजल बसें शामिल की गईं। सीएम ने कहा कि 150 नई बसें देने का रक्षाबंधन से अच्छा मौका नहीं हो सकता है। हर जिले में 2-2 नई बसें भेजी जा रही हैं। हम बस अड्डों को हाई क्लास बना रहे हैं। दूसरे राज्यों से यूपी में आने वालों को बेहतर कनेक्टिविटी मिलनी चाहिए। गांव-गांव तक रोडवेज की बसें पहुंचनी चाहिए। भारत के एयरपोर्ट वर्ल्ड क्लास बन सकते हैं। तो हम अपने बस स्टेशन को बेहतर क्यों नही कर सकते। इस दिशा में परिवहन निगम को काम करना होगा। उन्होंने कहा कि यूपी में 3 ड्राइविंग ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट अलीगढ़, बरेली और झांसी में खुल रहे हैं। ऑटोमेटिक ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक बरेली में बनकर तैयार हो चुका है। फिरोजाबाद में सारथी हॉल का भी उद्घाटन किया गया है। सीएम ने कहा कि यूपी परिवहन निगम का लंबा इतिहास है। इसको प्रोफेशनल तरीके से बढ़ाने की जरूरत है। हमने 2019 के कुंभ में श्रद्धालुओं की सेवा के लिए बसों को खरीदा था। इन्हीं बसों कोविड काल में भी इस्तेमाल किया गया। एक करोड़ से ज्यादा श्रमिकों को घर तक लाने में बसें ही काम आईं। 40 लाख कामगार अकेले उत्तर प्रदेश के थे। 30 लाख बिहार के श्रमिक थे। इसके अतिरिक्त, झारखंड, बंगाल, उड़ीसा, असम, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड राज्यों तक उन लोगों को पहुंचाया गया।