Uttrakhand : भर्ती परीक्षाओं में गड़बड़ी पर अब होगी उम्रकैद

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locationभारत
userचेतना मंच
calendar29 Nov 2025 09:14 PM
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Uttrakhand News : देहरादून। उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) गुरमीत सिंह ने राज्य में भर्ती परीक्षाओं में अनुचित तरीकों का इस्तेमाल रोकने के लिए जारी अध्यादेश को मंजूरी दे दी है।

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राज्यपाल की मंजूरी मिलने के बाद उत्तराखंड प्रतियोगी परीक्षा (भर्ती में अनुचित साधनों की रोकथाम व निवारण के उपाय) नामक अध्यादेश एक कानून बन गया है। उत्तराखंड में भर्ती परीक्षाओं में प्रश्नपत्रों के मुद्रण से लेकर परिणाम प्रकाशित करने तक में अनुचित तरीकों का इस्तेमाल करने वालों को अब अधिकतम आजीवन कारावास की सजा हो सकती है और उन पर 10 करोड़ रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। ऐसे कृत्यों से अर्जित उनकी संपत्ति भी जब्त की जाएगी। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अध्यादेश को मंजूरी देने के लिए राज्यपाल के प्रति आभार व्यक्त किया। धामी ने ट्वीट किया कि अब प्रदेश में होने वाली प्रत्येक प्रतियोगी परीक्षा में “नकल विरोधी कानून लागू होगा। उन्होंने लिखा कि हमारी सरकार द्वारा भेजे गए देश के सबसे सख्त “नकल विरोधी कानून” के अध्यादेश को माननीय राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत) गुरमीत सिंह जी द्वारा त्वरित रूप से स्वीकृत किए जाने पर हार्दिक आभार! उन्होंने लिखा कि युवाओं के हितों को ध्यान में रखते हुए हम नकल माफिया को जड़ से उखाड़ने हेतु पूर्ण रूप से प्रतिबद्ध हैं। धामी ने भर्ती परीक्षाओं में नकल रोकने के लिए बृहस्पतिवार को अध्यादेश जारी करने को अपनी मंजूरी दी थी। शुक्रवार देर रात राज्यपाल ने अध्यादेश को मंजूरी दे दी। उल्लेखनीय है कि हाल के महीनों में राज्य में प्रश्नपत्र लीक होने के कई मामले सामने आए हैं, जिसके कारण पिछले कुछ दिन में बेरोजगार युवा देहरादून में सड़कों पर उतरे। उत्तराखंड की खबरों से अपडेट रहने लिए चेतना मंच के साथ जुड़े रहें। देश-दुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमें फेसबुकपर लाइक करें या ट्विटरपर फॉलो करें।
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Uttrakhand News : देहरादून में परेड ग्राउंड के चारों तरफ निषेधाज्ञा लागू

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Uttrakhand News
locationभारत
userचेतना मंच
calendar02 Dec 2025 03:00 AM
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Uttrakhand News : देहरादून। उत्तराखंड में युवाओं के प्रदर्शन को रोकने के लिए देहरादून जिला प्रशासन ने शुक्रवार को परेड ग्राउंड के चारों ओर 300 मीटर के दायरे में दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 लगाते हुए निषेधाज्ञा लागू कर दी ।

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यह निषेधाज्ञा भर्ती परीक्षाओं में कथित घोटाले के खिलाफ बेरोजगार युवाओं के यहां जारी प्रदर्शनों को देखते हुए लागू की गयी है। पुलिस से तीखी झड़पों के बाद प्रदर्शनकारियों ने बृहस्पतिवार को पथराव कर दिया था जिसके बाद पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा जिसमें कुछ युवाओं को चोटें आयी थीं। इस दौरान कुछ पुलिसवाले भी घायल हो गए थे।

राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस पूरी घटना की मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश देते हुए मुख्य सचिव सुखबीर सिंह सन्धु से मामले की रिपोर्ट जल्द देने को कहा है।

युवाओं के प्रदर्शन से बृहस्पतिवार को दिन भर देहरादून की कई सड़कों पर जाम की स्थिति बनी रही और यातायात व्यवस्था बिगड़ गयी ।

विभिन्न भर्ती परीक्षाओं में कथित धांधली की केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराए जाने की मांग को लेकर बेरोजगार बुधवार से प्रदर्शन कर रहे हैं ।

युवाओं के आक्रोश के बीच मुख्यमंत्री ने सख्त प्रावधानों वाले उत्तराखंड प्रतियोगी परीक्षा (भर्ती में अनुचित साधनों की रोकथाम व निवारण के उपाय) अध्यादेश 2023 को अनुमोदन देते हुए राज्यपाल की मंजूरी के लिए राजभवन भेज दिया है।

इस अध्यादेश में नकल करने और नकल करवाने वाले दोषियों के लिए आजीवन कारावास तक की सजा और 10 करोड रुपए तक के जुर्माने से लेकर भविष्य में प्रतियोगी परीक्षाओं में शामिल होने पर रोक और अनुचित साधनों के इस्तेमाल से अर्जित संपत्ति की कुर्की तक के सख्त प्रावधान हैं और इसमें अपराध को संज्ञेय एवं गैर जमानती बनाया गया है।

इससे पहले, धामी ने युवाओं से कहा था कि उनकी सरकार जल्द ही देश का सबसे कड़ा नकल विरोधी कानून लाने वाली है। उन्होंने उनसे किसी के ‘बहकावे’ में न आने का आग्रह करते हुए कहा था कि उनकी सरकार युवाओं के हितों की रक्षा के लिए सजग है और किसी के साथ कोई अन्याय नहीं होने दिया जाएगा।

बेरोजगार युवाओं की मांग है कि परीक्षाएं आयोजित करने वाले राज्य अधीनस्थ सेवा चयन आयोग तथा राज्य लोक सेवा आयोग के घोटाले में लिप्त अधिकारियों एवं कर्मचारियों को भी दंडित किया जाए और नई भर्ती परीक्षाओं का आयोजन नकल विरोधी कानून लाए जाने के बाद ही किया जाए।

राज्य अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा आयोजित स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षाओं के प्रश्नपत्रों के कथित रूप से लीक होने का पिछले साल खुलासा होने के बाद से उत्तराखंड में एक के बाद एक कई भर्तियों में अनियमितताएं सामने आयीं हैं जिसके कारण उन्हें रद्द करना पड़ा। इन घोटालों की जांच के लिए गठित पुलिस का विशेष कार्यबल (एसटीएफ) अब तक बीसियों आरोपियों को गिरफ्तार कर चुका है।

राज्य सरकार के परीक्षाओं को आयोजित करने की जिम्मेदारी राज्य लोक सेवा आयोग को दिए जाने के बाद भी धांधलियों का सिलसिला नहीं थमा है। इस साल आठ जनवरी को आयोजित पटवारी भर्ती परीक्षा के प्रश्नपत्रों के भी कुछ प्रश्न कथित तौर पर लीक हो गए जिसके बाद उसे रद्द करना पड़ा था। यह परीक्षा अब दोबारा 12 फरवरी को होगी।

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Uttarakhand News : नकल माफिया को उम्रकैद और 10 करोड़ जुर्माना, जानिये क्या है कानून

Dhami
Life imprisonment and 10 crore fine to copycat mafia, know what is the law
locationभारत
userचेतना मंच
calendar29 Nov 2025 11:39 AM
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देहरादून। भर्ती परीक्षा घोटाले के खिलाफ बेरोजगार युवाओं के प्रदर्शन के बीच मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड प्रतियोगी परीक्षा (भर्ती में अनुचित साधनों की रोकथाम व निवारण के उपाय) अध्यादेश 2023 को मंजूरी दे दी। इस अध्यादेश में दोषियों के लिए जुर्माने से लेकर सजा तक के सख्त प्रावधान हैं।

Uttarakhand News : Copying Ordinance 2023

यहां जारी एक बयान के अनुसार प्रदेश में प्रतियोगी परीक्षाओं में पारदर्शिता एवं शुचिता को सुनिश्चित करने वाले अध्यादेश में कड़े प्रावधान किए गए हैं। इस अपराध को संज्ञेय एवं गैर जमानती बनाया गया है। इसके तहत, यदि कोई व्यक्ति, प्रिटिंग प्रेस, सेवा प्रदाता संस्था, प्रबंध तंत्र, कोचिंग संस्थान आदि अनुचित साधनों में लिप्त पाया जाता है तो उसके लिए आजीवन कारावास तक की सजा तथा 10 करोड़ रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है।

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अध्यादेश में किए गए प्रावधान के मुताबिक यदि कोई व्यक्ति संगठित रूप से परीक्षा कराने वाली संस्था के साथ षडयंत्र करता है तो उसके लिए भी आजीवन कारावास तक की सजा एवं 10 करोड़ रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है।

Uttarakhand News : Chief Minister Pushkar Singh Dhami

यदि कोई परीक्षार्थी प्रतियोगी परीक्षा में स्वयं नकल करते हुए या अन्य परीक्षार्थी को नकल कराते हुए अनुचित साधनों में लिप्त पाया जाता है तो उसके लिए तीन वर्ष के कारावास व न्यूनतम पांच लाख रुपये के जुर्माने का प्रावधान किया गया है। यदि वह परीक्षार्थी किसी अन्य प्रतियोगी परीक्षा में पुनः दोषी पाया जाता है तो उसके लिए न्यूनतम 10 वर्ष के कारावास तथा न्यूनतम 10 लाख रुपये जुर्माने का प्रावधान किया गया है।

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अध्यादेश के तहत यदि कोई परीक्षार्थी नकल करते हुए पाया जाता है तो आरोप पत्र दाखिल होने की तिथि से दो से पांच वर्ष के लिए डिबार करने तथा दोषसिद्ध ठहराए जाने की दशा में 10 वर्ष के लिए समस्त प्रतियोगी परीक्षाओं से डिबार किए जाने का प्रावधान किया गया है। यदि कोई परीक्षार्थी दोबारा नकल करते हुए पाया जाता है तो क्रमशः पांच से 10 वर्ष के लिए तथा आजीवन समस्त प्रतियोगी परीक्षाओं से डिबार किए जाने का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा, अनुचित साधनों के इस्तेमाल से अर्जित सम्पति की कुर्की का प्रावधान भी किया गया है। देश विदेशकी खबरों से अपडेट रहने लिएचेतना मंचके साथ जुड़े रहें। देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें।