Dharam Karma : वेद वाणी

Rigveda 1
locationभारत
userचेतना मंच
calendar02 Dec 2025 03:08 AM
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Sanskrit : आ सखायः सबर्दुघां धेनुमजध्वमुप नव्यसा वचः। सृजध्वमनपस्फुराम्॥ ऋग्वेद ६-४८-११॥ Hindi : हे मित्रों! जो विद्वान और उपदेशक प्रभावी नवीन वाणी शैली द्वारा उपदेश करते हैं। उनसे वह नवीन शैली को प्राप्त करो। अपनी वाणी को उस से युक्त करो और भाषा शैली को ओर अधिक समृद्ध और प्रभावशाली बनाओ। (ऋग्वेद ६-४८-११) English : O friends! The scholars and preachers who preach through effective new speech genre. Get that new style from them. Equip your speech with that and enrich the language genre. (Rig Veda 6-48-11)
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Dharam Karma : वेद वाणी

Rigveda 1
locationभारत
userचेतना मंच
calendar23 Feb 2022 03:37 PM
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Sanskrit : बृहद्भिरग्ने अर्चिभिः शुक्रेण देव शोचिषा। भरद्वाजे समिधानो यविष्ठ्य रेवन्नः शुक्र दीदिहि द्युमत्पावक दीदिहि॥ ऋग्वेद ६-४८-७॥ Hindi: जो दानवीर मनुष्य दूसरों के हित के लिए धन का व्यय करते हैं। वो अग्नि की तरह चमकते हैं। जो विद्वान दूसरों की प्रगति के लिए अनुसंधान के कार्य करते हैं। उनके गुण उज्जवल होते हैं जो अन्य मनुष्यों को भी सूर्य की तरह प्रकाशित करते हैं। उनका हमें सम्मान करना चाहिए। (ऋग्वेद ६-४८-७) English: People who are charitable and spend their money for the benefit of others.They shine like Agni (Fire).  Scholars who do research work for the progress of others. Their virtues shine, which illuminates other human beings like the sun. We should pay respect to such scholars. (Rig Veda 6-48-7)
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Astrology: विवाह के लिए 15 अप्रैल का करना होगा इंतजार

Cabinet clears proposal to raise minimum age for marriage of women from 18 to 21
locationभारत
userचेतना मंच
calendar22 Feb 2022 07:40 PM
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Ghaziabad: गाजियाबादः 24 फरवरी को गुरु अस्त हो रहे हैं। गुरू 18 मार्च तक अस्त रहेंगे। 14 अप्रैल तक सूर्य मीन राशि में रहेंगे। इसके चलते अब विवाह पर ब्रेक लग जाएगा। विवाह समारोह के लिए 15 अप्रैल तक का इंतजार करना होगा। आचार्य दीपक तेजस्वी ने बताया कि 23 फरवरी से 18 मार्च तक सूर्य अस्त रहेंगे। इस कारण वैवाहिक कार्य नहीं हो सकते। 14 मार्च से 14 अप्रैल तक सूर्य मीन राशि में रहेंगे। जब सूर्य धनु या मीन राशि में गोचर करते हैं तो इस अवधि को खरमास कहा जाता है। खरमास में भी विवाी करना शुभ नहीं माना जाता है। शास्त्रों के अनुसार वैवाहिक जीवन में गुरु एवं शुक्र का विशेष महत्व है। जन्मपत्री में गुरु या शुक्र निर्बल होने से गृहस्थ जीवन में दिक्कते पैदा होती हैं। इसी कारण गुरू या शुक्र के अस्त होने पर विवाह कार्य नहीं होते हैं। साधारण भाषा में गुरू या शुक्र के अस्त होने को तारा डूबना भी कहा जाता है। आचार्य दीपक तेजस्वी के अनुसार अब वैवाहिक कार्य 15 अप्रैल से शुरू होंगे। अप्रैल से जुलाई तक कुल 36 विवाह मुहूर्त हैं। अप्रैल माह में 15, 16, 19, 20, 21 22, 23, 24 27 अप्रैल विवाह के लिए शुभ मुहूर्त है। वहीं मई में 2, 3, 4, 9, 10, 11, 12, 16, 18, 20, 21, 26, 27 व 31 मई, जून माह में 1, 6, 8, 10, 11, 13, 20, 21, 22, 23, 24 जून तथा जुलाई माह में 3, 4, 5, 6, 7, 8 व 9 जुलाई विवाह के लिए शुभ रहेंगे। इसके पश्चात देवशयनी एकादशी से चातुर्मास प्रारंभ हो जाएगा जिससे 4 माह के लिए वैवाहिक कार्य वर्जित हो जाएंगे। देव उठानी एकादशी पर भगवान विष्णु के योग निंद्रा से जागने पर ही वैवाहिक व अन्य मांगलिक कार्य शुरू होंगे।