MP News: पेशाब कांड: इस तरह की माफ़ी के लिए बड़ा कलेजा चाहिए...

MP News मध्य प्रदेश में चुनाव जल्द हैं ऐसे में इस घटना से बीजेपी आलाकमान के माथे पर आए शिकन
दशमत के साथ हुई इस घटना ने चुनावी साल में बीजेपी को बैकफुट पर ला दिया है. बीजेपी समझ नहीं पा रही कि इस घटना से कैसे निपटें, पार्टी की छवि को जो धक्का लगा है उससे कैसे उबरें, क्योंकि मध्य प्रदेश में आदिवासी समाज की आबादी 21 प्रतिशत है और विधानसभा की 47 सुरक्षित सीटें आदिवासियों के लिये हैं. ऐसे में इस घटना ने आदिवासियों के वोट में सेंध लगाने की कोशिश कर रही बीजेपी को परेशान कर दिया है. जिसकी वजह से शिवराज सिंह चौहान ने डैमेज कंट्रोल करने की ज़िम्मेदारी अपने कंधो पर ली उन्होने सीधी से करीब छह सौ किलोमीटर दूर भोपाल में मुख्यमंत्री निवास पर कुर्सी पर दशमत रावत (पीड़ित) को बैठाकर पैर धुला. माला पहनाई, शॉल और श्रीफल दिए. फिर उन्हें मीठा खिलाया और बैठकर नाश्ता भी कराया. और क्षमा याचना भी की जिसका वीडियो तेज़ी से प्रसारित किया गया...इसके बाद इन सबके बीच पीड़ित का एक बयान आया जिसमें वो कहता है
‘जो गलती हुई थी उसकी सजा मिल गई। वो (प्रवेश शुक्ला) हमारे गांव के पंडित हैं उनको छोड़ दिया जाए…' साथ ही उन्होने और मांगो के सवाल पर गांव के लिए 'सड़क' बनवाने की मांग की इस तरह की माफ़ी देने के लिए बड़ा कलेजा चाहिए जो कि पीड़ित दसमत रावत के पास है लेकिन एक समाज के तौर पर उनके इस बयान में हमारी हार है ये मन को व्यथित करने वाला बयान है .. आपका इस घटना के बारे में क्या सोचना है आप हमे कॉमेंट में लिख कर भेज सकते हैंManipur Update : भीड़ ने दो वाहनों को फूंका, रुक-रुककर हो रही गोलीबारी
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दशमत के साथ हुई इस घटना ने चुनावी साल में बीजेपी को बैकफुट पर ला दिया है. बीजेपी समझ नहीं पा रही कि इस घटना से कैसे निपटें, पार्टी की छवि को जो धक्का लगा है उससे कैसे उबरें, क्योंकि मध्य प्रदेश में आदिवासी समाज की आबादी 21 प्रतिशत है और विधानसभा की 47 सुरक्षित सीटें आदिवासियों के लिये हैं. ऐसे में इस घटना ने आदिवासियों के वोट में सेंध लगाने की कोशिश कर रही बीजेपी को परेशान कर दिया है. जिसकी वजह से शिवराज सिंह चौहान ने डैमेज कंट्रोल करने की ज़िम्मेदारी अपने कंधो पर ली उन्होने सीधी से करीब छह सौ किलोमीटर दूर भोपाल में मुख्यमंत्री निवास पर कुर्सी पर दशमत रावत (पीड़ित) को बैठाकर पैर धुला. माला पहनाई, शॉल और श्रीफल दिए. फिर उन्हें मीठा खिलाया और बैठकर नाश्ता भी कराया. और क्षमा याचना भी की जिसका वीडियो तेज़ी से प्रसारित किया गया...इसके बाद इन सबके बीच पीड़ित का एक बयान आया जिसमें वो कहता है
‘जो गलती हुई थी उसकी सजा मिल गई। वो (प्रवेश शुक्ला) हमारे गांव के पंडित हैं उनको छोड़ दिया जाए…' साथ ही उन्होने और मांगो के सवाल पर गांव के लिए 'सड़क' बनवाने की मांग की इस तरह की माफ़ी देने के लिए बड़ा कलेजा चाहिए जो कि पीड़ित दसमत रावत के पास है लेकिन एक समाज के तौर पर उनके इस बयान में हमारी हार है ये मन को व्यथित करने वाला बयान है .. आपका इस घटना के बारे में क्या सोचना है आप हमे कॉमेंट में लिख कर भेज सकते हैंManipur Update : भीड़ ने दो वाहनों को फूंका, रुक-रुककर हो रही गोलीबारी
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