National: कफ सिरप से बच्चों की मौत का मामला : नोएडा की दवा कंपनी में उत्पादन रोका गया

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locationभारत
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calendar01 Dec 2025 11:16 AM
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National News : नयी दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने शुक्रवार को कहा कि मैरियन बायोटेक द्वारा निर्मित खांसी की दवा डॉक-1 मैक्स से उज्बेकिस्तान में कथित तौर पर 18 बच्चों की मौत से जुड़ी खबरों के मद्देनजर कंपनी की नोएडा इकाई में सभी उत्पादन गतिविधियों को रोक दिया गया है। ‍मांडविया ने ट्वीट कर बताया कि डॉक-1 मैक्स से उज्बेकिस्तान में कथित तौर पर 18 बच्चों की मौत से जुड़े मामले में आगे की जांच जारी है।

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उन्होंने लिखा, “खांसी की दवा डॉक-1 मैक्स के विषाक्त होने से संबंधित खबरों के मद्देनजर केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) की टीम द्वारा किए गए निरीक्षण के बाद मैरियन बायोटेक की नोएडा इकाई में सभी उत्पादन गतिविधियों को बृहस्पतिवार रात रोक दिया गया। मामले में आगे की जांच जारी है।”

मैरियन बायोटेक के कानूनी प्रतिनिधि ने भी बृहस्पतिवार को बताया था कि डॉक-1 मैक्स का उत्पादन ‘फिलहाल’ रोक दिया गया है।

मांडविया ने बृहस्पतिवार को कहा था कि दवा कंपनी के निरीक्षण के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

वहीं, उत्तर प्रदेश सरकार के एक अधिकारी ने कहा था कि मैरियन बायोटेक भारत में डॉक-1 मैक्स की बिक्री नहीं करती है और इसका निर्यात सिर्फ उज्बेकिस्तान में किया गया है।

मांडविया ने बताया था कि मैरियन बायोटेक की नोएडा इकाई से खांसी के उक्त सिरप के नमूने लेकर जांच के लिए चंडीगढ़ स्थित क्षेत्रीय औषधि परीक्षण प्रयोगशाला (आरडीटीएल) भेजे दिए गए हैं।

उन्होंने कहा था कि केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) मामले को लेकर 27 दिसंबर से उज्बेकिस्तान के राष्ट्रीय दवा नियामक के साथ लगातार संपर्क में था।

वहीं, विदेश मंत्रालय ने बताया था कि भारत सरकार उज्बेक अधिकारियों के नियमित संपर्क में है और इस मामले में उनकी जांच का विवरण मांगा गया है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा था कि कंपनी से जुड़े कुछ लोगों को राजनयिक सहायता प्रदान की जा रही है, जो उज्बेकिस्तान में कानूनी कार्रवाई का सामना कर रहे हैं।

बागची ने बताया था कि उज्बेक अधिकारियों ने औपचारिक रूप से नयी दिल्ली के समक्ष यह मामला नहीं उठाया है। उन्होंने कहा था, “बावजूद इसके, हमारे दूतावास ने उज्बेक अधिकारियों से संपर्क किया है और उनकी जांच के बारे में अतिरिक्त जानकारी मांगी है।”

वहीं, नोएडा स्थित मैरियन बायोटेक के कानूनी प्रतिनिधि हसन हैरिस ने कहा था कि दोनों देशों की सरकारें इस मामले को देख रही हैं।

उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा था, “हमारी तरफ से कोई गड़बड़ी नहीं है और हमें जांच से भी कोई दिक्कत नहीं है। हम पिछले 10 साल से वहां के दवा बाजार में सक्रिय हैं। सरकार की रिपोर्ट आने के बाद हम इस पर गौर करेंगे। फिलहाल उत्पादन रोक दिया गया है।”

उज्बेकिस्तान के इन आरोपों से पहले साल 2022 की शुरुआत में हरियाणा स्थित मेडेन फार्मास्यूटिकल्स द्वारा निर्मित खांसी के सिरप से गाम्बिया में कथित तौर पर 70 बच्चों की मौत होने संबंधी खबरें आई थीं। बाद में भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) से कहा था कि उसने गाम्बिया में बच्चों की मौत के मामले को भारत में निर्मित खांसी की दवा से जोड़ने में जल्दबाजी दिखाई।

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Barabanki News : अपनों ने विश्वासघात किया, इसलिए आत्महत्या की

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खुद को दी श्रद्धांजलि
locationभारत
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calendar02 Dec 2025 04:57 AM
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Barabanki News : बाराबंकी। उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले के फतेहपुर थाना क्षेत्र में सत्संग कार्यक्रम में हिस्सा लेने आए प्रयागराज के एक साधु का शव संदिग्ध हालात में आश्रम के कमरे में फंदे से लटकता पाया गया। शव के पास एक ‘सुसाइड नोट’ पाया, जिसमें लिखा था-अपनों ने विश्वासघात किया है और आत्महत्या का जिम्मेदार मैं स्वयं हूं। एक पुलिस अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।

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उन्होंने बताया कि मृत साधु अपनी संगत का कोषाध्यक्ष था और पुलिस को मौके से एक कथित ‘सुसाइड नोट’ भी बरामद हुआ है। वहीं, पुलिस सूत्रों ने कहा कि 27 दिसंबर को भ्रमणशील पंचायती उदासीन बड़ा अखाड़ा प्रयागराज और हरिद्वार से 50 साधुओं की टोली सीतापुर से बेलहरा और पैंतेपुर होते हुए फतेहपुर पहुंची थी। उन्होंने बताया कि महंत महेश्वरदास और महंत अद्वेतानंद के साथ कई साधु पचघरा मोहल्ले में स्थित बाबा उदासीन आश्रम में ठहरे थे, जिनमें टोली का कोषाध्यक्ष पंजाब निवासी रामदास (50) भी शामिल था। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, बृहस्पतिवार को रामदास के कमरे का दरवाजा नहीं खुलने पर लोगों ने खिड़की से झांककर देखा तो फांसी से लटकता उसका शव नजर आया। पुलिस क्षेत्राधिकारी रघुवीर सिंह और कोतवाल अनिल कुमार पांडेय ने आश्रम में मौजूद साधुओं के बयान लेने के बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। कोतवाल ने बताया कि घटना की जांच की जा रही है और जल्द ही पूरे मामले का खुलासा किया जाएगा। सूत्रों के अनुसार, कुछ साधुओं ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि रामदास के सहयोगी विमल ने बेलहरा गांव में पंगत के ठहराव के दौरान अखाड़े के कोष से दो लाख रुपये बिना बताए निकाल लिए थे। उन्होंने बताया कि विमल ने अपनी इस हरकत के लिए फोन पर माफी भी मांगी थी।  सूत्रों के मुताबिक, पुलिस विमल की तलाश कर रही है।

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Kolkata Metro Train : पानी के भीतर बनी भारत की पहली मेट्रो सुरंग

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Kolkata Metro Train
locationभारत
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calendar28 Nov 2025 05:22 AM
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Kolkata Metro Train : हावड़ा/कोलकाता। ईस्ट वेस्ट मेट्रो कोरिडोर के तहत 120 करोड़ रुपये की लागत से पश्चिम बंगाल में हुगली नदी में पानी के भीतर बन रही भारत की पहली सुरंग यात्रियों के लिए एक अद्भुत अनुभव होगी क्योंकि ट्रेनें इस सुरंग की 520 मीटर लंबी दूरी को 45 सेकंड में पार कर लेंगी।

Kolkata Metro Train :

‘यूरोस्टार’ के लंदन-पेरिस कोरिडोर का भारतीय संस्करण यह सुरंग नदी की तलहटी से 13 मीटर और जमीन से 33 मीटर नीचे है। 520 मीटर लंबी यह सुरंग कोलकाता के ईस्ट वेस्ट मेट्रो कोरिडोर का हिस्सा है जो आईटी केंद्र सॉल्ट लेक सेक्टर पांच से नदी के पार पश्चिम में पूर्वी हावड़ा मैदान को जोड़ती है। सुरंग का निर्माण पूरा हो गया है और एस्प्लेनेड तथा सियालदह के बीच 2.5 किलोमीटर के हिस्से के पूरा होने के बाद दिसंबर 2023 में इस कॉरिडोर के चालू होने की संभावना है। कोलकाता मेट्रो रेल कॉरपोरेशन के महाप्रबंधक (सिविल) शैलेश कुमार ने कहा, पूर्व-पश्चिम कॉरिडोर के लिए सुरंग आवश्यक और यह महत्वपूर्ण थी। आवासीय क्षेत्रों और अन्य तकनीकी मुद्दों के कारण नदी से मार्ग निकालना ही एकमात्र संभव तरीका था। उन्होंने कहा, हावड़ा और सियालदह के बीच मेट्रो मार्ग, सड़क मार्ग से 1.5 घंटे के मुकाबले 40 मिनट रह जाता है। यह दोनों सिरों पर भीड़ को भी कम करेगा। उन्होंने कहा कि सुरंग को पार करने में 45 सेकेंड का समय लगेगा। सुरंग में पानी के प्रवाह और रिसाव को रोकने के लिए कई सुरक्षात्मक उपाय किए गए हैं। जल को प्रवेश करने से रोकने के वास्ते इन खंडों में फ्लाई ऐश और माइक्रो सिलिका से बने कंक्रीट मिश्रण का उपयोग किया गया है।