UP Election Result 2022 चुनाव ने बताया कि जाट बहुल क्षेत्र का चौधरी कौन?

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UP Election Result
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calendar01 Dec 2025 08:39 PM
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UP Election Result 2022 उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव (UP Election Result) में इस बार शुरू से भाजपा पश्चिमी उत्तर प्रदेश खासकर (UP Election Result) जाट लैंड यानि की जाट मतदाता क्षेत्र में बड़ी मुसीबत में फंसी नजर आ रही थी। कहा जा रहा था कि किसान आंदोलन की वजह इस चुनाव में वह पिछले चुनाव के प्रदर्शन के आसपास भी नहीं फटक पाएगी। सपा-रालोद गठबंधन की मजबूती के तरह-तरह के दावे किए जा रहे थे। जाट-मुस्लिम एकजुटता के इतिहास दोहराए जाने की चर्चाएं थीं। लेकिन, अब जब पहले चरण के चुनाव का विस्तृत आंकड़ा सामने आया है तो कहानी काफी अलग नजर आ रही है। पहले चरण में मतदाताओं का मूड देखिए, जिसमें साफ हो जाएगा कि असल में जाट लैंड का चौधरी कौन है ?

UP Election Result 2022

साल भर लंबे चले किसान आंदोलन की वजह से इस चुनाव में माना जा रहा था कि भाजपा का गढ़ बन चुका पश्चिमी उत्तर प्रदेश का जाट लैंड ही इसबार उसपर भारी पड़ेगा। कहा जा रहा था कि भाजपा के कट्टर समर्थक रहे जाट वोटर अबकी बार उससे बहुत ज्यादा नाराज हैं। किसान आंदोलन के नेता राकेश टिकैत खुद को जाटों का प्रतिनिधि बताते हुए ऐसे दावे कर रहे थे कि 2022 में तो मुस्लिम-जाट गठबंधन कमल को पूरी तरह से उखाड़ फेंकेगा।

दावा किया जा रहा था कि मुजफ्फरनगर दंगों के बाद पहली बार जाट और मुस्लिम मिलकर भाजपा के खिलाफ वोट कर रहे हैं और पिता अजीत सिंह के निधन के चलते छोटे चौधरी जयंत को जाटों का सहानुभूति वोट भी पक्का है। लेकिन, जाट लैंड में पहले पहले चरण की वोटिंग के जो सूक्ष्म आंकड़े सामने आए हैं, उससे इन दावों की हकीकत सामने आ गई है।

यूपी के पहले चरण का चुनाव परिणाम न सिर्फ जाटों की नाराजगी के दावे करने वाले नेताओं की पोल खोल रहा है, बल्कि चुनावी पंडितों के लिए भी चौंकाने वाला है। क्योंकि, बीजेपी ने न सिर्फ 11 जिलों की 58 में से इस बार भी अधिकतर 46 सीटें जीत ली हैं, बल्कि उसे लगभग 50 प्रतिशत वोट भी मिले हैं। जबकि, सपा और आएलडी गठबंधन के लिए जो माना जा रहा था कि ये बीजेपी का क्षेत्र में सूपड़ा साफ कर देंगे, वे सिर्फ 31 प्रतिशत वोट ही ला पाए हैं।

स्पष्ट है कि दावों के विपरीत जाटों के एक बड़े तबके ने भाजपा और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यकाल में बेहतर हुए कानून और व्यवस्था के दावे पर यकीन करके उनके लिए वोटिंग की है। खासकर इसमें महिला वोटरों का बहुत ही बड़ा रोल है।

सच तो यह है कि इस फेज में भी जो 24 जाट-बहुल सीटें थीं, उनमें से 18 भाजपा ने जीती है और 2017 से उसे सिर्फ एक सीट का नुकसान हुआ है। वहीं जाटों की पार्टी राष्ट्रीय लोक दल को 4 और समाजवादी पार्टी को 2 सीटें मिली हैं। भाजपा को सही मायने में सिर्फ शामली के कैराना में झटका लगा है, जहां से केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने इस बार चुनाव अभियान की शुरुआत की थी। यही नहीं सपा गठबंधन ने शामली की तीनों सीटें भी जीत ली हैं। जबकि, भाजपा ने 6 जिलों- गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद, बुलंदशहर, हापुड़, आगड़ा और अलीगढ़ में पूरी तरह से विपक्ष का काम तमाम कर दिया है।

पहले चरण की 58 सीटों में भाजपा को 2017 में 46.3 प्रतिशत (53 सीट) वोट मिले थे। इसबार उसे 49.7 प्रतिशत (46 सीट) या लगभग आधे वोट मिले हैं। वहीं समाजवादी पार्टी को 2017 में यहां 14.3 प्रतिशत वोट मिले थे, जबकि इस बार उसे 15.8 प्रतिशत वोट मिले हैं। अलबत्ता उसके सहयोगी राष्ट्रीय लोक दल का वोट शेयर इस बार दोगुना से ज्यादा जरूर हुआ है। 2017 में आरएलडी को 7.1 प्रतिशत वोट मिले थे, इस बार उसे 15.9 प्रतिशत वोट मिले हैं।

पूरे यूपी की तरह सबसे ज्यादा नुकसान में बसपा है। 2017 में मायावती की अगुवाई वाली पार्टी को 22.5 प्रतिशत वोट मिले थे, इसबार उसे सिर्फ 13.6 प्रतिशत वोट मिले हैं। इसी तरह कांग्रेस को पिछली बार सपा के साथ गठबंधन में 6.6 प्रतिशत वोट मिले थे, लेकिन इस बार पहले चरण में वह सिर्फ 2.1 प्रतिशत वोट ही ले सकी है।

आरएलडी का प्रदर्शन पिछली बार से काफी सुधरा है और 2017 में मिली एक सीट से पहले चरण में सात सीटों का इजाफा करने में वह सफल रहा है। वहीं, समाजवादी पार्टी का प्रदर्शन दावे के मुताबिक नहीं रहा है और वह इस चरण में 2017 के दो सीट से कुछ ज्यादा 5 सीटें जीत पाई है। जबकि, बसपा को इस चरण में पिछले चुनाव में 2 सीटें मिली थीं, इस बार उसका यहां खाता भी नहीं खुला है। सीटों के मामले में कांग्रेस के पास इसबार रोने के लिए कुछ भी नहीं है, क्योंकि 2017 में भी उसे इस चरण में एक भी सीट नहीं मिली थी।

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UP Results 2022: चुनाव में हार के बाद स्वामी प्रसाद मौर्य को अब भी विधानसभा भेजेगी सपा

UP Results 2022 SP will still send Swami Prasad Maurya to the assembly after every election Akhilesh has prepared a plan featured images chetnamanch
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calendar02 Dec 2025 03:34 AM
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UP Results 2022: उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव (UP Assembly Results 2022) में समाजवादी पार्टी भले ही सरकार बनाने के लिए जरूरी बहुमत हासिल करने में नाकाम रही हो, पर उसकी सीटो और मत प्रतिशत में इस बार अच्छा खासा इजाफा हुआ है। समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेताओ का मानना है कि, सपा के मतों में इस भरी इजाफे के पीछे स्वामी प्रसाद मौर्य सहित अन्य कई दूसरे नेताओं का योगदन है। सूत्रो के मुताबिक, वरिष्ठ नेताओकी राय है कि, पार्टी स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) को पूरा सम्मान देते हुए उन्हे विधानसभा जरूर भेजे।
इसी बीच खबर है कि, समाजवादी पार्टी सुप्रीमो अखिलेश यादव अपनी आजमगढ़ की सांसदी बरकरार रखते हुए, करहल विधान सभा सीट त्याग देंगे। सूत्रो के मुताबिक, सपा इस बात भी विचार कर रही है कि, अखिलेश के इस्तीफे के बाद करहल सीट के उपचुनाव में मौर्य को पार्टी का उम्मीदवार बनाया जाए। स्वामी प्रसाद मौर्य ने रविवार को लखनऊ में समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) से मुलाकात की थी और सूत्रो के अनुसार दोनो नेताओ के बीच इस अहम मुद्दे पर चर्चा भी। उत्तर प्रदेश चुनाव से ठीक पहले भारतीय जनता पार्टी छोड़कर समाजवादी पार्टी में शामिल हुए स्वामी प्रसाद मौर्य को पार्टी ने हल ही में हुए यूपी विधानसभा चुनाव में कुशीनगर की फाजिलनगर सीट से चुनाव मैदान में उतारे थे लेकिन वह चुनाव में हार गए। >> यह भी पढ़े:- Satyapal Malik: ‘किसानों से पंगा न लें, वे खतरनाक लोग हैं’ सत्यपाल मलिक की केंद्र को चेतावनी वही अखिलेश यादव ने करहल सीट पर 67 हजार से अधिक वोटो से जीत दर्ज करी थी। स्वामी प्रसाद मौर्य को उत्तर प्रदेश की सियासत में गैर -यादव अन्य पिछड़ा वर्ग का एक प्रमुख नेता माना जाते रहा है। ऐसे में समाजवादी पार्टी अपनी सबसे सुरक्षित सीट मानी जाने वाली करहल से स्वामी प्रसाद मौर्य को उपचुनाव में उतारती है तो स्वामी प्रसाद का विधानसभा जाना लगभग तय माना जा रहा है। >> यह भी पढ़े:- PM मोदी और BJP अध्यक्ष से मिलेंगे योगी आदित्यनाथ, होली के बाद हो सकता है शपथग्रहण
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UP में शिवपाल सिंह यादव होंगे प्रतिपक्ष के नेता, अखिलेश यादव का ऐलान

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calendar13 Mar 2022 09:56 PM
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Shivpal Singh Yadav: लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (UP Election 2022) में बीजेपी को टक्कर देकर बड़ी विपक्षी पार्टी के रूप में उभरी समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने अपने चाचा और प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव (Shivpal Singh Yadav) को नेता प्रतिपक्ष बनाने का ऐलान किया है। सपा के टिकट पर इटावा के जसवंतनगर से विधायक निर्वाचित हुए प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के अध्यक्ष शिवपाल को सपा विधायक दल का नेता घोषित किया गया है जसवंतनगर सीट से विधायक व प्रसपा अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव (Shivpal Singh Yadav) ने चुनाव परिणामों को लेकर कहा कि सपा के पक्ष में अच्छा माहौल था। पार्टी का वोट प्रतिशत बढ़ा है लेकिन खामियां कहीं न कहीं रह गईं। हम लोग समीक्षा कर उन खामियों को दूर करेंगे। हम बैठने वाले नहीं हैं, जनता के बीच रहेंगे। शिवपाल सिंह यादव विधानसभा में अब नेता प्रतिपक्ष की भूमिका में रहेंगे। पहले यह पद राम गोविंद चौधरी के पास था, लेकिन बलिया के बांसडीह से चुनाव हारने के बाद वह इस दौड़ से बाहर हो गए हैं। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने 21 मार्च को लखनऊ में पार्टी के सभी निर्वाचित विधायकों की बैठक भी बुलाई है। सभी विधायकों को पार्टी कार्यालय में बुलाया गया है, जहां पर अखिलेश यादव सुबह 11 बजे से उनसे भेंट भी करेंगे।

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अखिलेश यादव ने यह संकेत भी दे दिया है कि वह मैनपुरी के करहल से चुनाव जीतने के बाद अब विधानसभा सदस्य के पद से इस्तीफा दे देंगे। वह आजमगढ़ से समाजवादी पार्टी से सांसद हैं। जहां से सपा को बड़ी सफलता मिली है। पूर्वांचल में समाजवादी पार्टी ने शानदार प्रदर्शन किया है। इसके साथ ही अखिलेश यादव का फोकस 2024 के लोकसभा चुनाव पर भी है।