Business News : बीमा कानून (संशोधन) विधेयक पारित होने पर समग्र लाइसेंस पर एलआईसी कर सकती है विचार

Lic
LIC may consider composite license if Insurance Laws (Amendment) Bill is passed
locationभारत
userचेतना मंच
calendar02 Dec 2025 03:01 AM
bookmark
प्रस्तावित विधेयक में यह प्रावधान है कि कोई भी आवेदक किसी भी प्रकार या श्रेणी के बीमा व्यवसाय के एक या अधिक वर्गों/उप-श्रेणियों के पंजीकरण के लिए आवेदन कर सकता है। हालांकि पुनर्बीमा कंपनियों के बीमा व्यवयाय की किसी अन्य श्रेणी के लिए पंजीयन करवाने पर रोक है। वहीं, समग्र लाइसेंस होने से बीमा कंपनियां एक ही कंपनी के जरिए सामान्य और स्वास्थ्य बीमा सेवाओं की पेशकश कर सकेंगी। नई दिल्ली। सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) संसद में बीमा कानून (संशोधन) विधेयक पारित होने के बाद समग्र लाइसेंस खंड पर विचार कर सकती है। सूत्रों ने यह जानकारी दी।

Tunisha Sharma की मौत मामले में पुलिस ने सहायक कलाकार को किया गिरफ्तार

Business News

प्रस्तावित विधेयक में यह प्रावधान है कि कोई भी आवेदक किसी भी प्रकार या श्रेणी के बीमा व्यवसाय के एक या अधिक वर्गों/उप-श्रेणियों के पंजीकरण के लिए आवेदन कर सकता है। हालांकि पुनर्बीमा कंपनियों के बीमा व्यवयाय की किसी अन्य श्रेणी के लिए पंजीयन करवाने पर रोक है। वहीं, समग्र लाइसेंस होने से बीमा कंपनियां एक ही कंपनी के जरिए सामान्य और स्वास्थ्य बीमा सेवाओं की पेशकश कर सकेंगी।

Getaer Noida: ठंड से ठिठुर रही बच्ची के लिए दरोगा की पत्नी बनी भगवान, पिलाया अपना दूध

सूत्रों ने बताया कि एलआईसी बीमा संशोधन विधेयक के पारित होने की स्थिति में समग्र लाइसेंस तथा अन्य मुद्दों पर जीवन बीमा निगम अधिनियम, 1956 को ध्यान रखते हुए विचार करेगी। बीमा अधिनियम 1938 और बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण अधिनियम 1999 में संशोधन करने के प्रस्ताव वाले इस विधेयक को बजट सत्र में संसद के पटल पर रखा जा सकता है। वित्त मंत्रालय बीमा कानून में संशोधन पर अभी व्यापक स्तर पर विचार-विमर्श कर रहा है।

Greater Noida News : क्रिसमस पर ज्ञानशाला के नन्हें मुन्नों के साथ बांटी त्योहार की खुशियां

Business News

प्रस्तावित संशोधन मुख्य रूप से पॉलिसी धारकों के हितों को बढ़ावा देने, पॉलिसी धारकों के रिटर्न को बेहतर बनाने और बीमा बाजार में अन्य कंपनियों के प्रवेश को सुगम बनाने से संबंधित हैं ताकि नए रोजगार का सृजन हो और आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा मिले। मौजूदा समय में देश में 24 जीवन बीमा कंपनियां और 31 गैर-जीवन या सामान्य बीमा कंपनियां काम कर रही हैं।
अगली खबर पढ़ें

MP News : एमपी के किसानों ने हरी मटर का एमएसपी तय करने के लिए किया प्रदर्शन

Kisan
Farmers of MP demonstrated to fix the MSP of green peas
locationभारत
userचेतना मंच
calendar02 Dec 2025 03:22 AM
bookmark
पटेल ने बताया कि किसान चाहते हैं कि राज्य सरकार खुले बाजार में हरी मटर के कारोबार के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य तय करे। उन्होंने कहा कि जिले के किसानों की यह मांग लंबे समय से लंबित है। पटेल ने कहा कि ऐसे मानदंडों के अभाव में यदि खुले बाजार में हरी मटर का भाव कम हो जाता है तो इसका नुकसान वर्तमान में किसानों को उठाना पड़ता है। स्थानीय मंडियों में वर्तमान में किसानों को हरी मटर के बदले 10 से 20 रुपये प्रति किलोग्राम कीमत मिल रही है, जो बहुत कम है। जबलपुर (मप्र)। मध्य प्रदेश में हरी मटर की खेती में शामिल किसानों ने अपनी उपज का वाजिब मूल्य न मिलने के विरोध में जबलपुर-भोपाल राष्ट्रीय राजमार्ग पर प्रदर्शन किया। उन्होंने मध्य प्रदेश सरकार से खुले बाजार में हरी मटर का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) तय करने की मांग भी की।

National News : दुनिया की सबसे सुंदर विवाहित महिला का ताज भारत की बेटी के सिर

MP News

भारतीय किसान संघ के राष्ट्रीय प्रवक्ता राघवेंद्र पटेल ने रविवार को बताया कि किसानों द्वारा किया गया विरोध-प्रदर्शन महत्वपूर्ण है, क्योंकि मध्य प्रदेश सरकार ने जबलपुर जिले के लिए ‘एक जिला एक उत्पाद योजना’ के तहत हरी मटर का चयन किया है। उन्होंने कहा कि जिले में बड़े पैमाने पर हरी मटर उगाई जाती है और देश के कई अन्य राज्यों में इसकी आपूर्ति भी की जाती है।

Meerut News : मेरठ : घर में संदिग्ध अवस्था में मिला दो भाइयों का शव, वजह जानकर आप भी चौंक जाएंगे

MP News

पटेल ने बताया कि किसान चाहते हैं कि राज्य सरकार खुले बाजार में हरी मटर के कारोबार के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य तय करे। उन्होंने कहा कि जिले के किसानों की यह मांग लंबे समय से लंबित है। पटेल ने कहा कि ऐसे मानदंडों के अभाव में यदि खुले बाजार में हरी मटर का भाव कम हो जाता है तो इसका नुकसान वर्तमान में किसानों को उठाना पड़ता है। स्थानीय मंडियों में वर्तमान में किसानों को हरी मटर के बदले 10 से 20 रुपये प्रति किलोग्राम कीमत मिल रही है, जो बहुत कम है।
अगली खबर पढ़ें

Stock Market: इस हफ्ते बाजार में लगातार होता रहा उतार-चढ़ाव, कैसी रहेगी बाजार की चाल

Stock Market
Stock Market
locationभारत
userचेतना मंच
calendar02 Dec 2025 12:38 AM
bookmark
Stock Market: चीन से निकली कोरोनावायरस की जानकारी ने दुनिया में खलबली मचाकर रख दिया है। जापान और अमेरिका भी बड़ी संख्या में दैनिक मामले दर्ज होना शुरु हो गए हैं। इसका वजह सेचीन में सख्त लॉकडाउन से वैश्विक शेयर बाजारों में घबराहट होना शुरु हो गई है। निवेशकों को स्थिति में उभरने पर नजर रखने की जरुरत है। वहीं घरेलू मार्केट में प्रभावित हुए हैं। भारतीय शेयर बाजार (Stock Market) में गुरुवार की बात करें तो यानी 22 दिसंबर को लगातार तीसरे दिन गिरावट होकर बाजार बन्द हो गया। सेंसेक्स 241 अंक (0.39%) कम होने के बाद 60,826 पर बंद हो गया था। वहीं निफ्टी 71 अंक (0.39%) गिरने के बाद 18,127 के स्तर पर आ गया था। सेंसेक्स के 30 में से 24 शेयर्स में गिरावट हुई है। इससे पहले 21 दिसंबर को भी शेयर बाजार में भारी गिरावट होना शुरु हो गई थी। बुधवार को सेंसेक्स 635 अंक (1.03%) गिरकर 61,067 अंक पर पहुंचकर बन्द हो गया था। वहीं निफ्टी 186 अंक (1.01%) गिरकर 18,199 के स्तर पर बना हुआ था।

इन शेयर्स में हुई बढ़त

इन शेयर्स मे बढ़त देखने को मिल गई है। निवेशकों को काफी फायदा हुआ है। इसमें सन फार्मा, अल्ट्राटेक सीमेंट. SBI. अपोला, अपोलो हाॅस्पिटल, डिविस लेबोरेट्रीज,अडाणी इंटरप्राइजेज. टीसीएस. रिलायंस, अडाणी पोर्टस, एम एण्ड एम में बढ़त हो चुकी है। जिसकी वजह से निवेशकों को फायदा हुआ है।

इन शेयर्स में हुई गिरावट

कुछ शेयर्स में गिरावट देखने को मिली है। इन स्टाॅक की वजह से काफी नुकसान हुआ है। इसमें अडाणी पोर्टस, हिंडाल्को, यूपीएल, बजाज फिनजर्व, अल्ट्राटेक सीमेंट, आयशर मोटर्स, टाटा मोटर्स, हिंदुस्तान यूनिलीवर, टीसीएस, ओएनजीसी और टाटा मोटर्स में गिरावट देखने को मिली है।

निवेशकों को हुआ अधिक नुकसान

इस हफ्ते में निवेशकों को काफी झटका लगा है। वहीं शेयर्स में गिरावट होने के बाद लगातार निवेशकों सचेत रहने की जरुरत है। पिछले सात सत्र में मार्केट में गिरावट होने से निवेशकों को पहले ही 16 लाख करोड़ रुपये से अधिक नुकसान हो गया है। वैश्विक शेयरों में शुक्रवार को मिला-जुला रुख रहा क्योंकि साल का आखिरी पूर्ण कारोबारी सप्ताह करीब आ रहा है, अमेरिकी मुद्रास्फीति के आंकड़ों में उछाल के साथ पिछले 12 महीनों में बढ़ती कीमतों और ब्याज दरों ने निवेशकों की सोच को मौलिक रूप से बदल दिया है।

इस वजह से रुपये में हुई गिरावट

कच्चे तेल की कीमतों में मजबूती और ब्याज दरों में बढ़ोतरी को लेकर बढ़ती चिंताओं के बीच घरेलू शेयरों में भारी गिरावट के कारण शुक्रवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 7 पैसे की गिरावट के साथ 82.86 पर बंद हुआ।

कब बाजार में होगी उछाल

बाजार में उतार चढ़ाव भी करेक्शन की तरफ इशारा कर रहे हैं। वेश्विक स्तर मे मार्केट में उतार-चढ़ाव होने की संभावना है। हालांकि शेयर बाजार में आगामी आंकड़ों को लेकर कुछ भी स्पष्ट नहीं हैं। वहीं वैश्वक बाजार में सुधार के बाद ही बाजार में दोबारा रिकवरी शुरु हो जाएगी।